Thursday 9 March 2017

सैफुल्ला की जगह हिन्दू होता तो उसका बाप जेल में होता

भले सैफुल्ला के बाप को हीरो बनाया जा रहा हो.... लेकिन अगर आज सैफ्फुल्ला की जगह कोई हिन्दू होता... तो उसके बाप भाई मामा आदि सभी को पकड़ कर थर्ड डिग्री दी जा रही होती। मुस्लिम अपराधी के पकडे जाने पर या मारे जाने पर देश की पुलिस कभी भी उसके बाप भाई या परिवार को परेशां नहीं करती लेकिन दूसरे धर्म के लोग अपराधी हो जाएं तो पूरे परिवार को पुलिस टॉर्चर भी करती है और अदालत में दाखिल केस में भी नाम डाल देती है....

लेकिन मुस्लिम होने की वजह से उसका बाप हीरो बन गया.. जबकि उससे पूछा जाना चाहिए था कि इसके कौन कौन से दोस्त थे ? कौन सबसे ज्यादा आता था ? तेरा बेटा कहाँ जाता था, घर कब लौटता था ? किस मुल्वी मौलाना के संपर्क में था ? किस मस्जिद में नमाज को जाता था ?

पर नहीं.. भारत के हिंदुओं को भावनात्मक रूप से मुर्ख बनाओ तो वो लोग सहज ही एक अपराधी को दयादृष्टि से देखने लगते हैं।

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