Friday 30 October 2015

हिजड़ा बनाने की परंपरा इस्लाम ने शुरू की

ये हिजड़ा बनाने और होने की प्रथा भी इस्लाम ने ही चलायी है .. एक तरफ कुरान लड़कों के साथ दुराचार को बुरा कहती है ,और दूसरी तरफ लोगों को जन्नत में सुन्दर लडके मिलने का प्रलोभन देती है| कुरानमें इनका ऐसा वर्णन है -
" और उनके चारों तरफ लड़के घूम रहे होंगे ,वह ऐसे सुन्दर हैं ,जैसे छुपे हुए मोती हों "सूरा -अत तूर 52 :24 (कुरान (وَيَطُوفُ عَلَيْهِمْ غِلْمَانٌ لَّهُمْ كَأَنَّهُمْ لُؤْلُؤٌ مَّكْنُونٌ 52:24

"वहां ऐसे किशोर फिर रहे होंगे जिनकी आयु सदा एक सी रहेगी (immortal youths ) सूरा -अल वाकिया 56 :१७

इन लड़कों की हकीकत कुरान की इस आयत से पता चलती है ,जो कहती है कि, "ऐसे पुरुष जो औरतों के लिए अशक्त हों (who lack vigour ) सूरा -नूर 24 :३१ बोलचाल की भाषा में हम ऐसे पुरुषों नपुंसक या हिजड़ा (Eunuchs ) कहते हैं .मुस्लिम शासक कई कई औरते रखते थे ,और हरम की रक्षा के लिए हिजड़े रखते थे .जिन्हें "खोजा सरा" कहा जाता था |

आज भी ये प्रथा अफगानिस्तान ,पाकिस्तान , अरब में मौजूद हैजिसे "बच्चा बाजी " कहा जाता है ,इसी तरह भारत में हिजड़ा बनाने कि प्रथा भीमुस्लिम शासक ही लाये थे जिनको "मुखन्निस(Arabic مخنثون "effeminate ones") कहते हैं |यह ऐसे लडके या पुरुष होते हैं ,जिनका पुरुषांग काट दियाजाता ताकि वह स्त्री जैसे दिखें .और जब वह हरम में काम करें तो वहां की औरतोंसे कोई शारीरिक सम्बन्ध नहीं बना सकें परन्तु इनका मालिक इनसे समलैंगिक संबंध बना सके |

बच्चा बाजी(Pederasty) - इसमे छोटे छोटे लड़कों या तो खरीद कर या अगवा करके उठाव लिया जाता है| फिर उनको लड़कियों के कपडे पहिना कर नाच कराया जाता है और नाच के बाद उनके साथ कुकर्म किया जाता है |कभी कभी ऐसे लड़कों को खस्सी करके (Castrated ) हिजड़ा बना दिया जाता है |

यह परम्परा अफगानिस्तान ,सरहदी पाकिस्तान में अधिक है| इस कुकर्मके लिए 9 से 14 साल के लड़को को लिया जाता है |

मुस्लिम शासकों ने हिजड़े बनाये- अरब लोगों में गिलमा यानी Salve Boys रखने की पहुत पुरानी परम्परा है, इसे इज्जतदार होने की निशानी समझा जाता था .अमीर उन गिलमा लड़कों के साथकुकर्म किया करते थे| कुरान में गिलमा के बारे में सुन्दर लडके कहा गया है .लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि गिलमा लडके हिजड़े होते हैं ,जिन्हें कमआयु में ही Castrated करके हिजड़ा बना दिया जाता है | इसके बारे मेंप्रमाणिक और विस्तृत जानकारी खलीफा अल रशीद और खलीफा अल अमीन के इ���िहास सेमि��ती है जिसे सन 1948 में लन्दन से प्रकाशित किया गया था किताब का नाम "Hitti PK (1948) The Arabs : A Short History, Macmillan, London, p. 99उसी से यह अंश लिए जा रहे हैं| दसवीं सदी ने खलीफा अल मुकतदिर (908 -937 ) ने बगदाद में अपने हरम में रखने के लिए 11 हजार लड़कों को हिजड़ा बनवाया ,जिनमे 7 हजार हब्शी और 4 हजार लडके ईसाई थे ( पेज 174 -175 ) इसका एकउद्देश्य तो उनके साथ कुकर्म करना था और दूसरा उदेश्य पराजित लोगों को अपमानित करना भी था| बाद में यही काम भारत में आनेवाले हमलावर मुस्लिमशासकों ने भी किया ,जैसे जब बख्तियार खिलजी ने बंगाल पर हमला किया था ,तोउसने बड़े पैमाने पर 8 से 10 साल के पराजित धर्म के बच्चों को हिजड़ा बना दिया था इस से पहले सुल्तान अला उद्दीन खिलजी ,मुहम्मद तुगकक और फिरिज तुगलक ने भी हिजड़े बनवाये थे| इनका मुख्य मकसद था की पराजित शत्रु का वंशवृद्धि ना हो सके और दूसरा करण आप जान ही गये होंगे | महमूद गजनवी और उसके हिजड़े गुलाम के "गिलमा बाजी" (homo sexual ) प्रेम यानि कुकर्म (Sodomy ) को इकबाल जैसे शायर ने भी आदर्शबताया है | मैं इस लेख के द्वारा अपने मुस्लिम भाइयों से ऐ पूछना चाहता हूँ की जन्नत मेंजिन गिलमाओं का जिक्र है वो किसलिये है? क्या ऐ समलैंगिक संबंधो को बढ़ावानही देते ? क़ुरान में समलैंगिक सम्बंधो को हरम कहा गया है फिर उपर दियेगये आयते क़ुरान में क्यों है? क्या जो बच्चा बाजी अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान में होती है उसकी मान्यता इस्लाम देता है ?

1400 साल से आज तक यही सब कर रहे हैं । गलत परम्परा की शुरुआत ये कर देते हैं और 100 साल बाद कहते हैं ये तो गलत परम्परा इस देश में पहले से था .. हम तो मिटाने आये हैं ..420 है भाई

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