Friday 16 June 2017

क्रिकेट से नफरत या पाकिस्तान से ?

मैं अपने कुछ दोस्तों को खुश रखने के लिए क्रिकेट पर पोस्ट नहीं करता वरना क्रिकेट देखता ही हूँ... दोस्तों ..... क्रिकेट ने ऐसा क्या कर दिया है कि उससे नफरत किया जाए ? क्रिकेट ज्यादा प्रसिद्ध हो गया इसके लिए ? या क्रिकेट में कुछ लोग सट्टा लगाते हैं इसके लिए ?

जिसे जितनी प्रसिद्धि मिलनी है वो तो मिलती ही है.. ये दुनिया का नियम है कि कोई प्रसिद्ध होगा तो उसी क्षेत्र के बाकी लोग या सामान उसके नीचे रह जाने को विवश होंगे।

अगर मोदीजी बुलंदी पर पहुंचेंगे तो आडवाणी जोशी जैसे कई नेता फिर जिंदगी भर PM नहीं बनेंगे.. ये सच है या नहीं ? तो क्या बाकी के नेताओं को ऊपर लाने के लिए मोदीजी को हटा दें ?

जब अमिताभ बच्चन पर टॉप पर थे तो करीब 25 तीस सालों में कई बड़े और छोटे कलाकारों का जीवन इसी उम्मीद में बीत गया कि वो भी टॉप पर आ सकते थे... पर इसका कोई हल है क्या?

आज अम्बानी की कम्पनी कई कंपनियों को बढ़ने से रोकता है.. क्या jio ने सभी को रोका या नहीं ? क्या जिओ को इसके लिए खत्म कर देना चाहिए ?

कोई किसी वजह से ही प्रसिद्ध होता है.. क्रिकेट में रोमांच है.. एक्शन हैं.. अनिश्चितता है.. लोगों को बांध कर रखता है.. इसलिए ये पॉपुलर होना ही था.. कुश्ती वही करेगा जिसको खाने पीने और कसरत करने के पैसे हों.. कबड्डी भी वैसा ही खेल है.. कोई मरियल से लड़का कबड्डी खेलेगा क्या ? हॉकी के लिए जिस तरह का घासयुक्त plain टर्फ चाहिए वो हम बच्चों को कहां से लाकर देंगे?

क्रिकेट हर कोई खेल लेता है... गरीब भी और मरियल सा लड़का भी.. यहाँ तक कि विकलांग भी.. और कहीं भी.. अपने आंगन में भी.. मोहल्ले की गलियों में भी... और खेलना तो है ना ? खेल तो होना चाहिए ना जिंदगी में ?

अब ये कहना कि क्रिकेट में जुआ है.. सट्टा है.. मैंने भी खूब क्रिकेट खेला है बल्कि जमकर खेला है.. आज भी मेडल वगैरह रखे हुए हैं.. तो क्या मैं सट्टेबाज था ? बाहर आज देखा तो 5 साल और 10 साल के बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे तो क्या वो जुआरी थे..देश के दुश्मन थे ?

क्रिकेट के ज्यादातर आलोचक वो हैं जिन्हें क्रिकेट समझ भी नहीं आती.. जिंदगी में कभी खेला भी नहीं है.. फिर उनके लिए आलोचना करना बेहद आसान हो जाता है और गाली देना भी.. मोदीजी के प्रशंसक है और क्रिकेट के आलोचक.. जबकि मोदीजी दिनरात क्रिकेट पर ट्वीट करते रहते हैं.. पहले उनसे नफरत करो ना .. जिस सेना का हवाला देते हो वो सेना भी जम कर क्रिकेट देखती है और मैच के दिन भारत की जीत के लिए शुभकामना देते हैं... अरे भाई आखिर क्यों ? क्यों ये बेकार की दिखावे वाली नफरत ?

आपको दिक्कत होनी चाहिए कि सिर्फ पाकिस्तान से ना खेले ..  तो बंद करवाओ ना.. पाकिस्तान से मैच.. ? तुम तो क्रिकेट ही खत्म करवा देना चाहते हो ? इतने सालों से बंद था तो किसने कहा कि चालू कराओ.. लेकिन ये icc का टूर्नामेंट था तो मजबूरन खेलना ही था.. जैसे मोदीजी मजबूरी में वैश्विक स्तर के किसी कार्यक्रम में पाकिस्तानी नेताओ का प्रमुखों से मिलने को मजबूर होते हैं..

बाकी की बात ये है कि.. मुझे पाकिस्तान से नफरत है.. उसके साथ खेलना भी नहीं चाहता लेकिन क्रिकेट से कोई नफरत नहीं है क्योंकि क्रिकेट को पाकिस्तान ने या मुल्ले ने नहीं बनाया था.. इंग्लैंड ने बनाया.. लेकिन क्या इंग्लैंड और बाकी देश हमारे बनाये कुश्तियों को नहीं खेलते ? कबड्डी नहीं खेलते ? ? खेल सिर्फ एक खेल ही है... उसके अंदर अच्छे बुरे लोग होंगे क्योंकि दुनिया के हरेक क्षेत्र में अच्छे बुरे लोग हैं। बाकी आपकी नेगेटिविटी को खत्म करना मेरे बस की बात नहीं है बस आज अपनी बात कह दी।

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