Saturday 27 June 2015

EXCLUSIVE : इस्लाम के फैलने का राज पता चला

इस्लाम के ऊपर बड़े बड़े विद्वानों को पढ़ा और सूना.. एक से बढ़ कर एक दलीलों को सुना .. पर अंत में मैंने इसका निचोड़ निकाला.. आखिर में पुरे दुनिया के मुसलमानो के मन की एक ऐसी बात को जान लिया जिसके बाद मुझे कुछ भी पढ़ना या जानना जरुरी नहीं था ... क्योंकि ले दे कर.. घुमा फिरा कर .. हर कहानी का एक ही अंत आ रहा था मेरे हिसाब से .. और वो था "जन्नत की बहत्तर (72) हूरें .. "
मैंने देखा अपने जीवन में जो लड़के 8 बजे के पहले माँ बाप की हज़ार गाली सुनकर नहीं उठते वो किसी लड़की को पटाने के चक्कर में 4 बजे उठ कर 6 बजे से उस रास्ते पर खड़े होते हैं जहां से 7 बजे वो ट्यूशन के लिए जाने वाली होती है .. ये राज है करोडो मुसलमानो का दुनिया में 5 बजे उठ कर नमाज के लिए पहुंचना .. क्योंकि इसी से वो एक दो नहीँ 72 लड़कियों को सेक्स के लिए राजी कर सकते हैं .. इसके अलावा कोई राज हो तो बताओ ?
ये माँ बाप की सेवा भी 72 लड़कियो के लिए करते हैं .. आपने इनके मुह से हमेशा सुना होगा की
" माँ का दिल मत दुखाओ क्योंकि माँ के पैरों में जनन्त होती है "..........
और इसी जन्नत में वो 72 हूर याने माँ की सेवा के पीछे भी वही वजह .... हर काम के पीछे 72 हूर का लालच ..
सबसे पहले शॉर्टकट में जान लीजिये (आजकल तो सभी जानते ही हैं ) कि अल्लाह ने कुछ काम के लिस्ट बनाये हैं की ये सब काम करोगे तो जन्नत नाम की जगह में भेजूंगा जहां 72 लडकियां तुमसब को सेक्स के लिए दे दूंगा.. और सबकी उम्र 30 साल की कर दूंगा और 100 मर्दों के बराबर सेक्स पॉवर दे दूंगा और वो हूर भी प्रेग्नेंट नहीं होंगी ऐसी व्यवस्था है...
आतंकी बम क्यों फोड़ते हैं ? क्योंकि अल्लाह की बनायीं लिस्ट में ये भी एक ऐसा काम है जिससे खुश होकर 72 हूर आरक्षित हो जाती है ...
कुरआन की बुराई क्यों नहीं सुनना या करना ? क्यों कि फिर अल्लाह गुस्सा हो जाएगा .. यहां तक कह दिया गया की अगर तुमने बुराई सुनी भी तो 72 हूर वाले शहर में घुसने पर पाबन्दी लग जायेगी.. इसलिए ये कुरआन के बारे में अन्धो की तरह विश्वास करते हैं
हर बात और काम के पीछे 72 हूर है.. ये दिन रात जनम से मरने तक सिर्फ उसी के बारे में सोचते हैं ..
लड़कियों के लिए तो लोग दोस्त- दोस्त का क़त्ल करने में नहीँ हिचकते .. भाई - भाई के बीच में दरार पैदा हो जाती है . .. प्रेमी किसी के शौहर का खून करके उसकी पत्नी को साथ ले जाता है.. ... क्या नहीं होता लड़की के चक्कर में ....-.-तो फिर जहां 72 लडकियां सामने हो और खुला निमन्त्रण हो तो खून की नदियां ही बहेंगी....
ये महीने भर का रोजा रखना या खुद को लहूलुहान करना सबकुछ के पीछे 72 हूरो तक पहुँचने का वो कारण ही काम करता है ..मेरी बात को आप साबित कर लीजिये किसी भी एंगल से सोचकर..

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