अगर आडवाणी और जोशी जी की कृपा ना होती तो आज मोदीजी का नाम भी कोई नही जानता... आडवाणी जी एक ऐसे इंसान हैं जिन्होंने पहली बार हिंदुओं में हिंदुत्त्व की आग भरी... खुद आगे आकर खड़े हुए... नेतृत्त्व दिया.. खतरे उठाये... हम हिंदुओं के सम्मान को दिलाने के लिए बाबरी मस्जिद की तरफ कूच किया... मोदीजी का नाम लेना जरूरी हो जाता है क्योंकि जहां कांग्रेस ने सीबीआई का इश्तेमाल देश को बर्बाद करने में किया वहीँ मोदीजी भी इससे अलग नही हैं.. क्योंकि अगर आडवाणी जोशी जी आदि के खिलाफ सीबीआई अपनी जांच को बढ़ाती है तो ये तो कांग्रेस को मजबूत करने वाले वजह हैं... जिहादियों को ताक़त देने का काम हो रहा है... बाबरी मस्जिद तो आतंकियों की विचारधारा है... और राम मंदिर हिंदुस्तान का सम्मान है...
सवाल है कि अगर ऐसी ही निष्पक्ष जांच चलानी है तो ... सोनिया गांधी पर, वाड्रा पर, मुलायम पर, लालू पर, यासीन मलिक, बुखारी आदि पर क्यों नहीं ? इतने मंदिर टूटे.. मूर्तियां टूटी... क्या वो बाबरी मस्जिद जैसी अहमियत नहीं रखती.. ?
सैकड़ों सालों के बाद आडवाणी जी के प्रताप से हिंदुओं ने "जय श्रीराम" का उद्घोष करना शुरू किया.. हिंदूत्व के लिए मर मिटने का साहस दिखाया.. और उस आडवाणी जी पर अगर केस चलता है तो ये सीधा सीधा आतंकवाद की जीत होगी।।
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