Thursday 23 March 2017

धर्म और मजहब इंसानों की क्वालिटी तय करने की फैक्ट्री

अगर आप हीरो स्प्लेंडर बाइक भारत में खरीदोगे तो .. उतना ही माइलेज और वही परफॉरमेंस देगा जो पाकिस्तान में खरीदने पर देगा.. क्योंकि same इंजन.. same गाड़ी पूरी दुनिया में एक ही तरह से काम करती है.... एक आईफोन लंदन में वही परफॉरमेंस देगा जो भारत में क्योंकि इसका मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एक ही है APPLE...
मुस्लिम के दिमाग के पार्ट्स पुर्जे .. पूरी दुनिया में एक ही कंपनी तैयार करती है जिसका नाम है कुरआन.. इनका हर जगह एक ही परफॉरमेंस और माइलेज रहता है.... जो वहाँ करेंगे वही यहाँ भी करेंगे ... क्योंकि उनका असेम्बलिंग एक ही तरह के मशीन में हुआ है।

ये जो 'धर्म" या मजहब है ना वो एक मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री है... जो same to same... प्रोडक्ट तैयार करती है।। अगर हिन्दू भी विरोधी फैक्ट्री के प्रभाव में आया तो अलग तरह का परफॉरमेंस देगा .. दिग्गी और केजरी की तरह.. दुर्भाग्य से 52 मुस्लिम देश में एक तरह की मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री है..

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, सिर्फ एक कूटनीति

तेजस्वी यादव ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है.. इसके पहले नीतीश कुमार की ये मांग चलती रही है.. पुरे बिहार को लूट खसोट कर और अपराधियों को संरक्षण देकर ये लोग बिहार की उन्नति केंद्र के माध्यम से चाहते हैं ...  अगर तीन सबसे बदकिस्मत बदहाल राज्यों की बात आये तो मैं कश्मीर, बंगाल के बाद बिहार को ही स्थान दूंगा...

गुजरात को केंद्र ने क्या दिया था  जो इतना आगे बढ़ा ? एक राज्य के अंदर हर वो चीज होती है जिसका इश्तेमाल करके आप उसको विकास की जिस ऊंचाई पर ले जाना चाहो .. ले कर जा सकते हो ... बिहार की ताकत उसकी खेती है... लेकिन आज ही एक व्यक्ति से बात हुई तो पता चला कि 15 किलोमीटर पैदल चल कर उसे जाना पड़ा क्योंकि सड़क बाइक से जाने लायक नहीं थी... क्या केंद्र बनवाये सड़क ?  खेती करवाने भी केंद्र आएगी ? चोरी डकैती अपहरण हत्या रोकने के लिए मोदी जी सेना लेकर बिहार पहुंचेंगे ?

बिहार में कोई पागल मति भ्रष्ट व्यापारी ही होगा जो कुछ व्यापार करने के लिए अपनी नींव रखेगा क्योंकि सबसे बड़े लेनदार, रंगदार और फिरौतीबाज तो खुद लालू यादव है... नीतीश उसका समर्थक है...

नीतीश किसी काम के लिए कभी सड़क पर नहीं जाता.. किसी कार्यालय में जाकर चेकिंग नहीं करता.. कभी कहीं औचक निरीक्षण आदि बराबर नही करता... नितीश दीखता पढ़ा लिखा है पर अक्ल दो कौड़ी की नहीं है कि विभाग में कैसे काम करवाया जाता है। इसका जनता दरबार पीड़ितों को पीड़ा देता है..आप बिहार में कहीं रात्रि के समय यात्रा करने की सोच नहीं सकते... अगर सोचेंगे तो आपकी जान माल सब अपराधियों के भरोसे है.. पुलिस बिहार का सबसे बड़ा गुंडा है.. सारे यादव और दलित गैरकानूनी रूप से जमीन कब्ज़ा करने में लगे हैं जिसकी कीमत करोड़ों अरबों में होती है जिसका कमीशन विधायक सांसद मंत्रियो तक पहुँचता है...

और तब मुझे झल्लाहट होती है कि क्यों आप विशेष राज्य का दर्जा मांगते हो ? आपको खुद कुछ करना है या नहीं ? बिहार को आप गर्त में धकेलते रहोगे और दुनिया को दिखाने के लिए केंद्र पर इल्जाम थोपोगे ? क्या विशेष राज्य का दर्जा देने से अफसरशाही और अपहरण , हत्या सब खत्म होगा ?

Thursday 9 March 2017

सैफुल्ला की जगह हिन्दू होता तो उसका बाप जेल में होता

भले सैफुल्ला के बाप को हीरो बनाया जा रहा हो.... लेकिन अगर आज सैफ्फुल्ला की जगह कोई हिन्दू होता... तो उसके बाप भाई मामा आदि सभी को पकड़ कर थर्ड डिग्री दी जा रही होती। मुस्लिम अपराधी के पकडे जाने पर या मारे जाने पर देश की पुलिस कभी भी उसके बाप भाई या परिवार को परेशां नहीं करती लेकिन दूसरे धर्म के लोग अपराधी हो जाएं तो पूरे परिवार को पुलिस टॉर्चर भी करती है और अदालत में दाखिल केस में भी नाम डाल देती है....

