Saturday 30 June 2018

रेप के बाद दरिंदगी करने वालों में सिर्फ मुस्लिम क्यों ?

ये सोचने वाली बात है कि बलात्कार होते रहे हैं.. शायद होते भी रहेंगे... लेकिन पीड़िता के साथ जब दरिंदगी और हैवानियत की बात आती है तो आरोपी सिर्फ मुस्लिम ही निकलते हैं..
इसका सबसे बड़ा कारण है मदरसों में इनको ये समझाना  कि हिन्दुओ  की लड़कियां तो तुम्हारे हरम में रहा करती थी और उनकी औक़ात क्या है ?
दूसरा ये बताना कि इस्लाम में गैर मुस्लिम की लड़कियों से बलात्कार जायज है.. और उनको पीड़ा देना अल्लाह का जिहाद है..

ये लोग जैसे जैसे बड़े होते हैं . . पूरा दिमाग जहरीला होता जाता है.. इनके दिमाग मे हिन्दू लड़कियों की ऐसी इमेज बनाई जाती है कि जिसके साथ कुछ भी करो, सबसे गंदा काम करो क्योंकि वो इसी लायक है...... उसके बाद जिस दिन ये रेप करते हैं, तो सबसे पहले हिन्दू की बेटियां खोजते हैं...

इनके दिमाग मे रहता है कि ये काफ़िर की बेटी है और काफिर को तड़पाना ,मारना सबकुछ अल्लाह ने ही जायज कह दिया तो पाप रहा कहाँ ? ?

इस देश का संविधान भले ही मुझे फांसी दे दे पर बलात्कार और तड़पा कर की गई उसकी हत्या मेरे लिए पुण्य था... पाप नहीं..
जब व्यक्ति इस मनोदशा में पहुंच जाए तो वो क्या नहीं करेगा ?

जब मैं कहता हूं मुस्लिम के बारे में तो लोग गंगा जमुनी और अब्दुल कलाम आदि की नौटँकी करने लगते हैं, हमारे अपने ही लोग हमारे विरोधी होने लगते हैं..  जबकी देश के अंदर ये लोग एक महामारी का रूप ले चुके हैं... कम से कम कुछ नहीं कर सकते तो बहन बेटियों और माओं को सावधान कीजिये, समझाइए...

Sunday 17 June 2018

भोजपुरी फिल्मों व गानों की अश्लील हकीकत

यही है भोजपुरी सिनेमा की हकीकत.. कल अपनी दूसरी आईडी से भोजपुरी सिनेमा में हद पार कर चुकी अश्लीलता की बात क्या की ... कि कुछ बिहारी भाई ताव खा गए...
दोस्तों सच तो ये है कि ये गाने बिहार का कोई भी शरीफ आदमी ना बजाता है और ना सुनना चाहता है... ये गाने सिर्फ संस्कारहीन और महाबेशर्म लोग ही सुनते हैं...
भोजपुरी की दुर्दशा में सबसे बड़ा हाथ इन भोजपुरिया कलाकारों का है...  मगर मानता कोई नहीं...

जिस वक्त भोजपुरी फिल्में बननी शुरू हुई थी और हिट हुई थी  .. उस वक़्त मराठी सिनेमा, तमिल और तेलगु आदि अपनी शुरुआत कर रहे थे... आज वो लोग आसमान पर पहुंच गए... और भोजपुरी रसातल में...

भोजपुरी गाने और फ़िल्म....  अश्लीलता, नंगई और बुराई के प्रतीक बन गए हैं .. विश्वास ना हो तो एक काम कीजिये...

बिहार के किसी ऐसे हॉल के बाहर जाकर खड़े हो जाइए और देखिए कि किस टाइप के दर्शक अंदर जा रहे हैं... या बाहर निकल रहे हैं...
मुंह मे 10 किलो गुटखा ठूंसे और 20 किलो की माँ बहन वाली गाली उगलते लोग देखकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए...
एक खास गिरे हुए मेंटेलिटी के लोग ही आपको जाते दिखेंगे...

इससे पीड़ित सबसे ज्यादा आपको गांवों में मिलेंगे.. जहां कोई रोकटोक नहीं होता और खुलकर गाने बजाए जाते हैं...
आपने अभी हाल में जहानाबाद, वजीरगंज जैसे गांवों में देखा होगा कि कैसे 5 -6 लड़के एक अकेली लड़की पर सरेआम टूट पड़ते हैं.. इसका वीडियो भी वायरल हुआ था... उनकी मानसिकता ऐसी कैसे बनी ?

