Wednesday 22 July 2015

शिवसेना प्रांतवाद के नाम पर हिन्दुओं को ही क्यूँ लडवाती है ?

हिन्दू नेताओं की भी बहुत बातें समझ नहीं आती .. अगर इन पर कुछ बोलता हूँ तो लोगों को बुरा लगता है .. लेकिन कुछ बातें हैं जो मुझे उलझा देती है .. बाला साहेब ठाकरे जी हिंदुत्व के लिए जान दिए रहते थे .. लेकिन फिर वो और उनके शिवसैनिक पूरी जिंदगी .. बिहारी (हिन्दू ) और मद्रासी, तमिल (हिन्दू ) वालों को भगाने में क्यूँ लगे रहे ? जबकि कभी मुसलमानों को भगाने के लिए ऐसा ही प्रयास क्यूँ नहीं किया .. ? यहाँ तक कि ऐसा बयान भी नहीं दिया ..

अब महाराष्ट्र वाले हिन्दू को ......बिहार के हिन्दू अच्छे नहीं लगते ... बिहार वाले को यहाँ के नहीं .. और पंजाब वाले को सिर्फ पंजाबी अच्छे लगते हैं .. और ऐसे ही प्रदेश के लोगों का एक अलग धर्म और जाति ही बन गया है जो हिन्दू नहीं है./... खुद को हिन्दू मानता है पर इसी देश के दुसरे हिन्दू से नफरत करता है और मारता पीटता है ...

और जिसको भगाना चाहिए उसको कुछ कहता ही नहीं .. याने मुस्लिम को.... तो शिवसेना का ये बरसों पुराना चला आ रहा .. हिन्दू से हिन्दू को लड़वाने की नीति वास्तव में मुस्लिम के लिए काम आसान करता है या नहीं ? क्या आज तक शिवसेना समझ ही नहीं पायी है कि उसके और देश के असली शत्रु कौन है ?

इस्लाम के पवित्र शब्द लिख कर किया गया सारे बुरे कर्म भी जायज

बजरंग दल और विहिप के द्वारा जम्मू कश्मीर में आई एस आई एस का झंडा जला दिया गया .. वही ISIS जिसने अब तक लाखों लोगों को कसाइयों की तरह मारा है .. जिसने महिलाओं की इज्जत लुटी है .. जो भारत के ऊपर भी आक्रमण कर इस्लामिक देश में बदल देने की बात कही है .. और जिसके झंडे अब भारत में इसके लोग लहराने लगे हैं ... 

लेकिन अब भारत के मुस्लिम अपने प्रिय ISIS के झंडे के जल जाने के बाद कैसे चुप रहते ... अरे भाई .....आखिर यही तो है असली इस्लाम .. .जिहाद बलात्कार हत्या...

इस झंडे को जलाए जाने के बाद कश्मीर में तोड़ फोड़ और दंगे ही शुरू हो गए... जो कहते हैं .. ISIS का इस्लाम से कोई वास्ता नहीं वो लोग इसी संगठन के लिए अपने अन्दर के मोहब्बत को छुपा नहीं सके .. और विहिप और बजरंग दल के द्वारा किये गए इस कारर्वाई के बाद सड़क पर उतर आये ... इनका कहना था कि झंडे पर जो अरबी में लिखा था वो इस्लाम का बहुत पवित्र शब्द लिखा था तो उसे जलाया क्यूँ गया ?

भई मैंने तो इससे बड़ा दोमुंहापन आज तक नहीं देखा .. इसका मतलब तो ये हुआ की फिर ISIS जो लाखों लोगों का क़त्ल इस झंडे को दिखा कर करती है फिर वो भी पवित्र काम हो गया .. ? आज तक तो इन्होने कभी विरोध नहीं किया कि इस शब्द को लिख कर ये लोग इतना गन्दा काम क्यूँ करते हैं ?

सॉरी.. मैं भूल गया था.. ये सब काम इस्लाम में गन्दा नहीं बल्कि पवित्र जिहाद है ...

चलो भाई आज ये सीख लो कि अगर कोई इस कौम के पवित्र शब्द को अपने शर्ट पर पैंट पर या झंडे में लगा कर कितना भी गन्दा काम करे.. हत्या करे या बलात्कार करे या कुछ भी तो वो सब काम पवित्र माना जाएगा...

मुसलमानों का हिन्दू लड़कियों से छेड़खानी और बलात्कार जायज.. इस्लाम कहता है

हालात बहुत ख़राब है .. .. हिन्दू बहन बेटियों का राह चलना मुश्किल कर दिया है मुसलमानों ने.... इनको मदरसों में ये पढ़ा कर सिखा कर ही बड़ा किया जाता है की हमारे पूर्वजों की रखैल थी ये हिन्दू औरतें ..हमारे सुल्तानों और नवाबों के हरम की दासी थी ये.. ऐसी ऐसी बातें पढ़ कर सुन कर इनकी मानसिकता हिन्दू लड़कियों के लिए ऐसी ही बन जाती है ..

इसी का नतीजा जमशेदपुर में देखने को मिला .. सोमवार की रात एक बाइक पर सवार तीन युवक मानगो गांधी मैदान से तेज रफ्तार से हाथ में पिस्तौल व चाकू लेकर दाइगुïट्टू की ओर जाने लगे। रास्ते में चल रही युवतियों के साथ इन मुस्लिम युवकों ने सरेआम छेड़खानी शुरू कर दी.. भरे बाजार लड़कियों की इज्जत तार तार की जाने लगी .. अफरातफरी मच गयी ..

आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दाईगुट्टू चौक पर इलाके के युवकों ने रात करीब 9.45 बजे सड़क जाम कर दिया लेकिन मुस्लिम पक्ष के युवक विरोध करते हुए जाम हटाने को कहने लगे। इसी बात पर मारपीट शुरू हो गई। बाद में विहिप ने हिन्दुओं का साथ दिया और तब मामले ने बड़ा रूप ले लिया .. दुःख की बात ये भी है कि वहाँ भाजपा की ही सरकार है ...

हमेशा जिहादियों के निशाने पर औरतें ही रही हैं .क्योंकि औरतें अल्लाह की नजर में भोग की वस्तु हैं .और बलात्कार जिहाद का प्रमुख हथियार है ..हाँ इस्लाम की पवित्र किताब ने इन मुसलमानों को क्या आदेश दिया है वो जरुर पढ़िए.. जिस पर ये अमल करते हैं ..

“रसूल ने कहा कि अगर मुसलमान किसी गैर मुस्लिम औरत के साथ बलात्कार करते हैं ,तो इसमे उनका कोई गुनाह नहीं है .यह तो अल्लाह ने उनको अधिकार दिया है ,औ बलात्कार के समय औरत को मार मी सकते हैं”
बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 132

बुखारी -जिल्द 1 किताब 52 हदीस 220 2 -जिहाद में बलात्कार जरूरी है

फिटकरी के स्वास्थ्यवर्धक प्रयोग

फिटकरी एक ऐसा क्रिस्‍टल है जो सभी घरों में प्रयोग होता है। पुरुष इसे आफ्टरशेव के तौर पर इस्‍तमाल करते हैं। फिटकरी को पहले जमाने में महिलाएं चेहरे को टाइट बनाने के लिये प्रयो‍ग किया करती थीं। यह लाल व सफेद दौ प्रकार की होती हैं।
1. फिटकरी को चोट या घाव लगने पर इस्‍तमाल करें। फिटकरी का पानी लगाने से घाव से खून बहना बंद हो जाएगा। आपके इसका चूर्ण बना कर भी प्रयोग कर सकते हैं।

2. चेहरे से झुर्रियों को मिटाने के लिये चेहरे को धो लें। फिर फिटकरी को ठंडे पानी से गीला कर के चेहरे के आस पास हल्‍के रगडें। अब इसे सूख जाने दें और फिर इसे हाथों से छुड़ा कर साफ कर लें। कुछ महीनों के प्रयोग के बाद आपका चेहरा चमकदार और यंग बन जाएगा।

3. दमा और खांसी है तो, आधा ग्राम फिटकरी को पीस कर शहद के साथ मिक्‍स कर के चाट लें, आपको तुरंत लाभ होगा। or फुलाई हुई फिटकरी एक तोला और मिश्री दो तोला दोनों को महीन पीसकर रख लें। एक-एक माशा नित्य सवेरे खाने से दमा के रोग में लाभ होता है।

4. एंटीबैक्‍टीरियल और एस्‍ट्रिजेंट तत्‍व होने की वजह से यह दंत रोग को दूर कर सकती है। यह माउथवॉश की तरह भी प्रयोग की जा सकती है।* फिटकरी और काली मिर्च पीसकर दांतों की जड़ों में मलने से दांतों की पीड़ा में लाभ होते है।

5. फिटकरी को नहाने के पानी में घोल कर प्रयोग करने से खुजली और शरीर से बदबू आना बंद होती है।

6. कीडे़-मकौडे़ के काट लेने पर फिटकरी के टुकड़े को उस जगह पर रगडे़। इससे सूजन, घाव और लालिमा दूर होगी।

7. फिटकरी को चेहरे पर लगाने से चेहरा गोरा बनता है और त्‍वचा टोन हो जाती है।

8. एक लीटर पानी में 10 ग्राम फिटकरी का चूर्ण घोल लें। इस घोल से प्रतिदिन सिर धोने से जुएं मर जाती हैं।

9. टांसिल की समस्या होने पर गर्म पानी में चुटकी भर फिटकरी और नमक डालकर गरारे करें। इससे टांसिल की समस्या में जल्दी ही आराम मिल जाता है।

10. * कान में फुंसी हो अथवा मवाद आता हो तो एक प्याले में थोड़ी-सी फिटकरी पीसकर पानी डालकर घोलें और पिचकारी द्वारा कान धोएं।

अघोरी याने सहज और वादे के पक्के

अघोर पंथ की उत्पत्ति के काल के बारे में अभी निश्चित प्रमाण नहीं मिले हैं, परन्तु इन्हें कपालिक संप्रदाय के समकक्ष मानते हैं। अघोरियों को इस पृथ्वी पर भगवान शिव का जीवित रूप भी माना जाता है। शिवजी के पांच रूपों में से एक रूप अघोर रूप है। अघोरी उसे कहते हैं जो घोर नहीं हो। यानी बहुत सरल और सहज हो। जिसके मन में कोई भेदभाव नहीं हो। अघोरी हर चीज में समान भाव रखते हैं।

बहुत कम लोग जानते हैं कि अघोरियों की साधना में इतना बल होता है कि वो मुर्दे से भी बात कर सकते हैं। ये बातें पढऩे-सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन इन्हें पूरी तरह नकारा भी नहीं जा सकता। उनकी साधना को कोई चुनौती नहीं दी जा सकती।

