1969 में गुजरात के छोटे शहर में एक केमिस्ट्री ग्रेजुएट और सरकारी लेबॉरेटरी में जूनियर केमिस्ट करसनभाई पटेल ने अपने घर के पिछवाड़े में डिटर्जेंट यानी वाशिंग पाउडर बनाना शुरू किया। बाल्टी में बनाए जाने वाले इस डिटर्जेंट को वह नौकरी से फुर्सत पाने के बाद घर-घर जाकर बेचते। धीरे-धीरे उनके इस डिटर्जेंट ने मार्केट में जगह बना ली।
उस समय बाज़ार में सबसे सस्ता वाशिंग पाउडर करीब 13 रुपये का था। करसनभाई ने बस 3 रुपये में अपना पाउडर बेचना शुरू किया। इस डिटर्जेंट का नाम उन्होंने अपनी बेटीनिरुपमा के नाम पर निरमा रखा।
धीरे-धीरे निरमा ने मध्यम और छोटे आय वाले परिवारों के बीच जगह बना ली। उस समय भारतीय बाज़ार में मल्टिनैशनल कंपनी के वाशिंग प्रॉडक्ट्स का बोलबाला था। निरमा ने उन्हें टक्कर दी और 80 के दशक में सबसे पॉप्युलर वाशिंग पाउडर बन गया।
धीरे-धीरे निरमा ने मध्यम और छोटे आय वाले परिवारों के बीच जगह बना ली। उस समय भारतीय बाज़ार में मल्टिनैशनल कंपनी के वाशिंग प्रॉडक्ट्स का बोलबाला था। निरमा ने उन्हें टक्कर दी और 80 के दशक में सबसे पॉप्युलर वाशिंग पाउडर बन गया।
निरमा सिर्फ वाशिंग पाउडर ही नहीं बनाती बल्कि इसके टॉइलेट सोप और दूसरे प्रॉ़क्डक्ट्स भी काफी पॉप्युलर हैं
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'मान गए? किसे? आपकी पारखी नज़र और निरमा सुपर, दोनों को।' याद है न! बाज़ार में अपनी पोजिशन से ज्यादा निरमा हमारे मन में अपने शानदार ऐड्स के लिए बसा है। निरमा की डांसिंग गर्ल से लेकर हेमा, रेखा, जया और सुषमा वाले ऐड हों, इन विज्ञापनों को कौन भूल सकता है।
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'मान गए? किसे? आपकी पारखी नज़र और निरमा सुपर, दोनों को।' याद है न! बाज़ार में अपनी पोजिशन से ज्यादा निरमा हमारे मन में अपने शानदार ऐड्स के लिए बसा है। निरमा की डांसिंग गर्ल से लेकर हेमा, रेखा, जया और सुषमा वाले ऐड हों, इन विज्ञापनों को कौन भूल सकता है।
एक छोटे से कमरे से हुआ निरमा का सफर अब बहुत आगे बढ़ चुका है। 2004 में निरमा ने 8 लाख टन से अधिक के डिटर्जेंट की बिक्री की। निरमा का टर्नओवर अब 5 अरब डॉलर से ऊपर जा चुका है। एक आदमी से शुरू इस सफर में अब 15000 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। :NBT:
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