Sunday 25 May 2014

बाबा रामदेव जैसे साधु संतों के प्रति ज़हर भरने का प्रयास आज़ादी के बाद से ही (Defaming Hindu Saints)


एक समय था जब फिल्मों में साधु संत और बाबाओं के ग़लत रूप को देख देख कर मेरे मन में इतनी नफ़रत बढ़ गयी थी की किसी साधु और बाबा को देखते ही मन कहता था की "देखो ढोंगी को... पाखंडी को"
याद कीजिए किस फिल्म में किसी साधु को अच्छा दिखाया जाता था ?
हेरा फेरी में अमिताभ  और विनोद खन्ना ट्रेन के अंदर साधु बन कर नशीली मिठाई खिला ट्रेन के लोगों को लूटते हैं ...
याद कीजिए जादूगर फिल्म में अमरीश पूरी का खलनायक बनना .,. जो एक बहुत बड़े साधु होते हैं ...
याद कीजिए नगीना फिल्म में अमरीश पूरी और पार्ट टू में अनुपम खेर का साधु हो कर दुनिया के हर बुरे काम करते हुए दिखाना
याद कीजिए कई फिल्मों में साधु का रूप धर कर अपने पास आने वाली लड़कियों की इज़्ज़त लूटना ...
याद कीजिए कितनी ही फिल्मों में हीरो का लड़कियों से मिलने के लिए साधु का भेष बनाना और फिर उसी ड्रेस में डांस करना ...

ये सब करीब आज़ादी के बाद से ही शुरू हो गया था जब नेहरू के रूप में एक मुसलमान गद्दी पर बैठा...
उस ने एक लोंग टर्म (long term) का अभियान चलाया इनकी छवि को धूमिल करने का ..

मैं ऐसी ही कई कहानियाँ भी अख़बार और पत्रिकाओं में पढ़ा करता था जिसमें कोई साधु बलात्कार कर बैठता था ..
कॉंग्रेस की एक सोच थी की अगर भारतवासी हिंदू धर्म से प्यार कर बैठे अगर साधु संतों की बातों पर चलने लग गये तो हमारे जैसे कुसंस्कारी लोग को कभी वोट नही देंगे ..

ये चाल सफल रही क्यूँ की अब बच्चे बचपन से ही ऐसे हो गये कि उनको साधु का मतलब एक पाखंडी से ज़्यादा कुछ समझ ही नही आता ...

इसका ही नतीज़ा है की लोग बाबा रामदेव को सिर्फ़ एक बिज़नेस मैन  के सिवा और कुछ नही मानते .. ..

उनको विश्वास ही नही होता की बाबा रामदेव एक साधु हो कर अच्छे इंसान हो सकते हैं .. खैर बाबा रामदेव के उपर फिर अलग से ...



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