अघोरियों के बारे में कई बातें प्रसिद्ध हैं जैसे कि वे बहुत ही हठी होते हैं, अगर किसी बात पर अड़ जाएं तो उसे पूरा किए बगैर नहीं छोड़ते। गुस्सा हो जाएं तो किसी भी हद तक जा सकते हैं। अधिकतर अघोरियों की आंखें लाल होती हैं, जैसे वो बहुत गुस्सा हो, लेकिन उनका मन उतना ही शांत भी होता है।

अघोरी अक्सर श्मशानों में ही अपनी कुटिया बनाते हैं। जहां एक छोटी सी धूनी जलती रहती है। जानवरों में वो सिर्फ कुत्ते पालना पसंद करते हैं। उनके साथ उनके शिष्य रहते हैं, जो उनकी सेवा करते हैं। अघोरी अपनी बात के बहुत पक्के होते हैं, वे अगर किसी से कोई बात कह दें तो उसे पूरा करते हैं।

अघोरी अमूमन आम दुनिया से कटे हुए होते हैं। वे अपने आप में मस्त रहने वाले, अधिकांश समय दिन में सोने और रात को श्मशान में साधना करने वाले होते हैं। वे आम लोगों से कोई संपर्क नहीं रखते। ना ही ज्यादा बातें करते हैं। वे अधिकांश समय अपना सिद्ध मंत्र ही जाप करते रहते हैं।


आज भी ऐसे अघोरी और तंत्र साधक हैं जो पराशक्तियों को अपने वश में कर सकते हैं। ये साधनाएं श्मशान में होती हैं और दुनिया में सिर्फ चार श्मशान घाट ही ऐसे हैं जहां तंत्र क्रियाओं का परिणाम बहुत जल्दी मिलता है। ये हैं तारापीठ का श्मशान (पश्चिम बंगाल), कामाख्या पीठ (असम) काश्मशान, त्र्र्यम्बकेश्वर (नासिक) और उज्जैन (मध्य प्रदेश) का श्मशान।

जिहाद करने वाला निरपराधी और उसको बताने वाले हिन्दू अपराधी

हम सब अगर फेसबुक पर इस्लाम की सच्चाई बताएं तो वो भावना भड़काने वाली है .. किसी जगह इसलिए दंगा हो गया और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया किसी फेसबुकिया को क्योंकि उसने माहौल को बिगाड़ा था .. ऐसा माना गया...

लेकिन जो मुस्लमान खुलेआम आतंकी संगठन का झंडा लहराये वो गिरफ्तार नहीं होता ..
जो फेसबुक पर तो दूर की बात है जो खुलेआम ओवैसी जैसे लोग हर तरह की गालियां बकते है और देश में आग लगती है ..जिसका पुरे सबूत के साथ वीडियो मौजूद है ...वो गिरफ्तार नहीं होता ...
जो मुस्लिम लड़के खुलेआम हर शहर में पढ़ने जाती बहन बेटियो से छेड़छाड़ करे वो गिरफ्तार नहीं होता..
जो मंदिर में आरती भजन गाती माँओं पर पत्थर बरसाए वो गिरफ्तार नहीं होता ...
जो अमरनाथ यात्रा पर हिन्दू भक्तो पर पत्थर बरसाए उसे पाकिस्तान का बता के गिरफ्तार नहीं किया जाता जबकि वो लोकल मुस्लिम होते है ..
जो खुलेआम याकूब मेमन का समर्थन करे वो भी पाकसाफ है ..
जो मंदिरो में तोड़फोड़ करे .. गौमांस फिंकवा दे वो भी सरकार की नजर में निर्दोष हैं..

बस दोषी वो हिन्दू हैं जो इनसब घटनाओ की फोटो डाल कर अपने विचार व्यक्त करें या गुस्सा निकालें .. हमसब को चुपचाप सहना चाहिए.. मुंह बंद रखना चाहिए .. बहन बेटियों का अपमान देख बैठे रहना चाहिए. . यही देशभक्त और अच्छे नागरिक की पहचान है सरकार की नजर में ...

Tuesday 21 July 2015

तुकतुकी मंडल को मुस्लिम गुंडों के अड्डे से आजाद करवाओ

जिस तुकतुकी मंडल का अपहरण स्थानीय मुस्लिम गुंडों ने कर लिया था .. आज महीने भर होने को आये हैं पर बंगाल की पुलिस , सरकार और केंद्र की सरकार ने भी अब तक इसके लिए कुछ नहीं किया है ...... मानना पड़ेगा कि देश में मुस्लिम आतंक अपने चरम पर है .. १४ वर्षीय इस बच्ची का अपहरण पहले भी किया जा चूका था .. 

बच्ची को लौटाने के पहले इसके मजबूर बाप को ..'बाबुसोना गाजी ' के घर पर बुला कर एक सादे कागज़ पर दस्तखत उस समय करवाया गया था जब वहाँ ५० लोग हथियारों के साथ खड़े थे .. वहाँ ये भी दवाबं डाला गया की वो पुलिस में नहीं जाएगा और बच्ची के साथ हुए रेप का मेडिकल टेस्ट नहीं करवाएगा ..

उस अड्डे पर एक बाप के पास क्या चारा था वो किसी तरह अपने बेटी को छुड़ा कर ले जाना चाहता था इसलिए सारी शर्तें मान गया ... और तब उसकी बेटी तुकतुकी को तहखाने से निकाल कर बाप के हाथ में थमा दिया गया ...

