Tuesday, 28 August 2018

पीएम मोदी की हत्या पर गिरफ्तारी पर जवानों की हत्या पर ?

पीएम मोदीजी की हत्या के सम्बंध में कई लोग गिरफ्तार हुए हैं.. ये सारे वामपंथी याने कंम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़े लोग हैं.. इन्हीं को नक्सली भी कहा जाता है जो आये दिन हमारे सुरक्षा जवानों को मारते रहते हैं.. और वो भी एक दो नहीं.. जवानों की लाशें बिछ जाती हैं...

लेकिन मजाल है जो कभी किसी को पकड़ा गया हो ? आज जिनकी गिरफ्तारी हो रही है वही उनकी हत्या के मुख्य अभियुक्त भी हैं... लेकिन सरकार के लिए जवानों के जान की कीमत कुछ भी नहीं हैं.. इसलिए ये सारे नक्सली नेता खुलेआम शहरों में रहते हैं, प्रदर्शन करते हैं,  tv डिबेट्स में आते हैं... पर इनको छुआ भी नहीं जाता..

इन वामपंथियों ने बंगाल में सैकड़ों भाजपाइयों और हिंदुओं को भी मारा.. केरल का नरसंहार तो अबतक चल रहा है.. बिहार में ये किसी को भी बहुत आराम से मार डालते हैं.. लेकिन आपने सुना है कि किसी कंम्यूनिस्ट नेता को गिरफ्तार किया गया हो.. जो असल मे साजिश रचने के मुख्य कलाकार होते हैं... ? ?

लेकिन आज गिरफ्तारी होगी क्योंकि अब बात खुद की हत्या पर आ गयी है, चुनाव में सहानुभूति भी चाहिए, बाकी जो आज तक मरते रहे. .. उसके लिए नहीं.. बल्कि चुनाव में जीत का ये भी एक फैक्टर हो सकता है इसके लिए...

और तो और ये सारी गिरफ्तारी एक पत्र के आधार पर हो रही है.. ठीक है.. होना चाहिए..

लेकिन जो सरकार जेएनयू के वीडियो को सही साबित नहीं कर पाई वो एक पत्र को साबित कर लेगी क्या ?
#कोरेगांव #नरेन्द्र_मोदी

Sunday, 19 August 2018

मुस्लिम समाज के दुश्मनों पर ही अल्लाह मेहरबान क्यों ?

कुछ मुल्लों ने झूठी तसल्ली हेतु एक पोस्ट डाली कि जिस जिस ने बाबरी मस्जिद गिराई उसके ऊपर अजाब गिर रहा है.. वो दुनिया से रुखसत हो रहे हैं... इसमें उन्होंने वाजपेयी जी का नाम भी जोड़ दिया..

लेकिन वाजपेयी जी को तो इतनी शानदार मृत्यु नसीब हुई.. 93 साल जी कर गए .. जो आजकल कम ही देखने को मिलता है.. फिर 10 सालों से कितनी सेवा मिली.. आराम मिला जो ऐसी हालत में जाने के बाद शायद किसी बुजुर्ग को नसीब होती हो ... फिर अल्लाह ने कौन सा दंड दिया ?
बाबरी गिराने वाले में प्रमुख आडवाणी जी भी टनाटन घूम ही रहे हैं...

2002 में दंगे के समय जिस मोदी जी को अल्लाह का नाम लेकर दुनिया भर के मुस्लिम बद्दुआएं देते हैं.. उसपर तो अल्लाह इतना खुश हो गया.. कि .. सीधे प्रमोशन देते हुए प्रधानमंत्री ही बना दिया ...

कहां है अजाब ? किधर है अल्लाह का दंड ? ये तो उल्टा हो गया है.... बल्कि इस हिसाब से तो ऐसा लगता है कि जिसको मुल्ले सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं .. अल्लाह उसी पर मेहरबान हो जाता है..

Sunday, 12 August 2018

क्या दलितों का लालच देश खत्म करने पर आमादा है ?

मुस्लिमों के लिए चाहे कुछ भी किया जाए वो भाजपा को वोट नहीं करते... इसी तरह दलितों के लिए आप कुछ भी करो.. पर उनकी प्राथमिकता में पहले लालू, अखिलेश, माया होगी.. उसके बाद ही भाजपा आती है...
उसी क्रम में देखा जाए तो सवर्ण समाज के लिए सबसे पहले भाजपा ही है.. उसके बाद ही कोई और...

भाजपा देशभक्तों की पार्टी मानी जाती है तो इसके पीछे कारण भी उचित हैं... मुस्लिम और दलित हमेशा अपने नेताओं के माध्यम से देशविरोधी एजेंडे में शामिल हो जाते हैं... भले ही वो इनकार करें... जबकि देशहित के मुद्दे पर भाजपा को सिर्फ सवर्णों का साथ मिलता है...

इसमें भी अगर अंतर करना हो तो सिर्फ इतना कह सकते हैं कि मुस्लिम को देशविरोध के लिए किसी नेता, मौलवी या किसी कारण की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि मुस्लिम होना ही भारतीय संस्कृति और देश का विरोध मान लेना पर्याप्त है.. इस पर कोई चाहे तो बहस कर सकता है..

