Sunday 17 June 2018

भोजपुरी फिल्मों व गानों की अश्लील हकीकत

यही है भोजपुरी सिनेमा की हकीकत.. कल अपनी दूसरी आईडी से भोजपुरी सिनेमा में हद पार कर चुकी अश्लीलता की बात क्या की ... कि कुछ बिहारी भाई ताव खा गए...
दोस्तों सच तो ये है कि ये गाने बिहार का कोई भी शरीफ आदमी ना बजाता है और ना सुनना चाहता है... ये गाने सिर्फ संस्कारहीन और महाबेशर्म लोग ही सुनते हैं...
भोजपुरी की दुर्दशा में सबसे बड़ा हाथ इन भोजपुरिया कलाकारों का है...  मगर मानता कोई नहीं...

जिस वक्त भोजपुरी फिल्में बननी शुरू हुई थी और हिट हुई थी  .. उस वक़्त मराठी सिनेमा, तमिल और तेलगु आदि अपनी शुरुआत कर रहे थे... आज वो लोग आसमान पर पहुंच गए... और भोजपुरी रसातल में...

भोजपुरी गाने और फ़िल्म....  अश्लीलता, नंगई और बुराई के प्रतीक बन गए हैं .. विश्वास ना हो तो एक काम कीजिये...

बिहार के किसी ऐसे हॉल के बाहर जाकर खड़े हो जाइए और देखिए कि किस टाइप के दर्शक अंदर जा रहे हैं... या बाहर निकल रहे हैं...
मुंह मे 10 किलो गुटखा ठूंसे और 20 किलो की माँ बहन वाली गाली उगलते लोग देखकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए...
एक खास गिरे हुए मेंटेलिटी के लोग ही आपको जाते दिखेंगे...

इससे पीड़ित सबसे ज्यादा आपको गांवों में मिलेंगे.. जहां कोई रोकटोक नहीं होता और खुलकर गाने बजाए जाते हैं...
आपने अभी हाल में जहानाबाद, वजीरगंज जैसे गांवों में देखा होगा कि कैसे 5 -6 लड़के एक अकेली लड़की पर सरेआम टूट पड़ते हैं.. इसका वीडियो भी वायरल हुआ था... उनकी मानसिकता ऐसी कैसे बनी ?

शहरों में थोड़े सभ्य लोग हैं, कानून है तो शिकायत आदि करके ये सब बजाने वालों को रोका जाता है... हमारे ही शहर 'गया' में एसएसपी से शिकायत करके सारे ऑटो वालों की गाड़ी से ऑडियो प्लेयर उतरवाया गया... क्योंकि महिलाओं को बेहद ही अश्लील गाने सुनने पड़ते थे...

भोजपुरी के बारे बारे में क्या क्या कहा जाए ? इसके हीरो को देखिए... एक भी अच्छा goodlooking नहीं दिखेगा... सब के सब लपडझंडू दिखते हैं... मगर इनके लिए सुपरस्टार शब्द प्रयोग होते हैं... एक्ट्रेस देखिए... ऐसे थुल थुल पेट और बाकी सामान हिलाती है जैसे कोठे वालियां हों... क्या आप किसी भी हीरो या हेरोइन की तुलना साउथ के हीरो से कर सकते हैं.. मराठी से ? पंजाबी से ?

भोजपुरी इंडस्ट्री को कुछ खास लोगों ने कब्जा कर लिया है... इंडस्ट्री में खास रूल हैं... कम से कम 7 से 8 गाने होंगे, इसमें से चार आइटम होंगे, 2 सामान्य होंगे, एक कोठे वाला कव्वाली या ऐसा कुछ होगा... आदि आदि... ढाई घण्टे में कितने समय तक अश्लीलता चलेगी, कितने समय तक मारधाड़ और कितने समय तक रोना धोना वो फिक्स है... यहां कहानी से कुछ लेना देना नहीं.

सबसे हैरत की बात है कि फ़िल्म के म्यूजिक ट्रैक भी फिक्स हैं.. एक बार जो आइटम सॉन्ग का ट्रैक बन गया तो सिर्फ गायक नए गाने उसी ट्रैक पर गा देता है, बस हो गया.. मैने अपनी आंखों से देखा, एक घण्टे के अंदर पूरा गाना रिकॉर्ड हो गया और म्यूजिक भी बन गए...यहां हर कोई कमाने आया है.. चाहे जैसे भी... यहां रचनात्मकता की बात करना पाप है...

आज बिहार अगर इतना बदनाम है तो इसके पीछे इस भोजपुरी इंडस्ट्री का बहुत बड़ा हाथ है... आज अगर गांवों में भी खुलेआम रेप करते नाबालिग मिल रहे हैं तो ये सब इसी से हुआ है...

मैं भी बिहार का हूँ.. और मैं नहीं चाहता कि ये गंदगी और फैलता रहे.. इसलिए मैं इसका विरोध करता रहूंगा...
#भोजपुरी #bhojpuri

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