लेकिन बाद में दूसरों के समझाने पर इसके माँ बाप ने पुलिस में रिपोर्ट कर दी .. जिसके बाद फिर से इस बच्ची को सरे आम उठा लिया गया ....तीन मुस्लिम लड़के आये और जबरदस्ती चीखती चिलाती बच्ची का अपहरण कर के ले गए ...

इनसे बचने के लिए उसके माँ बाप ने १४ साल की होने पर भी उसकी शादी ठीक कर दी थी .. ताकि किसी तरह वो यहाँ से निकल सके.. लेकिन शादी होने के ठीक तीन महीने पहले इस दुसरे अपहरण के समय उसकी शादी के लिए जमा किये गए सारे पैसे गहने तक लूट लिए गए.. ...
इन मुस्लिम गुंडों का डॉन वहाँ एक सलीम नाम का आदमी है ..

इसके बाद इसके पिता ने गाँव के प्रधान से लेकर .. इलाके के थाणे तक और फिर बंगाल सरकार तक हर जगह गुहार लगाई .. लेकिन कहीं न्याय नहीं मिला... याने एक तरह से बंगाल में हिन्दुओं की नमर्दांगी का नतीजा अब हिन्दू बहन बेटियों को चुकाना पड़ रहा है ... आखिर में अब तपन घोष जी जो हिन्दू समहति संस्था चलाते हैं .. वो इस मामले को उठा रहे हैं ..

तुक्तुकी मंडल के लिए देश ही नहीं विदेशो में भी जुलुस निकल चुके हैं .. पर हैरानी की बात है की वोटों के लालच में बंगाल की सरकार ही नहीं बल्कि मोदी सरकार भी एक हिन्दू लड़की का रेप चलने दे रही है .. किसी को कोई मतलब नहीं है .. .

अब तक ये बच्ची उसी बबुसोना गाजी के घर में है .. जहां हर रोज दिन रात मुस्लिम इसकी इज्जत लूट ते हैं...

क्या कोई इस देश में है जो सुन रहा है ? ? कोई सरकार .. कोई बाबा महंत .. नेता.. पुलिस.. संस्थान .. कोई भी ?
#saveTUtukiMondol

नरेन्द्र मोदी जी देश में शराबबंदी क्यूँ नहीं ?

नरेंद्र मोदी जी शराब नहीं पीते .. बल्कि वो तो साधू संत आदमी हैं .. उल्टा वो दूसरों को ना पीने की सलाह ही देते होंगे .. लेकिन क्या देश में शराब बंद नहीं होनी चाहिए .. .? शराब से देश के लोगों को क्या फायदा है ? शारीरिक रूप से ? या आर्थिक रूप से भी (उनको छोड़ कर जो इसका कारोबार करते हैं )

शराब कई ऐसी समस्याओं की जड़ है जो आपको दीखता नहीं होगा.. करोडो घर बर्बाद हो जाते हैं .. और करोडो की जानें भी जाती हैं ... करोड़ों को इलाज करवाते हुए सारी कमाई लुटानी पड़ती है .. और बीवी को बच्चों को एक शराबी के इलाज के लिए भिखमंगा बना कर छोडती है ..

देश के अपराधो मे भी भारी कमी आ जायेगी सड्क दुर्घटनाओ मे भी कमी होगी लेकिन सरकार टेक्स के लालच मे शराब बंद नही करती है
भले ही कई करोड़ परिवार बर्बाद भी क्यो न हो जाये ?

लाखों दुर्घटनाएं इसी वजह से होती है .. और घर का कोई ना कोई चला जाता है .. या तो शराबी खुद मर जाता है या दुसरो को मार देता हैं ...

इस देश में भ्रष्टाचारियों का .. अपराधियों का ... एक बहुत बड़ा साथी शराब ही है .. हर बुरे काम की प्लानिंग शराब के जाम के साथ की जाती है ... हर नेता .. अफसर .. कोई भी गलत सौदेबाजी के लिए इसी शराब के जाम का सहारा लेते हैं .. जहां भी बुराई होगी वहाँ ज्यादातर मामलों में शराब ने भी जरुर साथ निभाया होता है ..

शराब से बुरा माहौल का निर्माण होता है और वहाँ मौजूद लोग बुरे काम के लिए प्रेरित होते हैं ... शराब से इंसान का मानसिक बदलाव होता है .. वो शराब पीते ही उसके अन्दर की दबी हुयी बुराई बाहर आ जाती है .. वो हैवान बन जाता है .. और बलात्कार .. लूट ... हत्या जैसे कामों को अंजाम दे देता है ..

मेरी बात का विरोध कुछ पियक्कड़ इस तर्क के साथ ही करेंगे कि थोड़ी मात्रा में पीना बुरा नहीं है .. लेकिन सच यही है कि बुरी चीज़ तो बुरी ही होगी.. चाहे वो एक बूँद क्यूँ ना हो ? क्या ये कहा जाए कि मैं तुम्हे थोड़ी मात्रा में माँ बहन की गाली दूंगा तो वो बुरी नहीं है ? दरअसल ये पियक्कड़ लोग गिरे हुए होते है या कहें की शराब की लत ऐसी लगी होती है कि मानते ही नहीं वो गलत करते हैं .. .

मेरा विश्वास है कि जिस दिन शराब बंद हुयी ...स्वतः देश से बुराई कम हो जाएगी .. एक अच्छा माहौल बनेगा .. सोच बदलने लगेगी ..