शहरों में थोड़े सभ्य लोग हैं, कानून है तो शिकायत आदि करके ये सब बजाने वालों को रोका जाता है... हमारे ही शहर 'गया' में एसएसपी से शिकायत करके सारे ऑटो वालों की गाड़ी से ऑडियो प्लेयर उतरवाया गया... क्योंकि महिलाओं को बेहद ही अश्लील गाने सुनने पड़ते थे...

भोजपुरी के बारे बारे में क्या क्या कहा जाए ? इसके हीरो को देखिए... एक भी अच्छा goodlooking नहीं दिखेगा... सब के सब लपडझंडू दिखते हैं... मगर इनके लिए सुपरस्टार शब्द प्रयोग होते हैं... एक्ट्रेस देखिए... ऐसे थुल थुल पेट और बाकी सामान हिलाती है जैसे कोठे वालियां हों... क्या आप किसी भी हीरो या हेरोइन की तुलना साउथ के हीरो से कर सकते हैं.. मराठी से ? पंजाबी से ?

भोजपुरी इंडस्ट्री को कुछ खास लोगों ने कब्जा कर लिया है... इंडस्ट्री में खास रूल हैं... कम से कम 7 से 8 गाने होंगे, इसमें से चार आइटम होंगे, 2 सामान्य होंगे, एक कोठे वाला कव्वाली या ऐसा कुछ होगा... आदि आदि... ढाई घण्टे में कितने समय तक अश्लीलता चलेगी, कितने समय तक मारधाड़ और कितने समय तक रोना धोना वो फिक्स है... यहां कहानी से कुछ लेना देना नहीं.

सबसे हैरत की बात है कि फ़िल्म के म्यूजिक ट्रैक भी फिक्स हैं.. एक बार जो आइटम सॉन्ग का ट्रैक बन गया तो सिर्फ गायक नए गाने उसी ट्रैक पर गा देता है, बस हो गया.. मैने अपनी आंखों से देखा, एक घण्टे के अंदर पूरा गाना रिकॉर्ड हो गया और म्यूजिक भी बन गए...यहां हर कोई कमाने आया है.. चाहे जैसे भी... यहां रचनात्मकता की बात करना पाप है...

आज बिहार अगर इतना बदनाम है तो इसके पीछे इस भोजपुरी इंडस्ट्री का बहुत बड़ा हाथ है... आज अगर गांवों में भी खुलेआम रेप करते नाबालिग मिल रहे हैं तो ये सब इसी से हुआ है...

मैं भी बिहार का हूँ.. और मैं नहीं चाहता कि ये गंदगी और फैलता रहे.. इसलिए मैं इसका विरोध करता रहूंगा...
#भोजपुरी #bhojpuri

Saturday 16 June 2018

मोदी सरकार का कश्मीर में फ्लॉप शो जारी

कल सारे डिबेट शो में जिस तरह से कश्मीर में हुए सीजफायर के निर्णय पर भाजपा प्रवक्ताओं की ऐसी तैसी हुई... जैसी बेइज्जती हुई... उसे देखकर मुझे भी बहुत दुख हुआ..
आज से सिर्फ दो साल पहले तक यही सुशील पंडित, यही रिटायर्ड फौजी और रक्षा विशेषज्ञ मोदीजी की तारीफ करते नहीं अघाते थे.. और सिर्फ यही क्यों.... हम सभी राष्ट्रवादियों को एक उम्मीद थी... कि कुछ तो होगा.. कोई ना कोई तो ऐसा फैसला... या ऐसी रणनीति अपनाएगी कि 1990 से चली आ रही इस समस्या का समाधान होगा।।

अगर पूर्ण समाधान नहीं भी निकला तो कम से कम मोदीजी इन कश्मीरी मुस्लिमों को सबक सिखाएंगे. .. उतनी ही पीड़ा देंगे... जितना वो हमारे देश को देते हैं...

लेकिन कुछ नहीं हुआ.. बल्कि इतनी बेशर्मी से घुटने टेक दिए गए कि हम जैसे भाजपा के समर्थकों का सर नीचे कर गया. ...
आज इसमें कोई बुराई नहीं कि भाजपाई प्रवक्ताओं का बलात्कार किया जाए... और मोदी राजनाथ आदि की आलोचना इसलिए किये जायें ताकि इन लोगों को ग्लानि हो.. सर नीचे झुक जाए. ...

चार साल को हलवा समझ के लपेट लिए बाकी एक साल जलेबी समझ के लपेटेंगे,. और चुनाव में जब परिणाम सामने आएंगे तो पता चलेगा कि सब अनपच हो गया है...