Tuesday 7 July 2015

जाहिल कौन है आखिर .. हिन्दू या मुस्लिम .. ?

तो हम हिन्दू हैं जाहिल ....? मैं बताता हूँ कौन है जाहिल... और किसके पास दिमाग नहीं है ......

दिमाग तो उसके पास नहीं होता ना जो काल्पनिक ७२ लड़कियों से सेक्स के चक्कर में करोड़ों मासूमों का खून बहा दे.... ?

जाहिल तो वो है जो योगासन जैसे स्वास्थ्य लाभ देने वाले विज्ञान को इसलिए मानने से इनकार कर दे क्यूँ की अल्लाह ने 
हिन्दुओं से दुश्मनी निभाने के चक्कर में कहीं लिख दिया की सूर्य की इबादत मत करना ?

जाहिल तो वो लोग है जो पजामा निचे से २ फीट काट कर पहने ? और बेढंगे तरीके से दाढ़ी मूंछ में से मूंछ उड़ा ले ... सिर्फ इसलिए की हिन्दू साधू दाढ़ी के साथ मूंछ रखते हैं .. .

जाहिल तो वो है जो आतंकियों को कुरआन के नाम पर समर्थन करता हो ? क्यूँ ?

जाहिल तो वो है जो सुबह शाम पेट फाड़ कर खाना खाए और कहे की मैं तो उपवास कर रहा हूँ ?

अरे भाई जाहिल तो वो है जो कहे की रोजे के महीने में ना गाली बकुंगा और ना दिल में वासना रखूँगा लेकिन बाकी के ११ महीने तो बलात्कार भी जायज होंगे और दिन रात ७२ हूर के साथ वासनायुक्त सोच रखूँगा ?

जाहिल वो है ना जो कड़कती धुप में भी अपनी बीवी को मोटे कपडे से बनी काले कपडे की बुर्के को पहना दे ... ?

जाहिल वो है जो सऊदी के दिखाई दिए चाँद को अलग समझे और भारत में दिखाई दिए चाँद को अलग समझे ?

जाहिल वो है मेरे जाहिल दुश्मनों की वासनापूर्ति के लिए बहन बेटी से निकाह को कानून का रूप दे दो और एक बीवी होते तीन और से करने का नियम बना दो ?

जाहिल कौम है कौन आखिर ? जाहिल वो है जो गाय को काट कर खा भी जाए और सरकार को कहे की हमें शुद्ध दूध नहीं मिलता ... ..

जाहिल जाहिल जाहिल.... जाहिल शब्द का तो आविष्कार ही तुम्हारी कौम की वजह से हुआ है ... नौटंकी ...

3 comments:

  1. जनाब आपकी हर बात का जवाब यहाँ है।
    आप बिलकुल सही फरमा रहे हो। हाँ भाई जाहिल तो वो हैं। जो एक खुदा को मानते हैं। वो जाहिल हो ही नहीं सकते जो की सूरज चाँद ज़मीन। और ३३ करोड़ देवी देवता को तो अलग छोड़िये। बल्कि सूअर, गधा, यहाँ तक की चूहा, शेर, बिल्ली गाये, बन्दर, और तो और गाये की पूंछ, उसका गोबर तक की पूजा कर लेते हैं। वो लोग बिलकुल भी जाहिल नहीं।

    हाँ भाई जाहिल तो वो लोग है। जो दाढ़ी से मूंछ कटवा कर। खाने पीने के ज़रिये कीटाणु व रोगाणु अपने शरीर में जाने से रोकते हैं। और अपने जिस्म की सफाई को अपने धार्मिक विशवास का आधा हिस्सा मानते हैं। पर वो लोग जाहिल कतई नहीं हो सकते जो ढोंगी अघोरी साधू बनकर सालो नहीं नहाते। जिस्म पर लाशो की राख मल लेते हैं। लाशो को खा लेते हैं यहाँ तक की अपना और दुसरो का मल मूत्र भी खा लेते हैं। और ज़िन्दगी भर नंगे घूम कर मुक्ति तलाश करते है। ऐसे लोग तो ज्ञानी ही कहलाएंगे। ये जाहिल नहीं हो सकते।

    हाँ जाहिल तो वो विश्व के २४ प्रतिशत मुसलमान है जिन्होंने आज तक सबसे ज़्यादा लोग आतंकवादी हमलो में अपने लोग खोये हैं। जिनकी संख्या १ करोड़ से भी अधिक है। और और अपने १ से २ हज़ार लोगो को खो देने पर उनके मरे लोगो को कुछ न समझ कर। सारी मुस्लिम आबादी पर आतंकवाद का ठप्पा लगा देने वाले लोग ही ज्ञानी है।