सवाल है कि जो बुरी चीज़ है और उसको बंद करना आपके हाथ में भी है तो सिर्फ पैसे के लिए उसको बंद ना करना ... तो और भी बुरा है ......

एक सर्वे में सिर्फ चार प्रतिशत लोगों को इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ मीडिया पर विश्वास

टीवी केबल के माध्यम से 130 करोड़ लोग इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े है और 96 करोड़ न्यूज़ पेपर बिकते हैं.. इतने बड़े जनसंख्या को प्रभावित करती है ये मीडिया संस्थान .. जाहिर ये देश में उलट फेर करने की ताकत तो रखते ही हैं ..

और ऐसे आंकड़ो के बाद एक बेहद विश्वसनीय सर्वे किये गए कि भारतियों में इनकी विश्वसनीयता कितनी है ?

Indian IRIS के द्वारा किये गए विश्वसनीय सर्वे में बहुत ही निराशाजनक परिणाम सामने आये हैं ....

और परिणाम जो आया वो बेहद हैरतअंगेज और शर्मनाक है .. 80% लोगों को इनकी विश्वसनीयता पर याने इनके न्यूज़ पर विश्वास नही है.. संदेह है...

इसमें भी 88 % लोगों का कहना है की न्यूज़ एकतरफा होता है या किसी के दवाब में दिखाया या बनाया जाता है ..biased है ..

इतने ही लोगों को लगता है कि मीडिया वालों के 80 % न्यूज़ meaningless होते हैं .. जिसका कोई मतलब नहीं ..

और सबसे प्रचंड शर्मनाक बात ये थी दीपक चौरसिआ। । रविश आदि के लिए कि इसमें भी जब ये पूछा गया कि अखबार और टीवी न्यूज़ में से किस पर कितना विश्वास है तो अखबार के न्यूज़ को लोगों ने जहां 22 % लोगों ने वोट किया वहीँ टीवी न्यूज़ को सिर्फ 4 % वोट मिले…

ऐसे ही कई हैरान करने वाले परिणाम आये हैं .. ये बेहद ही शर्मनाक है . ..लोगों से जब example के तौर पर किसी घटना के बारे में पूछा गया तो हाल की घटना को लेकर गुस्सा था जिसमे हेमामालिनी का कार एक्सीडेंट में घायल होना तो मीडिया वालों के लिए न्यूज़ था पर उसी दुर्घटना में आम आदमी के बच्ची की मृत्यु हो जाना खबर नहीं बनायीं गयी थी..जिससे पता चलता है कि इनकी काली कमाई का जरिया बड़े लोग है ..

सच कहा जाए तो इस सर्वे के बाद इन न्यूज़ वालों को थोड़ी भी शर्म हो तो कायदे से मुंह में कालिख पोत कर गधे पर बैठ कर शहर में पांच चक्कर खुद से लगा लेना चाहिए ...वरना एक दिन तो जनता घुमाएगी ही... 

Sunday 19 July 2015

हिन्दू त्योहारों में हिन्दू दुकानों से सामान खरीदें

मैं ये बचपन से देखता आ रहा हूँ कि हमारे शहर में कुछ मार्किट हैं जो बहुत फेमस है और जहां पर महिलाओं के जरुरत की चीज़ें ही ज्यादा बिकती है .. इस जगह पर कपडे वगैरह के अलावा .. लेडिज बैग . मेकअप के सारे सामान .. बिकते हैं .. और लेडिज टेलर भी उसी मार्किट के अन्दर बहुत सारे हैं .. 

फिर मैं जब अपने शहर से निकला और दुसरे शहरों में गया .. तो वहाँ भी इसी तरह के मार्किट कहीं ना कहीं देखे.. फिर जब बड़े शहरों में गया... तो वहाँ भी ऐसा ही कुछ दिखा...

इसके बाद जो आश्चर्य करने वाली बातें थी वो ये कि ये मार्किट के अन्दर नब्बे प्रतिशत दुकानदार मुस्लिम थे .. कहीं कहीं तो हिन्दू थे ही नहीं ..और थे भी तो पुश्तैनी कोई दूकान वहाँ चली आ रही है तभी थी ...

इसके बाद बचपन से ही देखा तो था पर महसूस अब हो रहा है वो ये कि सारे मुस्लिम जो इस मार्किट के थे वो भी और जो पुरे शहर में जहां कहीं भी किसी भी तरह की दूकान लगाए बैठे थे .. वो सब ईद और बकरीद के आने से खुश नहीं होते बल्कि दशहरा और दीपावली होली के आने से खुश होते हैं...

और जैसे कि वो लोग अभी से हिन्दू त्योहारों का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करते हैं .. दूकान में माल भरना शुरू कर देते हैं.. दूकान की साफ़ सफाई .. और जो भी कर्ज ले कर पूंजी लगाना हो वो सब करते हैं ..

और जब त्यौहार आते हैं तो सारे हिन्दू लोग इनके मार्किट में टूट पड़ते हैं.. मार्किट के अन्दर चलना मुश्किल होता है .. धक्का मुक्की होती है.. और अपने सारे पैसे इनके हाथों में दे कर जिहाद को बढ़ावा देने के लिए आ जाते हैं ..., महिलाओं को महामूर्ख भी किस मुंह से कहें अगर उनको जिहाद या इस्लाम के मंशा के बारे में पता ही नहीं है .. ? ये तो नासमझी में जाती है.. मासूमियत में जाती है..

