मेरा स्पष्ट मानना है कि हिन्दू कभी भी मुस्लिम कौम के साथ नहीं रह सकती... ये तेल और पानी का मिश्रण है.. इतिहास तो जो है वो है.. वर्तमान में भी यही सच है... ऐसा इसलिए क्योंकि आप मुस्लिमों को ऐसे किसी भी काम से रोक नहीं सकते जो हिंदुओं में बिल्कुल ही त्याज्य है... और सारे फसाद की वजह यही है...
जैसे कि आप उनको गाय ना काटने के लिए राजी नहीं कर सकते...
वो आपके भगवान या किसी आस्था पर विश्वास करें या इज्जत करें... ये भी नहीं हो सकता...
वो जिहाद के उपक्रम में हिन्दू लड़कियों को निशाना ना बनाएं ये भी असम्भव है..
वो हिंदुओं को काफ़िर ना मानें तो वो मुसलमान ही नहीं कहलायेंगे...
वो जनसँख्या जिहाद करके हिंदुओं से ऊपर निकलने की कोशिश नहीं छोड़ सकते..
मुसलमानो का नेता हमेशा वही होगा जो हिंदुओं के खिलाफ काम करेगा.. और हिंदुओं का नेता हमेशा उनका प्रमुख दुश्मन होगा...
वो हमेशा दुश्मन देश के प्रति वफादार रहेंगे.. क्योंकि भारत एक काफिरों के जनतंत्र वाला देश है..
ये अलग घर चाहते हैं, अलग मोहल्ले चाहते हैं, अलग गांव शहर और राज्य चाहते हैं..
इनका पहनावा, रहन सहन सब अलग है और रहेगा...
सवाल है कि जब इतने सारे अंतर हैं तो घुलना मिलना सम्भव कैसे है ? ना विचार मिलते हैं ना कार्यकलाप ? क्या सिर्फ "मुंहजबानी एकता" के भरोसे चलते रहेंगे ?
ये ठीक है कि ये लोग इतने अंदर तक जड़ें जमा चुके हैं कि मुस्लिम मुक्त भारत जैसे विचार हास्यास्पद लगते हैं... परन्तु ये सच है कि जहां आप 20 करोड़ मुस्लिमों को हटाने के बारे में निराश हो जाते हैं वहीं ये लोग हिन्दू मुक्त भारत बनाने के लिए दिन रात प्रयत्नशील है .. पूरी उम्मीद के साथ.. और इसका नतीजा है.. हर दिन... बहुत सारे स्थानों से हिंदुओं का पलायन...
इसके लिए ये लोग जो तरीके अपनाते है उसका कोई तोड़ नहीं है.. याने लव जिहाद और जनसँख्या जिहाद...
संविधान के अनुसार इसे रोका नहीं जा सकता और हिन्दू इतने जागरूक नहीं है... 18% से जिस दिन 40 %होंगे.. जो कि होना ही है उस दिन तीसरा तरीका अपनाएंगे.. "डायरेक्ट एक्शन".. जो बंगाल केरल आदि में हो रहा है.. इसके बाद मामला हाथ से निकल जायेगा.. क्योंकि उस वक़्त ये अपने ही एक- दो करोड़ लोगों की बलि चढ़ा देने से हिचकेंगे नहीं.. और ये काम हिंदुओं के लिए नामुमकिन है...
अब रास्ता क्या है ? रास्ता एक ही है.. और सिर्फ यही है.. आज के आज जागो और 18% पर ही एक्शन लो.. क्या करना है.. कैसे रोकना है.. और हमेशा के लिए आने वाले खतरे से निजात पाना है.. उसपर सोचो और कार्य करो..
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