Thursday 31 January 2019

"खान" सरनेम मुस्लिम नहीं तो क्या है ?

सभी लोग जानना चाहते थे कि "खान" सरनेम मुस्लिम नहीं है तो चंगेज खान कौन था और इस विषय पर ये जानकारी ...
कि चंगेज खान का  वैसे असली नाम तेमुजिन था... 1162 में जन्म हुआ था। 12 वर्ष की आयु में बोरते नाम की लड़की पत्नी बनी जिसका अपहरण हो गया था... और उसी को छुड़ाने के लिए इसने पहली बार युद्ध के मैदान में पांव रखा.. और पत्नी को छुड़ाया भी।

खान शब्द का मुस्लिम होना तो छोड़िए.. ये आदमी मुस्लिम का इतना बड़ा शत्रु रहा... कि एक समय पूरे विश्व से इस्लाम को पूर्ण सफाए के कगार पर ला खड़ा किया.. मस्जिदों में घुसकर नरसंहार करता और कुरान को सबके सामने घोड़े से रौंदवाता और जलाता था, इसलिए जो भी लोग आज खान सरनेम लगाते हैं उन्हें शर्म से डूब मरना चाहिए।

2003 में एक सामूहिक डीएनए टेस्ट में पता चला कि पूरे यूरेशिया में लोगों का डीएनए पैटर्न चंगेज खान से मेल खाता है।।

दरअसल हुआ ये कि इस्लाम के शासक जिस भी जगह हमले करते और कब्ज़ा करते थे तो सबसे पहले उस देश की स्त्रियों के साथ रेप करते, बीवी बनाते थे.. विश्व मे युद्ध के बाद ऐसी घिनौनी शुरुआत मुस्लिम शासकों ने ही की, इसके जवाब में चंगेज खान ने भी "जैसे को तैसा" करने का सोचा और जिस भी इस्लामिक देशों पर हमले किये और जीते तो उनकी स्त्रियों के साथ रेप किया, बच्चे पैदा किये और छोड़ गए... डीएनए संरचना जन्मजात होती है और उसमें बाद में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं किया जा सकता।

अजीब बात ये है कि आप सोचेंगे कि फिर चंगेज खान भी मुस्लिम शासकों जैसा ही था पर उनके जीवन के अध्ययन करने से ये बात सामने आती है कि वो यौनकुंठित शासक नहीं था, यह काम उसने सिर्फ इस्लामिक देशों के ऊपर आक्रमण के समय ही किया।

मुसलमानों में तो यह मान्यता हो गयी थी कि चंगेज खान ही अल्लाह का कहर है।

एक दिलचस्प बात यह है कि उसके रक्तपात ने वातावरण से 70 करोड़ टन कार्बन हटाने में मदद की। विश्व की बड़ी आबादी मिट गई और वहां जंगल पैदा हो गयी।। उसके हमलों से खेती वाली जमीन जंगलों में तब्दील हो गई जिसके पेड़ों ने तकरीबन 70 करोड़ टन कार्बन वातावरण से सोख लिया।

वैसे "खान" शब्द ये मंगोल इस्लाम के उदय से पहले ही लगाते रहे हैं जिसका अर्थ है नेता।
सिर्फ इस्लामिक देशों की स्त्रियों के साथ बलात्कार की वजह से अकेले चंगेज खान ही हज़ारों मुस्लिम बच्चों का बाप था, और उसके सैनिकों का लाखों में.. शायद यही कारण है कि आज मुस्लिमों के बच्चों में खान नाम प्रचलित हुआ।।