Friday 26 May 2017

बिहार में कैसे लूटी जाती है करोड़ों कि जमीन

इस बार जब बिहार पहुंचा तो देखा ज्यादातर दोस्त जमीन खरीद बिक्री के धंधे से जुड़ गए हैं.. एक मेरी भी जमीन थी..जिसे वहां के जमीन भू माफियाओं ने नीतीश लालू के समर्थन से हड़प लिया है... खैर इस बार देखा कि दोस्त वोस्त कुछ नहीं होता.. सभी उस जमीन को मुझे आने पौने दाम में बेच कर भाग जाने की सलाह देते रहे ... मतलब एक करोड़ की जमीन एक लाख में... एक ने तो सिर्फ कागज वगैरह का दाम ले लेने को कहा..

बिहार में ये नया धंधा इधर के तीन चार सालों में खूब जोर पकड़ा है.. इसमें सीधा लाखों करोड़ों की कमाई हो जाती है। बेरोजगार बिहारियों को ये खूब आकर्षित किया है। पहले जमीन का दलाल बोलने भर से लोग गुस्सा होते थे.. अब तो दलाल वाला आफिस इधर भी खुलने लगा है। चूंकि इस चक्रव्यूह में मेरी जमीन भी छीन ली गयी तो इसे करीब से देखा...

लोकल लोफर मवाली से लेकर... एच डी ओ, बीडीओ, एसएसपी, डीएम, कमिश्नर, थाने का दारोगा, पार्षद, विधायक, सांसद, छुटभैये नेता, वकील, जज, मंत्री, मुख्यमंत्री, नगर निगम, सर्वे आफिस आदि का हरेक कर्मचारी... और नक्सली संगठन में एमसीसी और रणवीर सेना भी...  मतलब ये कुल मिलाकर एक ऐसा अपराजेय गिरोह है जिसने जहां जिस जमीन पर कुदृष्टि डाल दी तो फिर कई जन्मों के प्रयास के बाद भी आपको वो जमीन मिलने वाली नही है.... नहीं मिलेगी।।

मैंने ईमानदारी से लड़ने की हर प्रक्रिया अपना डाली.. पुलिस, सरकार और कोर्ट तक... कोर्ट के जज को लाख रुपये तक देने पड़े.. क्योंकि सीधा पैसा मांगा गया वरना जिंदगी भर कोर्ट के चक्कर लगाते रहने की धमकी दी गयी..... पर माफियाओं ने सिविल कोर्ट में फैसला मेरे पक्ष में आते ही हाइकोर्ट में चले गए.. याने सिविल कोर्ट का फैसला मेरे लिए ज़ीरो बेनिफिट रहा.... अब हाइकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का खर्च वहन करना मेरे बस की बात नहीं थी। ये लोग मजिस्ट्रेट से लेकर जज तक सब मैनेज किये हुए हैं। जमीन पर कब्ज़ा भी खुद नही बल्कि चमार जाति को आगे करके किया ताकि बलपूर्वक कुछ करने पर sc st एक्ट के तहत जिंदगी भर मुझे जेल में सड़ाया जा सके.. माँ ने भी सख्त वचन दे दिया कि मुझे मेरे बच्चा चाहिए भले जमीन चली जाए इसलिए ऐसा कुछ गलत मत करना।। याने आखिरकार मेरी जमीन मुफ्त में इन्होंने हड़प लिया...

अब उपदेश देने वाले तो काफी कुछ कहेंगे.. लेकिन भुक्तभोगी जानता है.. कि आपके पास सिर्फ एक रास्ता है यानी एक ही रात में कम से कम दस बीस लाशें गिरा देना... वरना दूसरा रास्ता है ही नहीं... बोलिये क्या ये करना चाहिए... ? बिहार में न्याय तो मिलेगा नहीं क्योंकि यहां हरेक शाख पर क्रिमिनल हैं... फिर ... क्या करें ? यही बिहार है और यही बिहारी हैं।
#बिहार #BIHAR #LALU_YADAV #NITISH_KUMAR

Monday 22 May 2017

भारत के दुश्मन बिहारी बंगाली वोटर

दोस्तों ये केजरीवाल कैसे आया ?  ये लालू यादव और ममता जैसे लोग कैसे भारत का भाग्य लिखने को आते है ? क्या ये लोग भारत के लिए एक प्रतिशत भी अच्छा कार्य कर सकते हैं ? ....
कदापि नहीं... लेकिन मेरी नजर में हमेशा से दोषी वो जनता रही है जो इनको हमारे सर पर बिठा कर भारत का विनाश करवाती है।

एक क्षण के लिए कश्मीर, केरल, बंगाल जैसे जगहों पर तो मान भी लें कि मुस्लिम वोटर ज्यादा हैं और उनका तो काम ही है ऐसे नेता को वोट देना जो भारत को बर्बाद कर दे... पाकिस्तान चीन के आगे दब जाए.. जो हिन्दू धर्म से नफरत करे और भारतभूमि से हिंदुत्त्व को समाप्त करने में योगदान दे...

