Monday 30 April 2018

कठुआ केस में मुस्लिम मुख्यमंत्री के प्लान का पर्दाफाश

अकल्पनीय, अविश्वसनीय... एक मुस्लिम मुख्यमंत्री ... इस तरह से हिंदुओं को फंसाने के लिए किसी की जिंदगी से खेल सकती है... क्या इस देश मे पीड़ित परिवार की कोई बात मायने नहीं रखती.. खासकर जब पीड़ित कोई हिन्दू हो... ?
विशाल के परिवार वाले ने तो कहा था कि कठुआ रेप में 15 तारीख को मेरा बेटा जम्मू में था ही नहीं.. तो कोई सुनने वाला भी नहीं...

महबूबा के इशारों पर साजिश रचने वाली क्राइम ब्रांच कहती है कि विशाल 15 तारीख को रेप वाले स्थान पर मौजूद था... जबकि उसी वक़्त वो वहां से 600 किलोमीटर दूर एक एटीएम से पैसा निकाल रहा है और उसकी वीडियो ज़ी न्यूज़ ने सरेआम दिखा कर इन  जिहादियों का मुंह काला कर दिया है...

इसके बाद 12 तारीख को जिस वक्त क्राइम ब्रांच ने अपने रिपोर्ट में लिखा है कि विशाल अपने अपराध को अंजाम दे रहा था उस वक़्त वो एग्जाम दे रहा था... और ये बात भी विशाल का परिवार ने कहा था, परंतु क्राइम ब्रांच के मुस्लिम अफसर तो पता नहीं .. कौन से जेम्स बांड के पैदावार हैं जो खुद जहां कहे... आदमी सिर्फ वहीँ मौजूद हो सकता है.. उन्होंने अलग ही तर्क दिया कि वास्तव में विशाल की जगह कोई और एग्जाम दे रहा था..

लेकिन क्राइम ब्रांच के इस आपराधिक कृत्यों का भंडाफोड़ भी हो गया जब.. एग्जाम सेन्टर पर विशाल के अटेंडेंस रजिस्टर में उसका सिग्नेचर मिला.. वो भी लगातार.. हर दिन..

जबकि अब उन दो तीन परीक्षार्थियों को खोज निकाला गया जो उसके बगल की सीट पर बैठ कर एग्जाम दे रहे थे और उन्होंने कहा कि विशाल उस दिन एग्जाम दे रहा था...

इसके बाद भी जिस 14 तारीख को विशाल के कठुआ में होने का दावा किया जा रहा है उस दिन मुजफ्फरनगर में उसके घर के मकान मालकिन का दावा है कि वो (विशाल) उसके घर मे था.. संयोग से उसकी पोती के जन्मदिन में शाम को आंखों के सामने था.. और उसने सबूत में वो फोटो भी दिखा दिया.. जो उस मौके पर खींची गई थी जिसमे विशाल एक सोफे पर बैठा है...

हैरतअंगेज बात है कि crimebranch ने मकान मालकिन को ये फोटो डिलीट करने की धमकी दी थी.. पर संयोग से फोटो मोबाइल से डिलीट नहीं हुई थी और उसे भी ज़ी न्यूज़ ने दिखाया...

अब ? अब और क्या ? क्या हर जगह विशाल का कोई हमशक्ल घूम रहा था ? शायद अब ऐसा ही कहेगी.. क्राइम ब्रांच ऑफ जम्मू..

दुनिया वालों आंख खोल कर देख लो.. मुस्लिम अगर मुख्यमंत्री भी बन जाये तो कैसे हिंदुओं के प्रति अपनी नफरत को सांत्वना देने के लिए अपने समूचे पावर.. मशीनरी का इस्तेमाल करती है.. इसके पहले सोनिया गांधी ने.. कांग्रेस ने .. असीमानंद जी, साध्वी प्रज्ञा जी समेत कइयों को सालों साल 3rd डिग्री का टॉर्चर देते हुए जेल में सड़ा दिया...

लेकिन बड़ा प्रश्न तो ये रहेगा कि क्या न्यायालय में आम आदमी की हैसियत जीरो है ? जो जांच एजेंसी कहे , वही सही और आम आदमी के पास असलियत बयान करने का भी कोई रास्ता नहीं ?

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