लेकिन मुस्लिम होने की वजह से उसका बाप हीरो बन गया.. जबकि उससे पूछा जाना चाहिए था कि इसके कौन कौन से दोस्त थे ? कौन सबसे ज्यादा आता था ? तेरा बेटा कहाँ जाता था, घर कब लौटता था ? किस मुल्वी मौलाना के संपर्क में था ? किस मस्जिद में नमाज को जाता था ?

पर नहीं.. भारत के हिंदुओं को भावनात्मक रूप से मुर्ख बनाओ तो वो लोग सहज ही एक अपराधी को दयादृष्टि से देखने लगते हैं।

Sunday 5 March 2017

बैंकों में न्यूनतम रकम रखने के नियम से फायदा

बैंकों में अब 1000 से 5000 तक रखना जरुरी हो गया है.. विरोध भी बहुत हो रहा है..  होना भी चाहिए.. अपने अपने तर्क हैं.. लेकिन इसका सकारात्मक पक्ष कुछ नहीं है क्या ?
और नकारात्मक पक्ष है ही क्या ? ?

आज कदम कदम पर एटीएम है.. सबके अंदर AC लगाया जाता है.. एक गार्ड रखा जाता है... दिन में दो बार पैसे रखने लाने .. ले जाने के लिए कर्मचारी नियुक्त हैं जो हमेशा खतरों से खेलते हैं.. एटीएम में समस्या आये तो उसे ठीक करने के लिए स्थायी इंजीनयर की नौकरी रहती है.. अब आप सिर्फ एक एटीएम के लिए जुटे लोग और खर्च का हिसाब लगाइए...

कांग्रेस और लालू नितीश अखिलेश के राज में अपराधी ऐसे बेख़ौफ़ हैं कि एटीएम आने के बाद से लोगों ने एक तरीका निकाला.. जितनी जरुरत हो उतने ही पैसे निकालो.. वरना कभी भी चोर उचक्के घर से या सड़क से लूट लेंगे.. यह सोच कामयाब भी रही है...

मुझे याद है कि आज से 15 या 20 साल पहले बैंकों में न्यूनतम रकम रखने का नियम था.. शायद 500 रुपये।। अभी जो नियम आये हैं वो आपके 5000 रूपये लेकर भाग नहीं जाएंगे.. ना वो जब्त कर लेंगे... ये अच्छा ही है कि आपके पास हमेशा इमरजेंसी के लिए 5000 रूपये होंगे... कोई दण्ड शुल्क ना होने की वजह से लोग 1000 रूपये भी अकाउंट में नहीं छोड़ते... इससे बैंकों को एक ऐसे अकाउंट के पीछे समय और पैसा बरबाद करना पड़ता है जिसमे एक रूपया भी नहीं है....

मान लो अगर ये आपकी मज़बूरी है इसलिए आप 5000 रूपये हमेशा मेंटेन करते हो.. ऐसे में भगवान् ना करे कभी आपके साथ कुछ मुसीबत आये या आपने सामान खरीद लिए और पता चला कि पर्स नहीं है, या ऐसे किसी भी जरुरत के समय में आपके पास 5000 रूपये तो होंगे ही भले उसपर कुछ शुल्क  लग जाए पर आपको 5000 निकालने से सरकार मना तो नहीं कर रही है ? ? और आपात समय में 5000 की रकम अच्छी खासी होती है।

वैसे ये मेरी सोच है.. आपकी क्या है पता नहीं.. गरीबों के लिए ये 5000 नहीं बल्कि 1000 है.. याने उनके पास हमेशा 1000 का आपात समर्थन तो रहेगा ही.. इसमें मुझे तो यही सकारात्मक पक्ष दीखता है।

Wednesday 1 March 2017

टीवी पर बीजेपी का ब्रह्मास्त्र संबित पात्रा

ये संबित पात्रा अब इतना कुशल और चालाक वक्ता हो गया है कि इसके सामने डिबेट में किसी का भी टिक पाना मुश्किल है.. अपनी बातों को नम्रतापूर्वक कहना और मीठे शब्दों में दिल के अंदर तक मार करने की कला जो इनके पास है वो अभी किसी भी वक्ता में नहीं है।
अभी एक डिबेट में जब कांग्रेस वक्ता और महिला ने उनको बोलने नहीं दिया.. हल्लागुल्ला होने लगा तो संबित ने कहा...
"मैडम.. फ्रीडम ऑफ़ स्पीच.. मुझे भी फ्रीडम ऑफ़ स्पीच दीजिये.. देश का नागरिक हूँ.. . बोलने दीजिये.. "
उनकी इस तरह की कॉमेडी जो देशभक्तों को हंसाती है तो देश के दुश्मन ऐसे व्यंग्य से तिलमिला उठते है... भाजपा पार्टी इस मामले किस्मत वाले हैं कि आखिरकार एक अच्छा वक्ता उन्हें मिल गया।