Tuesday 15 August 2017

आजादी की लड़ाई में मुसलमानों ने स्वार्थवश भाग लिया

15 अगस्त को आजादी मिली..? मिली लेकिन सिर्फ अंग्रेजों से .. मुग़लों से नहीं ? याद रखिये अंग्रेजों के पहले आपको मुग़लों ने गुलाम बनाया हुआ था ... और हम उन्ही से आजादी के लिए लड़ते आ रहे थे .... ये सच है या नहीं है ? बीच मे अंग्रेज आ गए ... अब ये मुस्लिम समाज मरता क्या ना करता.. अंग्रेजों से लड़ना पड़ा ... क्योंकि अगर फिर से हिंदुओं पर याने हिंदुस्तान पर कब्ज़ा करना था.. तो मजबूरन सबसे पहले तो अंग्रेजों से लड़ना था ...

बाद में नाम दिया गया कि ये मुस्लिम भारत की आजादी के लिए लड़ रहे थे..

जिसने भारत को अंग्रेजों की तरह ग़ुलाम बनाया हुआ था वो भारत की आजादी के लिए क्यों लड़ने लगे ? और क्यों लड़ेंगे जबकि वो भारतीय थे ही नही ? ?

वो तो अंग्रेजों के आने के बाद खुद ही फंस गए थे.. क्योंकि हिंदुओं के साथ वो भी ग़ुलाम बन गए.. सोचा था.. भारत मे रेप करते रहेंगे..काफिरों को मारते रहेंगे... लूटते रहेंगे...  इस्लामिक राष्ट्र बनाएंगे... और ये सब होने के पहले बीच मे ये क्या हो गया ? ?

वापिस अपनी सल्तनत में लौटने के लिए अंग्रेजो से सुलह की कोशिश करते रहे और हिंदुओं की बढ़ती ताकत और सफलता को देखते हुए उनके साथ शामिल हो गए... अंग्रेज तो चले गए लेकिन दुखद ये रहा कि बहादुर शाह जफर वाली सल्तनत मुग़लों की जगह हिंदुओं के हाथों में आ गयी क्योंकि उस समय तक आजादी के नाम पर हिंदुओं की ताकत बहुत ज्यादा हो चुकी थी और राजाओं वाली प्रथा भी जा चुकी थी... चूंकि इसमें सारे हिन्दू नेताओं का ही प्रभाव था.. मुग़लों का था ही नही.. तो सत्ता की डोर इन्ही नेताओं को सौंपी गयी... या बातचीत की गई..

अंग्रेजों के हाथों से भारत का स्वामित्व हिंदुओं के हाथों में जाते देख कर सारे मुसलमान छटपटा उठे.. ये क्या हो गया ? भारत आजाद कैसे हो गया? हमें तो लगा था वापिस हम मुग़लों को सत्ता मिलेगी.. जिन्नाह को मिलेगी..

इसलिए तो कुछ ही दिनों के बाद पाकिस्तान की मांग उठी.. भारत के लिए अगर इन्होंने लड़ा होता तो भारत मे ही रहते.. इनकी लड़ाई वापिस से भारत पर कब्ज़ा करने को लेकर ही था.. जिसे बाद में इतिहासकारों  ने .."मरता क्या ना करता" के  तर्ज पर भारत की आजादी के लिए जोड़ दिया.. ताकि आगे भविष्य में ये मुसलमान हिंदुओं के बीच मे शर्मिंदा ना होते रहे।

आज भी ये भारत पर कब्जे में ही लगे हैं. ये प्रवृत्ति इनके खून में है.. उस अपमान और अधूरे कार्य को पूरा करना चाहते हैं.. इसलिए 15 अगस्त के दिन हिंदुओं को भी चाहिए कि ये प्रण लें कि आखिरी मुसलमान को भारत से भगाने तक उनकी भी आजादी अधूरी है।
सभी हिंदुओं को आजादी की शुभकामना।।

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