अच्छा चलो, मान लो कल मामले के हाईलाइट होने की वजह से अखिलेश सरकार पुलिस का जमघट लगवा देती है कैराना में। दुसरी तरफ मोदी जी भी सेना के जवानो को भेज देते हैं कैराना में। और तो और आरएसएस, बजरंग दल, विहिप आदि के लोग भी पहुँच जाते हैं कैराना में।
सभी हिंदुओं को उनके घर वापिस दिला दिए जाते हैं, उनकी दुकानें वापिस खुलवा दी जाती हैं, आने जाने के रास्ते पर पुलिस खड़ी कर दी जाती है, और इस तरह से कैराना के हिंदुओं को वापिस बसा दिया जाता है।
एक दिन गुजरा, दो दिन गुजरा, सप्ताह गुजरे, महीना भी गुजरा........ तो क्या अब सेना के जवान, पुलिस सब जिंदगी भर वहीँ रहेंगे ? जाहिर है वो चले जाएंगे........ उसके बाद ? ? फिर भाग जाओगे ?.... फिर पुलिस आएगी ? फिर भाग जाओगे.... फिर पुलिस आएगी.... फिर.... फिर....
फिर तो हिंदुओं तुम्हारा पलायनवादी दृष्टिकोण उचित ही है।
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