लेकिन सोचना चाहिए कि दूसरी तरफ सब मक्कार धूर्त... जिहाद को अंजाम देने में समर्थन करने वाले हाथ हैं जो आपसे पैसे ले कर अपना मकसद पूरा करने में या करवाने में लगे हैं ...यही नहीं उसी मार्किट से उन दुकानदार के लड़के अपने लव जिहाद को अंजाम देने में भी जुट जाते हैं ..

भाइयों .. अभी पर्व आना है.. सारे मुस्लिम आपलोगों से भी ज्यादा तैयारी कर रहे हैं .. आपके पैसे लूट कर आपके ही पिता भाई और बेटे को मारने वाले जिहादियों को समर्थन करने के लिए .. देशद्रोहियों के लिए ..

आप खुद सोचें कि आप अपने शहर में इस बार किस तरह और किस से खरीदारी कर सकते हैं .. या फिर अपने ही परिवार की हत्या के लिए और बहन बेटी की इज्जत का सौदा अपने हाथों करते फिरिए .. इसमें मैं क्या कर सकता हूँ ?

Wednesday 15 July 2015

मोदी जी ने निभाया वादा.. सर काटने वाले का सर लाया भारत

लो भाई कम से कम मोदी जी ने ये तो कहा ही था की जो हमारे सैनिको का सर काटेंगे हम उनके सर काटेंगे ... और शहीद हेमराज का सर काटने वाले को उसके सर के साथ साथ पूरा शरीर उसको मार के ले आया गया है..

ये मुस्लिम आतंकी जो मंदमोहन की सरकार समझ सीमा में फिर से घुस कर किसी सैनिक की हत्या करने के फिराक में था.. इस बार मोदीराज में सैनिकों ने इसको इसकी औकात बताते हुए ... वहीँ पर मार कर जन्नत रवाना कर दिया है...

(मोदी ने कहा था- हमारे जवानों के सिर काटने वालों को मनमोहन सरकार बिरयानी खिला रही है)

भारतीय सैनिक हेमराज का सर काटने वाला इस्लामिक आतंकी अनवर का मृत शरीर भारत में 
इसी के साथ मुसलमानों का एक और फेवरिट आतंकी मारा गया है...

पर मोदी जी ने भी अपना ये वाला वादा तो कम से कम निभा दिया है ...


बलिदानी हेमराज की विधवा इसका कटा हुआ सर मांग रही है.. मैं मोदी जी से गुजारिश करता हूँ इसका कटा हुआ सर उनके घर पर जरुर भिजवाया जाए जिसके मुंह पर कम से कम "थूकों की बौछार " करके इस्लामिक जिहाद को थूक से सरोबार किया जा सके और इस तरह से सारे जिहादियों को सम्मानित किया जा सके.. .
‪#‎BAHUBALI‬ ‪#‎NarendraModi‬

गौर से देखिये देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस की पिटाई मुसलमानों के द्वारा

भारतीय पुलिस की पिटाई मुस्लिम के हाथों .. क्या भारत इस्लामिक राष्ट्र की तरफ अग्रसर हो चूका है 
ये है वो दिल्ली पुलिस को पीटने वाले जालीदार टोपी में मुस्लिम चेहरे.... … एक तो बुड्ढा मुस्लिम है जो निचे से दो फ़ीट कटा पाजामा पहना है और बकरी वाली दाढ़ी राखी है। ज़ो खुद को यहाँ इस वक़्त अपने को बाबर और औरंगजेब जैसे कमीने से कम नहीं समझ रहा था और सबसे आगे आ कर हमले कर रहा था। । इसी में कई लोग है। जैसे रोजा में थूक भी ना निगलने का दावा करने वाले ये महा झूठे मुस्लिम किसी पर हाथ उठाने में या हत्या करने में भी रमजान का ख्याल नहीं करते… हाँ डायलाग बड़े बड़े मारते है...
बहुत ही अच्छ। … यही तो है केजरीवाल और केंद्र की सेक्युलर सरकार। सच यही है की पुरा देश अब इस्लामिक राज की तरफ बढ़ चला है। आज नहीं तो कल सबको इसी तरह सड़क पर पिटाई खानी है। जिसमे पहला नंबर सेक्युलर का होगा। ।
मुस्लिम वोट के लिए कितना गिरेगी सरकार। … पता नहीं। .

इफ्तार पार्टी पुरे देश में एक मजाक का विषय बन चूका है ?

इफ्तार पार्टी ...? आज पुरे देश में एक मजाक का विषय बन चूका है ? बड़े से बड़े और छोटे से छोटे नेताओं के सर जालीदार टोपी लगा कर मुंह में सेवइयां ठूंसना आज उनको एक मक्कार और धूर्त नेता के ही रूप में स्थापित करने लगा है ...

एक ऐसा नेता या इंसान जिसको इस्लाम से कुछ लेना देना नहीं है.. ना मुस्लिम से .. ये सारे नेता वास्तव में इस्लाम का अपमान कर रहे हैं ..और मुस्लिम लोग खुद अपना अपमान करवा रहे है ...
सबतरफ से दोमुंहा कार्य ? क्या अल्लाह जिसने उसी काफिर को मारने के लिए कहा है उसी को सेवइयां खिलाने पर खुश होगा ?

