Thursday 16 November 2017

जौहर करना कायरता नहीं.. पराक्रम है..

जौहर को कायरता कहने से पहले ये पता करना चाहिए कि जौहर किन विषम परिस्थितियों में शुरू हुए ? ? रानी पद्मिनी सिर्फ रूप में ही नहीं बल्कि युद्ध मे भी अद्वितीय थीं ... जब राणा को धोखे से बंदी बनाया गया और पद्मिनी को हाजिर होने को कहा गया तो क्या रानी हाजिर हुई ?

बल्कि उन्होंने एक पुरुष की तरह रणनीति बनाई.. और खिलजी के ऊपर आक्रमण का निर्णय लिया... तभी तो डोली में बैठकर वीर सैनिकों  का काफिला खिलजी के किले में घुस गया... ये पद्मिनी के युद्ध की भावना को दर्शाता है.... उस जिगर को दर्शाता है जो राजपूतों में स्वभावतः चली आ रही है... 

जब उसके बाद फिर से महल पर हमले होते हैं... सभी राजपूत सैनिक और राणा भी बलिदान होते हैं... तब रानी पद्मिनी को ये घृणास्पद सच्चाई पता होती है कि मुस्लिम किसी भी जगह दो ही चीज के लिए जाते हैं... एक तो धन के लिए और दूसरी महिलाओं के साथ रेप करने के लिए....

भले ही दूसरे धर्मों में रेप पाप होता है लेकिन इस्लाम मे इसे पवित्र कार्य माना गया है... खासकर काफिरों के साथ... जब सारे पुरुष सैनिक मारे गए तो महिलाएं क्या वीर होने के बाद भी जीत जातीं ? ऐसे युद्ध मे जो महिलाएं मर जाती उनके भी साथ मुस्लिम रेप करते क्योंकि इस्लाम मे मुर्दा महिलाओं से रेप भी जायज है... फिर जो घायल महिलाएं होती उनके साथ भी रेप होता... यहां सिर्फ एक ही सम्मानजनक रास्ता था कि खिलजी के हाथों सिर्फ राख हाथ लगे ना कि उनके शरीर....  क्योंकि यहां तो हमला ही हुआ था रेप के लिए...

और हिन्दू वीरांगनाओं के युद्ध से तो इतिहास पटा पड़ा है... लेकिन मुझे बताओ इन मुग़लों की बहन बेटियों ने कभी युद्ध किया ? कोई मुस्लिम औरत युद्ध मैदान में आई क्या ? इनके कौम में कोई लक्षमी बाई... झलकारी बाई... मैना गुर्जर... महारानी दुर्गावती.... उदा देवी... आदि हुई क्या ? वीरांगना तो सिर्फ हिंदुओं ने पैदा किये.. और होता ही रहेगा... मुस्लिम कौम में  औरतें सिर्फ बिस्तर की शोभा बनती है जबकि हिंदुओं में ये रणक्षेत्र की भी शोभा अपनी वीरता से बढ़ाती रही हैं...

मुस्लिमों में अगर इतनी ही ताकत थी तो बाकी इस्लामिक देशों की तरह यहां क्यों इस्लामिक राज नहीं ला पाए ? ? क्योंकि बाकी देशों में जौहर करने की हिम्मत महिलाओं में नहीं थी... उन्होंने बीवी बनना स्वीकार किया पर लड़ना और मरना नहीं.... मरकर भी हिंदुओं को एक कार्य सौंप गईं कि तुम्हे मेरे इस जौहर का बदला लेना है... और हम जैसे हिन्दू इस जौहर का बदला लेकर रहेंगे... अभी तो शुरुआत है....