Tuesday 13 June 2017

मुसलमानों का विश्वास ही है आतंकवाद

सबकुछ "विश्वास" पर टिका है.. मुसलमानों का ये विश्वास कि... अगर मैंने ऐसा किया तो मुझे हूर मिलेगी.. एक 'विश्वास' है.. ये विश्वास आता है.. जब उसके जन्म लेने के साथ ही वो ये belief अपने बाप से पाता है.. फिर अपने मोहल्ले के लोगों से पाता है.. और उसके बाद मदरसे से... फिर दुनिया से.. उसकी कनेक्टिविटी उसी belief syestem के लोगों से जुड़ा है...

इसके बाद जो 'विश्वास' उसने इकट्ठा किया है वही बोलता है... करता है.. याने जिहाद... उसका विश्वास पक्का है कि काफिरों की हत्या या उस कार्य में मदद... उसको हूर से मिलाएगी...

हूर सिर्फ एक लड़की है.. जो आपके साथ सिर्फ सोती है.. ना बात करेगी ना डाँटेगी ना फरमाइश करेगी.. 24 घण्टे आपके साथ सेक्स करेगी... और ये 72 हूर मिलेगी.. ये तो आजकल सभी जानते हैं।

लेकिन आप विश्वास नही करोगे क्योंकि आप हिन्दू हो और आपके समाज के लोग ऐसी काल्पनिक और झूठी बातों के लिए विश्वास पैदा नही करते क्योंकि हिन्दू समाज के लोग अंततः समझदार हैं....

ये समझदारी पढ़ने लिखने से नही आती.. समझदारी में दीमक उस "विश्वास" वाली थ्योरी से ही लगता है.. जो मुस्लिमों में लगाया जाता है। ये विश्वास इतना पक्का हो जाता है मुस्लिम इंसान का गला काटते हुए भी हंसते हैं.. क्योंकि एक पूरा बिलीफ सिस्टम काम करता है.. कि you are not wrong...  काफिरों को मारना पाप है ही नहीं.. मुसलमानों ने पाप की श्रेणी में जब इसे रखा ही नहीं तो बताइए कि वो अपराध (उनकी नजर में) हुआ कैसे ? और वो क्यों दुखी हो ?

आपकी कमजोरी ये है कि आपकी जिंदगी में ये गलत विश्वास खड़ा कर दिया गया है कि ये गला काटने वाले लोग भी अच्छे हैं.. भटक गए हैं या आपका कुछ नहीं बिगाड़ेंगे ...

सच तो ये है हरेक मुस्लिम का एक ही "belief syestem" है.. जिसका गर्दन कट रहा है वो उनकी पहुंच में था.. और आप नहीं थे... अगर आप उनकी जद में होते तो कटती गर्दन वाले वीडियो में आप होते...

जो मुस्लिम गर्दन काट रहा था वो आपके बगल के ही मुस्लिम है.. अंतर इतना ही है कि जिसको tv पर आपने देखा उसको अपने belief को पूरा करने का मंच मिल गया था.. जगह मिल गयी थी...

आपके आसपास के मुस्लिम को आप और आपके समाज ने वो मंच दिया नहीं है.. आपकी बहुसंख्यक जनसंख्या के डर ने रोक रखा है.. लेकिन... उसके अंदर का "विश्वास" वही है.. उसे जन्नत चाहिए, हूर चाहिए.. और उसका रास्ता सिर्फ आपसे होकर गुजरता है..

बस वो अपने उस काम के लिए मंच तैयार कर रहा है.. जगह बना रहा है.. और आप जगह दे रहे हो.. अगली गर्दन आपकी होगी.. आज नहीं तो कल... उसे हूरें चाहिए ही चाहिए.. जन्नत का उनका विश्वास पक्का है...

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