Tuesday 27 March 2018

भारत के छदम हिंदूवादी सरकार की वजह से 500 पाकिस्तानी हिन्दू वापिस

पाकिस्तान से भाग कर आये 500 हिंदुओं को भारत मे जगह नहीं दी गयी.. यहां तो मोदी सरकार रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को बसाने में लगी है... एक तरफ वो इस्राएल है जो विश्व भर में कहीं भी रह रहे यहूदी को इस्राएल की नागरिकता देती है... चाहे वो जहां भी रहें.. जब चाहें ... आकर इजराइल की सरकारी सेवाओं का लाभ ले सकते हैं..  रह सकते हैं... लेकिन भारत की छदम हिंदूवादी पार्टी ऐसा कुछ नहीं करती...

वैसे जिस मोदी सरकार से अपने देश के कश्मीरी हिंदू के लिए कुछ नहीं हो पा रहा वो पाकिस्तान के हिंदुओं के लिए क्या खाक कुछ करने में समर्थ है..? इन हिंदुओं के लिए ना कोई बाबा आया ...ना कोई बड़ा संगठन ...

ये लोग भी क्या सोचकर आये होंगे.. किसी तरह से एक बार अपने पूर्वजों की जमीन पर पहुंच जाएंगे तो करोड़ो हिंदुओं में कोई तो जरूर हाथ आगे बढ़ायेगा... कोई तो जरूर हमें पाकिस्तान के दानवों से मुक्ति दिला देगा... लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ...
ये सारे लोग जैसे ही पाकिस्तान पहुंचे इनको पकड़कर एक शिविर में कल इनको जबरदस्ती कलमा पढ़वाया गया और मुसलमान बना दिया गया..  इनके ही बच्चे आगे जाकर जिहादी बनेंगे और आपको मारेंगे... आज की हमारी ग़लती कल हम पर भारी पड़ेगी...

Monday 26 March 2018

श्री हनुमान जी के समाज के बारे में..

वानर का शाब्दिक अर्थ होता है 'वन में रहने वाला नर।' वन में ऐसे भी नर रहते थे जिनको पूछ निकली हुई थी। नए शोधानुसार प्रभु श्रीराम का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व अयोध्या में हुआ था। श्रीराम के जन्म के पूर्व हनुमानजी का जन्म हुआ था अर्थात आज (फरवरी 2015) से लगभग 7129 वर्ष पूर्व हनुमानजी का जन्म हुआ था। शोधकर्ता कहते हैं कि आज से 9 लाख वर्ष पूर्व एक ऐसी विलक्षण वानर जाति भारतवर्ष में विद्यमान थी, जो आज से 15 से 12 हजार वर्ष पूर्व लुप्त होने लगी थी और अंतत: लुप्त हो गई। इस जाति का नाम कपि था। हनुमान का जन्म कपि नामक वानर जाति में हुआ था।

दरअसल, आज से 9 लाख वर्ष पूर्व मानवों की एक ऐसी जाति थी, जो मुख और पूंछ से वानर समान नजर आती थी, लेकिन उस जाति की बुद्धिमत्ता और शक्ति मानवों से कहीं ज्यादा थी। अब वह जाति भारत में तो दुर्भाग्यवश विनष्ट हो गई, परंतु बाली द्वीप में अब भी पुच्छधारी जंगली मनुष्यों का अस्तित्व विद्यमान है जिनकी पूछ प्राय: 6 इंच के लगभग अवशिष्ट रह गई है। ये सभी पुरातत्ववेत्ता अनुसंधायक एकमत से स्वीकार करते हैं कि पुराकालीन बहुत से प्राणियों की नस्ल अब सर्वथा समाप्त हो चुकी है।