    हाँ भाई जाहिल तो वो लोग है। जो अपने खुदा के लिए भूखे रहे पुरे दिन। और पानी भी न पिए। अपना थूक तक न निगले। पर वो लोग महाज्ञानी है जो पुरे दिन जानवरो की तरह फल सब्ज़िया और ज्यूस पीकर भी हाय हाय मचाते हैं। की मेरा उपवास है मेरा उपवास है

    हाँ जनाब जाहिल है वो लोग जो अपनी औरतो की हिफाज़त करना जानते हैं। उनको पर्दा करवा कर। लेकिन वो लोग जाहिल नहीं। जो अपनी औरतो को उसके मरे हुए पति के साथ ज़िंदा जला देते हैं। वो लोग जाहिल नहीं जो सांड प्रथा जैसी शर्मनाक अनुष्ठान करके अपनी बीवियों को खुले हुए जानवर की तरह एक वहशी इंसान को सौंप देते हैं। वो लोग जाहिल नहीं जिनके किताबो में उनके मज़हब के सबसे ऊँची जाती के महाविद्वान ब्राम्हण रावण तक को औरत की इज़्ज़त करना नहीं आया। वो लोग जाहिल हो ही नहीं सकते।

    हाँ जनाब जाहिल वो लोग है जो इतना भी नहीं जानते की चाँद की कलाये। यानी घटने बढ़ने का एक क्रम होता है। जो की हर जगह एक जैसा नहीं दिखाई देता। जिस चाँद की पूजा करते हैं उसी चाँद के बारे में सामान्य जानकारी भी न रखने वाले लोग ही ज्ञानी है। जाहिल तो कोई और है।

    हाँ भाई जाहिल है वो लोग जिनकी किताबो इसकी साफ़ साफ़ जानकारी है। की किस से और किस वक़्त और कितन शादी कर सकते हो। वो लोग जाहिल है।
    पर वो नहीं जिनके खुदा ब्रम्हा खुद अपनी सगी बेटी सरस्वती से शादी कर ले। जिनके भगवान राम खुद एक पत्नी रखे और उनके पिता चार चार बिविया रख ले। जिनका कोई नियम नहीं क़ानून नहीं। और औरतो को जानवरो की तरह समझ १६ हज़ार ८ बीवियों से भी शादी कर सकते हैं इनके खुदा। कोई बंदिश नहीं। वो लोग जाहिल नहीं है। बल्कि मह्ज्ञानी हैं।

    जाहिल वो लोग हैं ही खाने की चीज़ को खाए। पर वो लोग जाहिल नहीं है जो खाने पीने की चीज़ को भी खुदा बनाकर बैठ जाए। और उसकी पूजा करना शुरू कर दे। वो लोग ही महाज्ञानी है।

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    1. Mere gyani Bhai aapne Jo ye bola ki 16 hazar biwiyon ki baat ki kis mahapurush ne ye kaam Kiya naam bhi Bata do Bhai
      Are Chand ki kala to chhodo tum us Dharma ki baat kar rahe ho jis dharma vigyan ka aaina is duniya ko dikhaya jis yug mein Puri duniya nangi ghumti thi us yug mein hamare arya verta mein aise kapdo ka nirmaan hota
      Aur jis dharma ne gravity,airplane, algorithms, electricity,ayurved,plastic surgery,maths,tricnometry,botny,jaisi vaigyanic tathyon ka Gyan diya uski baat Kar rahe ho Kya bhai
      Jin ram aur Krishna ki baat kar rahe ho na Bhai pehle unke jeevan smaran Karo tab baat karna Bhai Tere andar itan dimag nahi hai Kya koi banada 16 hazar biwiyon vivah kaise Kar sakta hai
      Sabse pehli bhasha hamare dharma ne di
      Sabse pehli lipi hamare dharma ne di
      Abe pehele thoda Gyan leke aa tab baat karna Bhai aur tum kis gau mata ki baat kar rahe ho pehel uske scietific reason jaan
      Tab baat karna
      Ok aur agar Bharat se bahar ka rehne Wala hai to koi baat nahi Bhai
      Lekin agar Bharat ka hi hai na
      To hai to tu hinduon ka hi beej
      Samjha....
      Kahi aur se ni aaya saale Tere khandaan ke bare mein puchunga to bataya ni jayega Terese
      Aur haa just Dharma ki tu baat karta hai na use aaye hue 1,94,118,0000 itne saal ho gaye
      Baat karni ho to dhang se karna

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