
अभी एक डिबेट में जब कांग्रेस वक्ता और महिला ने उनको बोलने नहीं दिया.. हल्लागुल्ला होने लगा तो संबित ने कहा...
"मैडम.. फ्रीडम ऑफ़ स्पीच.. मुझे भी फ्रीडम ऑफ़ स्पीच दीजिये.. देश का नागरिक हूँ.. . बोलने दीजिये.. "
उनकी इस तरह की कॉमेडी जो देशभक्तों को हंसाती है तो देश के दुश्मन ऐसे व्यंग्य से तिलमिला उठते है... भाजपा पार्टी इस मामले किस्मत वाले हैं कि आखिरकार एक अच्छा वक्ता उन्हें मिल गया।
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