इस बात को ये नेता भी समझते हैं कि हिंदुओं को और हिंदुस्तान को खत्म करने के अप्रत्यक्ष समझौते पर ही मुस्लिम उनको वोट देते हैं इसलिए वो चुनाव जीतने के बाद यही काम शुरू कर देते हैं। असल मे ये नेता आज के अकबर, औरंगजेब, गजनवी, खिलजी ही हैं...

लेकिन फिर बिहार के , दिल्ली के उन वोटरों का क्या जो मुस्लिम नहीं है बल्कि हिन्दू हैं और इनको ही वोट करते हैं... बिहार के दलित, यादव या दिल्ली के पढ़े लिखे कूल ड्यूड सब एक ही श्रेणी के मूर्खाधिराज और देश के गद्दार नहीं तो क्या हैं ? ये लोग जाति वाद की झूठी आड़ में भारत का विनाश चाहते हैं.. ... अगर मान भी लिया जाए कि इनकी दुश्मनी उच्च जातियों से हैं तो क्या ये भारत को बर्बाद करके लिया जाएगा ? क्या मुल्लों के हाथों में देश को सौंप कर इस्लामिक राष्ट्र बनाकर लिया जाएगा ? क्या मुस्लिमों का अधिपत्य बढ़ने के बाद जातिवाद समस्या खत्म होगी या उल्टा इन दलितों को भी पटक पटक कर और लंगटा करके मारा जाएगा जैसे पाकिस्तान में या बांग्लादेश में होता है ? क्या इस्लामिक देशों में वामपंथियों का अस्तित्त्व भी है ??

दोस्तों ऐसे बिहारी और दिल्लीवासी वोटरों को ज़लील कीजिये.. गाली बकिये.. ये किसी भी तरह से सम्मान के लायक नहीं हैं.. जो देश के विनाश में अहम योगदान देते आ रहे हैं...
और हाँ इसी प्रदेश के चंद अच्छे वोटर  हैं उनको भी गाली सुनना पड़ेगा.. जब बेटा खराब हो जाये तो बाप को भी अपमानित होना ही पड़ता है।।

Saturday 13 May 2017

आखिर बिहारी इतने बदनाम क्यों है ?

आखिर बिहारी इतने बदनाम क्यों है ? क्यों देश मे वो एक अशिष्ट, भद्दे नागरिकों में गिने जाते हैं  ? कुछ तो वजह होगी.. आखिर दूसरे प्रदेश के नागरिकों के प्रति ऐसी सोच क्यों नही है ? बिहार में ट्रेन के एंट्री करते ही दूसरे लोग तो छोड़िए.. खुद बिहारी सावधान होकर अपने सामान , बैग्स आदि की जंजीरे, ताले चेक करने लगता है...

कहने को तो ऐसे पोस्ट पर बिहारी भाई आंधी तूफान बन कर टूट पड़ते हैं.. लेकिन इससे बिहार अच्छा नही होगा... भैंस। के चारा खाया तो तर्कसंगत भी था लेकिन चूहों ने शराब पी ली अरबों रुपये के... ये हजम होगा क्या ? कितने भी चूहे मिल जाये तो क्या वो बोतल के सील पैक ढक्कन को खोल सकते हैं ? लेकिन भैया ये बिहार है.. जांचने वाली कंपनी का तर्क देखिए.. एक ऐसी चीज पर इल्जाम लगाना था जिसपर केस चले ही नहीं...

पहले लालू के बेटे ने करोड़ों का घोटाला कर लिया.. और अब मीसा भारती ने करोड़ों की जमीन हड़प ली... दोस्तों इस यादव के खून में चोरी मक्कारी और इस्लामी संस्कृति के गिरे हुए तहजीब समाए हैं... लालू क्या नही करता ... गुंडागर्दी, अपहरण, चोरी, घोटाला हर बुरे काम मे अप्रत्यक्ष रूप से संलग्न है क्योंकि उसके अकाउंट तक इसका पैसा पहुंचता है... ये एक खालिस अपराधी है..