या क्या ये सही है की सिर्फ ईद के दिन आप जिस हिन्दू को खीर सेवैयाँ खिला रहे हो उसी को अगले दिन से काफिर बोल कर मारने के लिए भी खोजते रहो... ?
हाँ मेरी ये समझ नहीं आया है आज तक कि इस दिन सेवइयां खा के ये नेता मुसलमानों को मुर्ख बनाते हैं या .... मुस्लिम इनको अपने दरवाजे पर सेवइयां खिला के इनको मुर्ख बनाते हैं .. ?

जो भी है ये इफ्तार पार्टी आज के दिन में एक मजाक बन चूका है.. इसमें भाग लेने वाले नेता वास्तव में एकता और सद्भावना की बात करते हैं लेकिन सब जान चुके है कि ये शुद्ध रूप से एक ऐसा खेल है जिसमे.....

ईद के दिन इफ्तार पार्टी में नेता सोचता है ... "बेटा तू मुर्ख है जो मेरे जैसे मक्कार नेता के सिर्फ सेवइयां खा लेने पर वोट देता है .. काम तो तेरा घंटा नहीं करूँगा ..मेरा काम है सिर्फ देश लूटना और अपना घर भरना "

मुस्लिम सोचता है "खा ले बेटा .. ठूंस के खा ले.. पर वोट तो घंटा हिन्दू नेता को नहीं दूंगा..मुर्ख "'


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Tuesday 7 July 2015

दिन रात ७२ हूरों के सपने आ रहे हैं मुझे जब से कुरआन पढ़ा

स भाइयों बस... अब मैं इस्लाम ग्रहण करने के मूड में आ गया हूँ... आज मेरी आँखें खुल गयी है ... ठीक है यार ..होता है... अब मैं भी मर्द हूँ... यार... अब देखो हिन्दू धर्म में मैं किसी की हत्या करूँगा तो तुमलोग हल्ला करोगे .. ये पापी है .. हत्यारा है .. और मुझे मरने के बाद भी 'नरक ' मिलेगा.... 

नहीं यार.. अब देखो दूसरी तरफ अगर मैं मुस्लिम बन के हिन्दू की हत्या करूँगा तो जीते जी मैं मुल्लों का हीरो .. लादेन बगदादी कसाब की तरह बन जाऊँगा... और मर गए तो उसी हत्या करने का इनाम मुझे अल्लाह ७२ हूर देगा जिसके साथ मैं पूरा भोग विलास कर पाऊंगा... जन्नत के मजे तुम क्या जानो/// लेकिन ये सब मिलेगा बुरे काम करने पर .. इसलिए मैं तो मुस्लिम बनूँगा भाई ..चाहे जो हो ....

मुल्ले हमेशा जोर डालते थे की कुरआन पढो .. कुरआन पढो ..सच्चाई पता चलेगी तो मैंने पढ़ ही ली .. भाइयों...और सच्चाई जान ने के बाद से ही अब दिन रात सुन्दर सुन्दर हूरों के सपने सोते जागते आ रहे हैं मुझे... कोई इधर से बोलती है "आई लव यू " तो कोई उधर से बोलती है "मेरे करीब आओ राजा .. "....एक हूर तो सपने में यहाँ तक बोल दी की तुमने हिन्दू की हत्याकर दी .. तो मैं धरती तक खुश हो कर तुम्हारे साथ जाउंगी ... ..(फिलहाल सपने में)

दोस्तों मैंने दो तीन कुत्ते मार दिए हैं इस्लाम को जान्ने के बाद .. .मतलब ऐसा लिखा था यार उसमें... कुत्ते मारों छिपकली मारो.. आदि आदि... .दोस्तों अब मैं योग नहीं करूँगा... .. क्यूंकि तोंद निकल जाए.. bp बढ़ जाए या मधुमेह हो जाए .. या १००० बिमारी हो जाए तो क्या हुआ .. जन्नत में ७२ हूर फिर भी मिलेगी ... तो परेशानी किस बात की ....

भाइयों मैंने सोच लिया है की यही है वो मजहब ..जो मेरी सारी बुराइयों को परवान तक पहुंचा सकती है .. अब दोस्तों मैं रेप करूँगा .. और रेप भी इसमें जायज कहा गया है... और हाँ ज्यादा उपदेश मत दो .. जब रेप इस धर्म में पाप माना ही नहीं गया है तो पाप कैसा ?

और मैं बता दूँ भाइयों... मैंने एक मुल्ली को फंसा लिया है.. निकाह के लिए... और तीन और मुल्लियों के घर अभी से रिश्ता भेज दिया है ... अब मैं मुस्लिम होने जा रहा हूँ.. ... आहा आहा... चारों बीवी जब मेरे आसपास होगी तो कैसा वासनामय माहौल होगा... आहा... मजे ही मजे है ... याहूऊ... मैं तो सोच रहा हु पोर्न फिल्म भी बनाऊ ताकि बिजनेस भी अच्छा हो जाए..इसी बहाने....

खैर....अब आज से मैं ... हर चीज़ खाऊंगा... हालाँकि खा तो सुवर भी लेता लेकिन अल्लाहताल ने मना कर दिया है इसलिए... मैं अल्लाहताला के हर आदेश को मानूंगा क्यूंकि तभी मुझे जन्नत की हूर मिलेगी ..

जो विरोध करेगा उसको गालियों से नवाजुन्गा ... और हत्या कर दूंगा... मैं बता दूँ.. अब भारत एक काफिर देश है और मेरे लिए सबकुछ पाकिस्तान है ... अब हाफिज सैईद की बातें मेरे लिए आदेश है .. अरे क्या होगा.. तुमलोग मार ही दोगे न ... मार दो.. मैं तो जन्नत चला जाऊँगा... मैं तो मरना ही चाहता हूँ अब कुरआन पढने के बाद ..

