टीवी केबल के माध्यम से 130 करोड़ लोग इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े है और 96 करोड़ न्यूज़ पेपर बिकते हैं.. इतने बड़े जनसंख्या को प्रभावित करती है ये मीडिया संस्थान .. जाहिर ये देश में उलट फेर करने की ताकत तो रखते ही हैं ..
और ऐसे आंकड़ो के बाद एक बेहद विश्वसनीय सर्वे किये गए कि भारतियों में इनकी विश्वसनीयता कितनी है ?
Indian IRIS के द्वारा किये गए विश्वसनीय सर्वे में बहुत ही निराशाजनक परिणाम सामने आये हैं ....
और परिणाम जो आया वो बेहद हैरतअंगेज और शर्मनाक है .. 80% लोगों को इनकी विश्वसनीयता पर याने इनके न्यूज़ पर विश्वास नही है.. संदेह है...
इसमें भी 88 % लोगों का कहना है की न्यूज़ एकतरफा होता है या किसी के दवाब में दिखाया या बनाया जाता है ..biased है ..
इतने ही लोगों को लगता है कि मीडिया वालों के 80 % न्यूज़ meaningless होते हैं .. जिसका कोई मतलब नहीं ..
और सबसे प्रचंड शर्मनाक बात ये थी दीपक चौरसिआ। । रविश आदि के लिए कि इसमें भी जब ये पूछा गया कि अखबार और टीवी न्यूज़ में से किस पर कितना विश्वास है तो अखबार के न्यूज़ को लोगों ने जहां 22 % लोगों ने वोट किया वहीँ टीवी न्यूज़ को सिर्फ 4 % वोट मिले…
ऐसे ही कई हैरान करने वाले परिणाम आये हैं .. ये बेहद ही शर्मनाक है . ..लोगों से जब example के तौर पर किसी घटना के बारे में पूछा गया तो हाल की घटना को लेकर गुस्सा था जिसमे हेमामालिनी का कार एक्सीडेंट में घायल होना तो मीडिया वालों के लिए न्यूज़ था पर उसी दुर्घटना में आम आदमी के बच्ची की मृत्यु हो जाना खबर नहीं बनायीं गयी थी..जिससे पता चलता है कि इनकी काली कमाई का जरिया बड़े लोग है ..
सच कहा जाए तो इस सर्वे के बाद इन न्यूज़ वालों को थोड़ी भी शर्म हो तो कायदे से मुंह में कालिख पोत कर गधे पर बैठ कर शहर में पांच चक्कर खुद से लगा लेना चाहिए ...वरना एक दिन तो जनता घुमाएगी ही...
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