Friday 16 December 2016

क्या मुसलमानों के अंदर हिन्दू-विरोध जेनेटिक है?

मैं निजी तौर पर जिस भी मुस्लमान से मिला वो सभी मोदी, आरएसएस, बजरंग दल, भगवा, हिंदुत्व आदि के बारे में विरोधी विचार ही रखते हैं... ऐसा पाया।
ये कौन सा खानदानी गुण है, मेरे लिए भी अबूझ पहेली है, किसी मुस्लमान से मिलो तो लगता है पैदा होने के पहले ही इसके अंदर हिंदुत्व विरोधी भावना भर दी गयी हो।

हर कोई इस्लाम इस्लाम... कुरआन कुरआन... और पाकिस्तान पाकिस्तान के नारे के साथ पैदा लेता है क्या ?

इस पर आप वैज्ञानिक पक्ष से सोचिये.. डीएनए तो हिंदुओं का है पर गुण माँ बाप के वजह से बदला जा सकता है। एक लंबे समय पश्चात वैसा ही दुर्भावनयुक्त शिशु पैदा लेता है जैसी दुर्भावना उसके माँ बाप के अंदर होते हैं।

आप कहेंगे माँ बाप भी तो हिन्दू डीएनए वाले हैं , ये सच है लेकिन अगर किसी वजह से उनकी बुद्धि भ्रष्ट होती है तो वो प्रभाव उसके बच्चे पर आने में देर नहीं लगती।

मान लीजिए एक मुस्लिम दम्पत्ति हैं और उनको कुरआन की शिक्षा मिलती है या मस्जिदों से या मदरसों से हिन्दू विरोधी शिक्षा मिलती है और वो हिंदुओं के प्रबल विरोधी हो जाते हैं ... तो जब उसके बच्चे पैदा होंगे तो उसके बच्चे को मदरसे और मस्जिद या मुल्वी से हिन्दू विरोधी शिक्षा लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि उसके माँ बाप के वो गुण अब उसमे आलरेडी आ चुके हैं वो भी पैदा होने से पहले ही।

हो सकता है आपने गायन, नृत्य या कुछ सीखा हो तो आपके बच्चे अगर उसके बाद पैदा होते हैं तो उसमें वो एक गुण जरूर होगा, आपके संस्कार उसके अंदर आ चुके होते हैं। नेता का पुत्र नेता, गायक का गायक, अभिनेता का अभिनेता, डॉक्टर का डॉक्टर आदि इसी का परिणाम है। अगर वो दूसरा करियर भी चुन ले तो भी उसके अंदर वो पिता या माँ का गुण रहता ही है।

अब अगर इसके बाद भी आप किसी मुस्लिम को सुधारने या बदलने की सोचते हैं तो बहुत बड़े मुर्ख है, उनको बदल कर भी उसके अंदर का वो गुण कभी नहीं हटा पाओगे। एक ना एक दिन उसका वो सोया पड़ा गुण जागेगा जरूर और उस दिन आप कहोगे कि उसने विश्वासघात किया है लेकिन वास्तव में मुर्ख आप है।