वानरों के साम्राज्य की राजधानी किष्किंधा थी। सुग्रीव और बालि इस सम्राज्य के राजा थे। यहां पंपासरोवर नामक एक स्थान है जिसका रामायण में जिक्र मिलता है। 'पंपासरोवर' अथवा 'पंपासर' होस्पेट तालुका, मैसूर का एक पौराणिक स्थान है। हंपी के निकट बसे हुए ग्राम अनेगुंदी को रामायणकालीन किष्किंधा माना जाता है। तुंगभद्रा नदी को पार करने पर अनेगुंदी जाते समय मुख्य मार्ग से कुछ हटकर बाईं ओर पश्चिम दिशा में, पंपासरोवर स्थित है।

सेंट्रल अमेरिका के मोस्कुइटीए (Mosquitia) में शोधकर्ता चार्ल्स लिन्द्बेर्ग ने एक ऐसी जगह की खोज की है जिसका नाम उन्होंने ला स्यूदाद ब्लैंका (La Ciudad Blanca) दिया है जिसका स्पेनिश में मतलब व्हाइट सिटी (The White City) होता है, जहां के स्थानीय लोग बंदरों की मूर्तियों की पूजा करते हैं। चार्ल्स का मानना है कि यह वही खो चुकी जगह है जहां कभी हनुमान का साम्राज्य हुआ करता था।

एक अमेरिकन एडवेंचरर ने लिम्बर्ग की खोज के आधार पर गुम हो चुके ‘Lost City Of Monkey God’ की तलाश में निकले। 1940 में उन्हें इसमें सफलता भी मिली पर उसके बारे में मीडिया को बताने से एक दिन पहले ही एक कार दुर्घटना में उनकी मौत हो गई और यह राज एक राज ही बनकर रह गया।

अमेरिकन इतिहासकार मानते हैं‍ कि भारतीय आर्यों ने ही अमेरिका महाद्वीप पर सबसे पहले बस्तियां बनाई थीं। अमेरिका के रेड इंडियन वहां के आदि निवासी माने जाते हैं और हिन्दू संस्कृति वहां पर आज से हजारों साल पहले पहुंच गई थी। माना जाता है कि यह बसाहट महाभारतकाल में हुई थी।  वैसे तो पूरी दुनिया के सबसे प्राचीन लोग जब हिन्दू ही थे तो जाहिर है हरेक सभ्यता उनके ही द्वारा शुरू हुयी होगी।।
(26 मार्च 2016 की पोस्ट)

Tuesday 20 March 2018

मोसुल में मारे गए लोग अपनी मौत के खुद जिम्मेदार

मोसुल देश मे जो कुछ भी हुआ उसके जिम्मेदार वे लोग खुद हैं जो इस्लामिक देशों में गए थे..
अगर मैं किसी ऊंचे पर्वत पर चढ़ने जाऊं और फिसल कर मर जाऊं तो इसका दोषी कौन होगा ? मेरा परिवार ? उस जिला का जिलाधिकारी या मुख्यमंत्री ?  क्या मुझे पता नहीं था कि सड़क पर चलने में और पर्वत पर चढ़ने में अंतर होता है ?

क्या ये लोग जानते नहीं थे कि इस्लामिक देशों में हिंदुओं, ईसाइयों, बौद्धों आदि के लिए दुश्मनी का भाव होता है ? क्या उनको इस्लामिक देशों के शरीया कानून का पता नहीं ? क्या उनको ईशनिंदा जैसे कानून की जानकारी नहीं ? क्या उनको मुसलमानों के चरित्र के बारे में पता नहीं ?
तो कौन हुआ जिम्मेदार ?

मुझे कोई 1 करोड़ रुपये महीने भी दे तो इस्लामिक देशों में पैर नहीं रखूंगा.. जिन देशों में आपको पूजा पाठ करने को ना मिले.. जहां का हरेक मुसलमान आपको हलाल करने की नजर से घूरता मिले... वहां भी अगर आप कमाने जाते हो तो पैसे की जगह मौत ही मिलेगी... इसमें सुषमा स्वराज और मोदी जी कुछ नहीं करेंगे क्योंकि ये आत्महत्या है.. इसमें कोई दूसरा दोषी नहीं हो सकता..
#मोसुल #ISIS