Wednesday 30 May 2018

मोदी विरोधियों को मिर्ची लगने वाला लेख

एक भिखारी कहता है कि मैं आज भी 25 साल से भिखारी का भिखारी ही हूँ.. और मोदी बुलेट ट्रेन चलाने की बात करता है.. ।।

हमारे बगल में महतो जी का दुकान है.. बोलते हैं.. आज भी मेरे दुकान की बिक्री ज्यादा नहीं है... और मोदीजी बुलेट ट्रेन चलाने की बात करते हैं... भाई साहब की दुकान में तीन चीजें है.. पान , गुटखा और सिगरेट।।

हमारा जो अखबार देने आता है वो 20 साल से आ रहा है, बोलता है मैं आज भी लखपति नहीं हुआ.. मुश्किल से कमाना और खाना होता है.. और देखिए मोदीजी बुलेट ट्रेन चलाने की बात करते हैं...

अबे मूर्खों... तुम सब अपनी हालात के जिम्मेदार खुद हो... मोदीजी ने मुद्रा लोन योजना शुरू की.. जिससे 12 करोड़ लोगों ने लोन लिया और बिजनेस करके आगे बढ़े...

सुनो .. तुम दिमाग के भिखारी हो.. और भिखारी हमेशा भिखारी रहेगा.. अखबार बेचने वाला कभी अमीर नहीं होता.. पंचर बनाने वाला कभी गाड़ियों का शो रूम नहीं खोलता.. दलदल के ऊपर कोई भी सीमेंट प्रयोग करो.. घर गिर जाता है...

और सुनो.. भिखारियों... मुल्लों के चाटुकारों.. अगर भिखारियों और तुम जैसे रुदन रुदालियों को ध्यान में रखा जाता तो बुलेट ट्रेन तो क्या.. हवाई जहाज भी ना बनते.. क्योंकि तुम तो तब भी रोते ही थे .. कि ट्रेन के टिकट तो खरीदने लायक हम है नहीं.. और ये हवाई जहाज बना रहे हैं...

तुम्हे ध्यान रखकर अविष्कार होता तो साइकिल के आगे आजतक कोई गाड़ी नहीं बनी होती.. तुम्हे ध्यान रखा जाता तो सिर्फ दाल, गेंहूँ का उत्पादन किया जाता.. काजू , अखरोट पिस्ता बादाम नहीं...

तुम्हे ध्यान में रखा जाता तो सिर्फ होम्योपैथिक दवाई बनी होती... एलोपैथिक नहीं.. क्या दुनिया मे तुम्हारे जैसे भिखमंगों के हिसाब से ही विकास किया जाएगा ...?

तुम तो कल तक मोबाइल में इंटरनेट भी प्रयोग नहीं करते थे क्योंकि दो पैसे बचाने थे... तो क्या इंटरनेट का अविष्कार ही गलत हो गया..?

याद रखो.. जीवन में हर चीज हर किसी को मिल सकती है बशर्ते वो उसके लिए पात्रता रखता हो.. सिर्फ किसी "मोदी" की बुराई के लिए अपनी इज्जत क्यों खो रहे हो ?

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