लेकिन लालू अपने चुटकुलों से, मसखरी से बिहारियों को धूल चटा देता है... कैसे जम कर वोट पड़ी लालू को... बिहारियों की प्रकृति ही ऐसी हो चली है कि जो सबसे बड़ा चोर, गुंडा होगा उसी को सबसे ज्यादा वोट दूंगा। बिहारी में संस्कार भी है पर एक अलग कोने में.. इनसे बड़ा सेक्युलर आपको कहीं नहीं मिलेगा...

आप बिहार जाओ अपनी जवान बेटी बहन को लेकर.. सड़क पर निकलो.. और फिर देखो...आपको असली बिहारी वाली पहचान दिखाई देगी.. लगभग हर आदमी लड़की की तरफ घूरता मिलेगा.. युवा, बुजुर्ग, बच्चे... सभी... उनकी नजरें ही आपको सब बता देंगी... आज लिख रहा हूँ क्योंकि ये जरूरी है..

अपराध का हाल ये है कि महिलाओं के गले से चेन आदि झटके में खींच ली जाती है, व्यवसायियों को गोली मारकर पैसों का थैला लूट लिया जाता है, एटीएम को उखाड़कर पैसे निकाल लिए जाते हैं.. आपके रहते हुए घरों में घुसकर दिनदहाड़े डकैती कर ली जाती है... आप थोड़े से अमीर हुए तो आपके बच्चे स्कूल जाते हुए गायब हो जातेहैं.. कहीं दुकान है तो रंगदारी देते रहिये.. जमीन है तो कोई भी यादव या मुस्लिम कब्ज़ा करके कागज बना ले सकता है... यहाँ किसी भी दफ्तर में कोई काम जिम्मेदारी से नही हो सकता, आधे कर्मचारी मिलते नहीं.. भूल जाइए कि आपकी मदद कोई विधायक या सांसद करेगा .. या मंत्री.. वो तो अपने 5 साल के अकूत कमाई का इंतजाम करने में जुटा है... बिहार एक प्रकृति से सजा धरोहर दिखता है लेकिन व्यवस्थाओं ने नरक बना दिया है.. इस्लामीकरण लगभग हो चुका है.. चारों तरफ मुल्ले ही मुल्ले.. जिसके साथ बिहारी हिन्दू सेवइयां खाते मिल जाएंगे.. यहाँआं तक कि हिन्दू लड़कियों को फंसाने में उसका साथ देते भी..

बिहारी सुनते ही किसी को गर्व का भाव उतपन्न नही होता.. कुछ तो वजह होगी.. गुजराती, पंजाबी, मुम्बईकर, सबको बोलते ही दिमाग मे एक अलग पहचान बनती है और बिहारी बोलते ही अलग...

ये खूब डींगें हांकेंगे लेकिन इनका पूरा चरित्र तब सामने आ जाता है जब लालू और उसका पूरा आपराधिक गैंग इनके ही वोटों से लबालब हो जाता है.. गलत को गलत नही कहेंगे तो क्या दिल रखने के लिए झूठ बोल दें ?

शहीद जवानों के लिए कोई करोड़ी मुस्लिम आगे नहीं आया

जब CRPF के जवानों को वामपंथी नक्सलियों के हाथों शहीद होना पड़ा तब...

अक्षय कुमार ने हरेक शहीद के घर मे 9- 9 लाख रुपये भेज दिए...

गौतम गंभीर ने सभी बलिदानियों के बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठा लिया...

और अब विवेक ओबेरॉय ने सभी विधवाओं को पुणे में एक एक फ्लैट दे रहे हैं... जिसमे चार फ्लैट की चाभी वो सौंप चुके है.. याने करोड़ों की मदद...

फिर ये सारे 200- 300- 500 करोड़ कमाने वाले बीइंग ह्यूमन और समाजसेवी सत्यमेवी .... सुल्तान पीके छोटे नवाब आदि सुतिये आखिर कुछ क्यों नहीं कर रहे ?

क्या वजह है कि सैनिकों के लिए करोड़ों देने वाले ये सारे अक्षय, गंभीर, विवेक आदि हिन्दू ही हैं ?