वहीँ दूसरी तरफ दलितों को समझने के लिए ऐसे समझिये,  मान लीजिए कि....
"आपकी नजर किसी दुकान में रखे हीरे जड़ित जेवर पर है.. आपकी पूरी इच्छा है कि काश ये मेरा होता... अचानक एक आदमी आये और कहे कि भाई.. देखो चारों तरफ.. ना कोई गार्ड है, ना cctv, ना कोई परिंदा... तू दुकान तोड़ के ले सकता है..
किसी ने उकसाया, माहौल मिला और सारी नैतिकता को ताक पर रखकर आप दुकान से "चोरी" करने को हमला कर देते हो... "

दलित यही कर रहे हैं.. कोई आता है और कहता है.. निराश क्यों हो ? तू ये भी ले सकता है, वो भी ले सकता है, इसको भी जेल भेज सकता है. .. और उसको भी.. बस मुझे वोट दो .. मैं उस दुकान (देश) पर हमला करने का माहौल बना दूंगा..
दलित अपने कदम आगे बढ़ा देता है.. लालच बुरी बला है...

आज देश के नेता .. देश के लिए राजनीति नहीं कर रहे.. ना फैसले ले रहे हैं.. वो वोट की राजनीति कर रहे हैं... क्योंकि अगर नहीं करेंगे.. तो दलित या मुस्लिम चोरी ना करने देने के लिए उस पार्टी को वोट नहीं देंगे...
आप चोरी करने दो.. तो ही वोट देंगे... ये अलग बात है इस चोरी को वो अपना "मूल अधिकार" जैसे शब्द देते हैं..

हम भाजपा को भी दोष क्यों दें अगर आज देश की ये स्थिति है.. मान लो कि कोई ऐसी पार्टी आ जाये जो देश हित की बात करता है तो दलित और मुस्लिम वोट नहीं करेंगे, ऐसे में वो हार जाएगी..

समस्या ये भी है कि दलितों का लालच सुनामी की तरह मुंह फाड़े आगे बढ़ता जा रहा है.. वो इसके लिए मुस्लिम जैसे संस्कृति विहीन और लुटेरी कौम के साथ गलबहियां करके सबकुछ मिटा देने पर आमादा हैं... 

खास बात तो ये है, मुस्लिम ... दलितों को साथ लेकर सवर्णों से निपट रहे हैं... देश पर कब्ज़ा करने के लिए राह का रोड़ा सिर्फ सवर्ण है.. वो दलित नहीं जो आए दिन छोटी छोटी मांगों के लिए इस्लाम अपनाने की धमकी देते हैं.. या अपना भी लेते हैं.. उनके लिए धर्म मायने रखती ही नहीं.. वो बहन से भी निकाह कर लेंगे और गौमांस भी खा लेंगे...
तभी तो भीम और मीम का रिश्ता परवान चढ़ रहा है... मीम ने हिन्दू समाज के एक महत्वपूर्ण किले को अपनी ताकत बना लिया है.. हम ये भी कह सकते हैं कि अंबेडकर ने जो पौधा लगाया था वो जहरीला पेड़ बन चुका है...

क्योंकि मुस्लिम को पता है कि एक बार देश पर कब्ज़ा हो जाये तो ये दलित हमारे सामने संघर्ष कर ही नहीं पाएंगे.. आधे तो यूँही इस्लाम स्वीकार कर लेंगे.. और बाकी आधे काट दिए जाएंगे.. पाकिस्तान में कितने हिन्दू दलित हैं ?

अब इसके बाद वर्तमान की चर्चा करें तो मोदी सरकार चार साल में किसी भी मोर्चे पर सफल नहीं दिख रही... लेकिन विचारणीय ये भी तो है कि जब देश के अंदर इस तरह की जनता हो तो कौन सी सरकार सफल होगी ? ?

Thursday, 2 August 2018

घुसपैठिये मुस्लिम हैं इसलिए तो खतरनाक हैं

ये जितने रोहिंग्या, बांग्लादेशी हैं .. इनके ऊपर दया की जा सकती थी, अगर ये लोग मुस्लिम ना होते.. अगर ये लोग भारतीय जमीन और संस्कृति से नफरत नहीं करते.. अगर ये लोग tmc, कांग्रेस, बसपा जैसे राष्ट्रद्रोही पार्टियों के वोटर ना होते...
ऐसी हालत में घुसपैठिया तो छोटा शब्द है, इन्हें आक्रमणकारी मानकर कार्रवाई होना चाहिए...

सब कह रहे हैं ईसमे धर्म को बीच मे नहीं लाना चाहिए.. घुसपैठिया तो सिर्फ घुसपैठिया है... tv डिबेट में सेक्युलर बनने के लिए ऐसी बातें कहनी पड़ती है.. पर सच तो ये है कि एक पाकिस्तानी हिन्दू भारत मे आ जाये तो देश का नुकसान नहीं होगा पर एक मुस्लिम किसी भी देश से घुसपैठ कर जाए तो आने वाले दिनों में वो भारत और हिंदुओं की बर्बादी हेतु चलाये गए अभियान का प्रमुख पात्र होगा...

अगर सारे बांग्लादेशी .. एक जगह जमा होकर.. अपने धर्म की किताब को जला दें... ओवैसी राहुल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शपथ लें कि आज के बाद से वो इन पार्टियों को वोट नहीं करेंगे और उसी दिन बाल मुंडा कर शिखा और जनेऊ धारण करते हुए .. जय श्रीराम के नारे लगाएं... तब विचार किया जा सकता है ...