Zee न्यूज़ पर सईद अंसारी कह रहा है..
"ये 'अचानक' से दंगे क्यों हो रहे हैं ? कौन है जो अमन की फिजाओं में जहर घोल रहा है ? "
और फिर वो शुरू करता है डिबेट शो.. जिसमे सब के सब राजनेता है.. कोई इस पार्टी का तो कोई उस पार्टी का ...
अब जवाब क्या मिलेगा ? कोई कहेगा.. उस पार्टी ने वोट के लिए किया है.. तो सांमने वो भी कहेगा कि उस पार्टी ने वोट के लिए किया है ... लेकिन सच कोई नहीं बोलेगा...
जब सच खुद एंकर नहीं बोल रहा ... वो कहता है.. "ये अचानक से दंगे क्यों होने लगे हैं "
इसके शब्द पर गौर कीजिए "अचानक"... याने ये पहले नहीं होता था .. कितना धूर्त है ये..
ये जानता था कि अगर डिबेट में तारिक फतेह या रिजवान अहमद आदि को बुलाएंगे तो असलियत ही सांमने आ जायेगी इसलिए सिर्फ नेताओं को बुलाया.. जो बेसिरपैर की .. और हज़ार बार कह चुके बात को... फिर से दुहरा दे...
ये हर चैनल पर हुआ.. किसी ने बंगाल की बात की तो किसी ने बिहार की... किसी ने ममता को कोसा तो किसी ने नीतीश को तो किसी ने मोदी को... पर किसी माई के लाल एंकर में ये हिम्मत नहीं कि वो ये पूछे...
"किसी भी हिन्दू जुलूस पर मुस्लिम पत्थर क्यों फेंकते हैं? "
अगर ये सवाल पूछा तो किसी भी डिबेट का ट्रैक ही चेंज हो जाएगा.. फिर नेताओं का डिबेट में काम ही नहीं रह जायेगा.. क्योंकि सब जानते हुए भी इसका जवाब कोई नेता नहीं देगा... यही नहीं इसका जवाब सुनने की हिम्मत एंकरों में भी नहीं होगी और ना प्रसारण करने की हिम्मत...
और यही है समस्या की जड़...
No comments:
Post a Comment