Friday 11 May 2018

बाबा रामदेव का नैतिक पतन और मेरे आँसू...

बाबा रामदेव.. मेरे आदर्श पुरूष, योगी.. जिन्होंने इस देश मे योग के जरिये सनातन धर्म का पुनर्जागरण किया.... उनका आज नैतिक पतन हो चुका है... ये बिहार में ... मेरे शहर में तीन दिन का योग शिविर लगाने के लिए गए हुए हैं... लेकिन इस मौके पर भ्रष्टाचारी और अपने गुंडे व नक्सलियों के जरिये हज़ारों हत्याओं के पापी लालू यादव से मिलने की क्या आवश्यकता थी ?

ये एक भ्रष्टाचारी के भ्रष्टाचारी बेटे  की शादी है.. क्या हम उसमे नैतिकता निभाएंगे ? ऐसी कई बातें हैं जो बाबा रामदेव की कही हुई है.. और मेरी जिंदगी में उसका काफी प्रभाव है.. इनकी ही एक बात थी कि..
"जो गलत है, शराबी जुआरी है, पापी है, भ्रष्टाचारी हैं.. उनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए, कोई इनके शादी विवाह समारोह में ना जाये और ना बुलाए"

और आज बिन पेंदी के लोटे की तरह उनसे ही गले मिलते चल रहे है.... अपने जीवन-मूल्यों से समझौते करने की क्या मजबूरी हो सकती है ?

आज लालू यादव भ्रष्टाचार के किसी 'संदेह' की वजह से जेल में नहीं है.. बल्कि कोर्ट में साबित हो चुका है और तब सजा हुई है... याने आप एक सर्टिफाइड अपराधी से गले मिल रहे हैं? हंस हंस कर एक अपराधी को आशीर्वाद दे रहे है.. एक अपराधी के फैलने फूलने की कामना कर रहे हैं ?

आप हरेक शिविर में एक उदाहरण देते हैं कि ये ज्योतिष, ये माला, ये अंगूठी सब ढकोसला है.. और फिर कहते हैं

"एक काम करो.. ज्योतिष के पास जाओ.. उसके चप्पल छुपा दो.. और पूछो .. आपका चप्पल कहां है.. इतना बता दो.. तो मैं मानूं कि आप ज्योतिष हो ? "

अरे बाबा... तो फिर कल जो आपने तेज प्रताप यादव को "रक्षा सूत्र धागा" पहनाया और आशीर्वाद दिया ... वो क्या था ?

लोग कहते हैं .. वो अपने बिजनेस के चलते ऐसा कर रहे हैं .. मैं कहता हूं.. वो ऐसा ना करते तो भी पतंजलि को उखाड़ फेंकना अब दुनिया में किसी के बस में नहीं है... मैं खुद उनके ही प्रोडक्ट प्रयोग करता रहूंगा... क्योंकि उस सामान की मुझे जरूरत है... मुझे शुद्ध चीजों की जरूरत है...

दोस्तों मैं दुखी हूं... बाबा रामदेव से मुझे नई जिंदगी मिली है.. योग से.. और धर्म के प्रति सबसे पहली चिंगारी यहीं से उतपन्न हुई... मैने हर हाल में बाबा को defend किया.. लेकिन आज अपने आंखों के सामने अपने आदर्श को ढहते देख कर सिवाय अफसोस के कुछ नहीं कर सकता...

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