अरे भाई कहा ना.. हत्या का फल नरक तुम्हारे धर्म में हैं.. हमारे में तो जन्नत है जन्नत... हुर्रे ... मैं तो चला भाई .. कोई मौलवी इमाम खोजने... इस्लाम कबूल करते ही .. पहले उसी के बेटी को फंसा लूँगा...

फिल्मो का महान दयालु आतंकी

एक आतंकी आता है और वो गले काटने जा ही रहा है एक काफ़िर की कि दूर कहीं से नमाज की आवाज आती है .. "अल्लाला ला ला ला हू.~~पों पों चो..."

आ हा हा .. अब देखिये रहमदिल आतंकी को .. अब ये रुक जाता है .. हथियार किनारे रख देता है ... फिर घुटनो पर बैठ कर तीन चार बार आगे की तरफ गुलाटी मारता है .. इस बीच मस्जिद से आ रही वो आवाज ऐसे सुनाई जाती है जैसे की कोई रूहानी साउंड सीधा परमेश्वर के घर से आ रही हो ..

"या या पों पों ~~~ लिल्लाह ह ह
कों पों ~~~......."

सिनेमा हॉल में ये टिपिकल टाइप का सीन ऐसे चल रहा है जैसे वो आतंकी बड़ा ही रहमदिल है ...भक्ति से सरोबार है.. अब यूँ समझिये कि बस ये जालीदार टोपी वाला कोई बड़ा ही मसीहा टाइप है..

इतने में सिनेमा हॉल मे मौजूद सेक्युलर हिंदुओं की आँखों से ये रहमदिली देख आंसू आ जाते हैं और मुंह से निकलता है ..

"असली मुस्लमान है भैया असली.. देखो तो सही.. ये है असली पाकीजा धर्म..."

इतने में नमाज का टाइम पूरा हो जाता है और वो नमाजी रहमदिल इंसान उठता है हाथ में तलवार लेता है और 'छपाक' से काफ़िर की गर्दन उड़ा देता है.. और बोलता है .. अल्लाह हु अकबर ..

इसके बाद भी सेक्युलर सिनेमा हॉल में बोलते है 

" जो भी है साला ये होता है धर्म ..जैसे ही नमाज सुना .. कम से कम उस वक़्त खून नहीं बहाया मगर "

लेकिन मेरे से जुड़े एक दोस्त जो वहीँ हॉल में सिनेमा देख रहे थे वो उठकर चिल्लाया..

"भों@#$ के बह@$₹% जब यही करना था तो इतना फुटेज क्यों खाया..? आखिर में तो पाखाना में लोट ही गया ना कुत्ते "_@%"

जाहिल कौन है आखिर .. हिन्दू या मुस्लिम .. ?

तो हम हिन्दू हैं जाहिल ....? मैं बताता हूँ कौन है जाहिल... और किसके पास दिमाग नहीं है ......

दिमाग तो उसके पास नहीं होता ना जो काल्पनिक ७२ लड़कियों से सेक्स के चक्कर में करोड़ों मासूमों का खून बहा दे.... ?

जाहिल तो वो है जो योगासन जैसे स्वास्थ्य लाभ देने वाले विज्ञान को इसलिए मानने से इनकार कर दे क्यूँ की अल्लाह ने 
हिन्दुओं से दुश्मनी निभाने के चक्कर में कहीं लिख दिया की सूर्य की इबादत मत करना ?

जाहिल तो वो लोग है जो पजामा निचे से २ फीट काट कर पहने ? और बेढंगे तरीके से दाढ़ी मूंछ में से मूंछ उड़ा ले ... सिर्फ इसलिए की हिन्दू साधू दाढ़ी के साथ मूंछ रखते हैं .. .

जाहिल तो वो है जो आतंकियों को कुरआन के नाम पर समर्थन करता हो ? क्यूँ ?

जाहिल तो वो है जो सुबह शाम पेट फाड़ कर खाना खाए और कहे की मैं तो उपवास कर रहा हूँ ?

अरे भाई जाहिल तो वो है जो कहे की रोजे के महीने में ना गाली बकुंगा और ना दिल में वासना रखूँगा लेकिन बाकी के ११ महीने तो बलात्कार भी जायज होंगे और दिन रात ७२ हूर के साथ वासनायुक्त सोच रखूँगा ?

जाहिल वो है ना जो कड़कती धुप में भी अपनी बीवी को मोटे कपडे से बनी काले कपडे की बुर्के को पहना दे ... ?

जाहिल वो है जो सऊदी के दिखाई दिए चाँद को अलग समझे और भारत में दिखाई दिए चाँद को अलग समझे ?

जाहिल वो है मेरे जाहिल दुश्मनों की वासनापूर्ति के लिए बहन बेटी से निकाह को कानून का रूप दे दो और एक बीवी होते तीन और से करने का नियम बना दो ?

जाहिल कौम है कौन आखिर ? जाहिल वो है जो गाय को काट कर खा भी जाए और सरकार को कहे की हमें शुद्ध दूध नहीं मिलता ... ..

जाहिल जाहिल जाहिल.... जाहिल शब्द का तो आविष्कार ही तुम्हारी कौम की वजह से हुआ है ... नौटंकी ...