Thursday 25 October 2018

हिंदुओं ने भाजपा को खून से सींचा .. मगर ..

जिस पार्टी को हिंदुओं ने अपने खून से सींच कर विशाल वटवृक्ष बनाया.. उसकी छांव में सिर्फ मुस्लिम बैठे हैं.... किसी को क्या पता था कि भाजपा इस तरह से हिंदुत्व की दुश्मन बन जाएगी..
किसे पता था कि जिस मोदी को हिंदुत्व की रक्षा के लिए सबसे उत्तम उत्तराधिकारी मान बैठे है वो जयचंद निकलेगा ?

आज जिस तरह से हरेक tv पर राम मंदिर का मुद्दा गरमाया हुआ है... वो भाजपा के चुनावी षड्यंत्र का अहम हिस्सा है... लेकिन इस बार मेरे जैसे करोड़ों हिन्दू हैं जिन्हें इस डिबेट और भाषणों से चिढ़ हो रही है... क्रोध आ रहा है...
ये वैसा ही है कि आपको पता है कि आपका कोई नजदीकी रिश्तेदार आपको बर्बाद करने पर तुला है लेकिन जब भी आपके सामने आता है तो मीठी मीठी बातें करता है और आप मन मसोस कर उल्टा चाय पानी पिलाते हैं....

इस बार भाजपा के लिए अगर कोई हिन्दू वोट देता है तो विकास के ही नाम पर देगा, राम मंदिर की सोचकर तो नहीं देगा...
और जो हिन्दू सिर्फ धर्म के नाम पर ही वोट करने वाले हैं , उनके सामने विकट समस्या रहेगी...
#भाजपा #राम_मन्दिर #श्रीराम #डिबेट #मोदी

Wednesday 10 October 2018

मोदी की गंदी राजनीति का पहली बार पर्दाफाश

मोदी की कूटनीति की गंदगी क्या है ?

पहले चरण में इसके तहत हरेक गलत काम होने दिया जाता है..

दूसरे चरण में उस गलत काम को न्यूज़ में चलवाया जाता है.. और डिबेट में प्रवक्ता भाजपा की सार्थक छवि बनाने की कोशिश करते हैं..

तीसरे चरण में मामले को बद से बदतर होने तक का इन्तेजार किया जाता है...

चौथे चरण में ये कहा जाता है कि.. आज से पहले कौन जानता था कि... ऐसे लोग हमारे देश मे हैं... कौन जानता था कि ऐसा हमारे देश मे होता है... ये सब भाजपा के आने से ही उजागर हो रहा है...

पांचवे चरण में भाजपा सोचती है कि अब वो कार्रवाई करेंगे... लेकिन इस कूटनीति के तहत चार चरण को खेलने की वजह से दुश्मन को इतना मौका मिल चुका होता है कि वो अपनी सुरक्षा के इंतजाम कर लेते हैं.. और अंत मे पांचवां चरण भाजपा कभी पुरा नहीं कर पाती...
नतीजा... भाजपा की कूटनीति उसी के लिए जानलेवा बन जाती है। आइए अब दो उदाहरण देखते हैं...

जेएनयू प्रकरण में भाजपा ने सोचा अभी गिरफ्तार नहीं करेंगे... इनके सहारे अपनी देशभक्त की छवि को मजबूत करेंगे...

नतीजा भाजपा ने देर कर दी और दुश्मन ने मौके का फायदा उठा पूरे भारत मे भाजपा को रौंद दिया... हालात ये हुए कि भाजपा को अपना पांचवां चरण जैसे तैसे नेगेटिव छवि के साथ पूरा करना पड़ा.. और उनको कोर्ट से निकलना पड़ा।।।

ताजा उदाहरण देख लेते हैं.. गुजरात मे अप्रवासी हिंदीभाषी पर हमले शुरू हुए.. भाजपा ने पहले चरण के मुताबिक इसे होने दिया... याने इनको पिटने दो.. इससे हिंदीभाषियों की सहानुभूति भाजपा से जुड़नी तय थी...

दूसरे चरण मे प्रवक्ताओं को tv पर भेज गया ताकि वो पिट रहे लोगों के कंधे पर बंदूक रख कांग्रेस को टारगेट करें.. ध्यान दीजिए.. अबतक भाजपा ने कुछ नहीं किया था।। ये हिन्दू सिर्फ एक मोहरे की तरह पिटवाये जा रहे थे..

तीसरे चरण में मामले को बद से बदतर होने दिया गया ताकि माहौल को पूरा गर्मा कर तीन राज्यों के अपने वोटर को ये समझाया जा सके कि मैं ही हूँ तुम्हारा रखवाला और कोई नहीं..

चौथे चरण में हुआ कि कौन दोषी है, क्या चाहता है.. अंधभक्तों ने भी तबतक सोशल मीडिया चोंग्रेस के अल्पेश ठाकोर से रंग दिया... इस समय तक हिंदुओं को पिटने दिया गया.. ट्रेनों में भर भर कर जाने दिया गया.. क्योंकि इस तरह के कुछ दृश्यों की जरूरत थी..

पांचवें चरण में फिर बारी आई कार्रवाई करने की तो तबतक अल्पेश ठाकोर और चोंग्रेस आदि सबने अपनी सुरक्षा के इंतजाम कर लिए थे..उसने खुद ही दावा ठोंक दिया कि अगर ऐसा है तो सबूत लाओ... नतीजा कुछ सामान्य कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी कर भाजपा ने टाइमपास कर लिया.. और वैसे भी भाजपा का काम पूरा हो चुका था.. तीन राज्यों के वोटरों में  मेसेज भेज दिया कि मैं ही हूँ रखवाला..

सवाल ये है कि भाजपा शुरू में ही हिंदुओं को बचा क्यों नहीं लेती ? देश के दुश्मनों को तुरंत गिरफ्तार करके नेस्तनाबूत क्यों नहीं करती ? डिबेट, प्रचार सब बाद में भी तो हो सकता है ? अपने छवि को बनाने के लिए हिंदुओं को बलि का बकरा क्यों बनाती है ?