Tuesday 7 July 2015

दिन रात ७२ हूरों के सपने आ रहे हैं मुझे जब से कुरआन पढ़ा

स भाइयों बस... अब मैं इस्लाम ग्रहण करने के मूड में आ गया हूँ... आज मेरी आँखें खुल गयी है ... ठीक है यार ..होता है... अब मैं भी मर्द हूँ... यार... अब देखो हिन्दू धर्म में मैं किसी की हत्या करूँगा तो तुमलोग हल्ला करोगे .. ये पापी है .. हत्यारा है .. और मुझे मरने के बाद भी 'नरक ' मिलेगा.... 

नहीं यार.. अब देखो दूसरी तरफ अगर मैं मुस्लिम बन के हिन्दू की हत्या करूँगा तो जीते जी मैं मुल्लों का हीरो .. लादेन बगदादी कसाब की तरह बन जाऊँगा... और मर गए तो उसी हत्या करने का इनाम मुझे अल्लाह ७२ हूर देगा जिसके साथ मैं पूरा भोग विलास कर पाऊंगा... जन्नत के मजे तुम क्या जानो/// लेकिन ये सब मिलेगा बुरे काम करने पर .. इसलिए मैं तो मुस्लिम बनूँगा भाई ..चाहे जो हो ....

मुल्ले हमेशा जोर डालते थे की कुरआन पढो .. कुरआन पढो ..सच्चाई पता चलेगी तो मैंने पढ़ ही ली .. भाइयों...और सच्चाई जान ने के बाद से ही अब दिन रात सुन्दर सुन्दर हूरों के सपने सोते जागते आ रहे हैं मुझे... कोई इधर से बोलती है "आई लव यू " तो कोई उधर से बोलती है "मेरे करीब आओ राजा .. "....एक हूर तो सपने में यहाँ तक बोल दी की तुमने हिन्दू की हत्याकर दी .. तो मैं धरती तक खुश हो कर तुम्हारे साथ जाउंगी ... ..(फिलहाल सपने में)

दोस्तों मैंने दो तीन कुत्ते मार दिए हैं इस्लाम को जान्ने के बाद .. .मतलब ऐसा लिखा था यार उसमें... कुत्ते मारों छिपकली मारो.. आदि आदि... .दोस्तों अब मैं योग नहीं करूँगा... .. क्यूंकि तोंद निकल जाए.. bp बढ़ जाए या मधुमेह हो जाए .. या १००० बिमारी हो जाए तो क्या हुआ .. जन्नत में ७२ हूर फिर भी मिलेगी ... तो परेशानी किस बात की ....

भाइयों मैंने सोच लिया है की यही है वो मजहब ..जो मेरी सारी बुराइयों को परवान तक पहुंचा सकती है .. अब दोस्तों मैं रेप करूँगा .. और रेप भी इसमें जायज कहा गया है... और हाँ ज्यादा उपदेश मत दो .. जब रेप इस धर्म में पाप माना ही नहीं गया है तो पाप कैसा ?

और मैं बता दूँ भाइयों... मैंने एक मुल्ली को फंसा लिया है.. निकाह के लिए... और तीन और मुल्लियों के घर अभी से रिश्ता भेज दिया है ... अब मैं मुस्लिम होने जा रहा हूँ.. ... आहा आहा... चारों बीवी जब मेरे आसपास होगी तो कैसा वासनामय माहौल होगा... आहा... मजे ही मजे है ... याहूऊ... मैं तो सोच रहा हु पोर्न फिल्म भी बनाऊ ताकि बिजनेस भी अच्छा हो जाए..इसी बहाने....

खैर....अब आज से मैं ... हर चीज़ खाऊंगा... हालाँकि खा तो सुवर भी लेता लेकिन अल्लाहताल ने मना कर दिया है इसलिए... मैं अल्लाहताला के हर आदेश को मानूंगा क्यूंकि तभी मुझे जन्नत की हूर मिलेगी ..

जो विरोध करेगा उसको गालियों से नवाजुन्गा ... और हत्या कर दूंगा... मैं बता दूँ.. अब भारत एक काफिर देश है और मेरे लिए सबकुछ पाकिस्तान है ... अब हाफिज सैईद की बातें मेरे लिए आदेश है .. अरे क्या होगा.. तुमलोग मार ही दोगे न ... मार दो.. मैं तो जन्नत चला जाऊँगा... मैं तो मरना ही चाहता हूँ अब कुरआन पढने के बाद ..

अरे भाई कहा ना.. हत्या का फल नरक तुम्हारे धर्म में हैं.. हमारे में तो जन्नत है जन्नत... हुर्रे ... मैं तो चला भाई .. कोई मौलवी इमाम खोजने... इस्लाम कबूल करते ही .. पहले उसी के बेटी को फंसा लूँगा...

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