Tuesday 7 July 2015

फिल्मो का महान दयालु आतंकी

एक आतंकी आता है और वो गले काटने जा ही रहा है एक काफ़िर की कि दूर कहीं से नमाज की आवाज आती है .. "अल्लाला ला ला ला हू.~~पों पों चो..."

आ हा हा .. अब देखिये रहमदिल आतंकी को .. अब ये रुक जाता है .. हथियार किनारे रख देता है ... फिर घुटनो पर बैठ कर तीन चार बार आगे की तरफ गुलाटी मारता है .. इस बीच मस्जिद से आ रही वो आवाज ऐसे सुनाई जाती है जैसे की कोई रूहानी साउंड सीधा परमेश्वर के घर से आ रही हो ..

"या या पों पों ~~~ लिल्लाह ह ह
कों पों ~~~......."

सिनेमा हॉल में ये टिपिकल टाइप का सीन ऐसे चल रहा है जैसे वो आतंकी बड़ा ही रहमदिल है ...भक्ति से सरोबार है.. अब यूँ समझिये कि बस ये जालीदार टोपी वाला कोई बड़ा ही मसीहा टाइप है..

इतने में सिनेमा हॉल मे मौजूद सेक्युलर हिंदुओं की आँखों से ये रहमदिली देख आंसू आ जाते हैं और मुंह से निकलता है ..

"असली मुस्लमान है भैया असली.. देखो तो सही.. ये है असली पाकीजा धर्म..."

इतने में नमाज का टाइम पूरा हो जाता है और वो नमाजी रहमदिल इंसान उठता है हाथ में तलवार लेता है और 'छपाक' से काफ़िर की गर्दन उड़ा देता है.. और बोलता है .. अल्लाह हु अकबर ..

इसके बाद भी सेक्युलर सिनेमा हॉल में बोलते है 

" जो भी है साला ये होता है धर्म ..जैसे ही नमाज सुना .. कम से कम उस वक़्त खून नहीं बहाया मगर "

लेकिन मेरे से जुड़े एक दोस्त जो वहीँ हॉल में सिनेमा देख रहे थे वो उठकर चिल्लाया..

"भों@#$ के बह@$₹% जब यही करना था तो इतना फुटेज क्यों खाया..? आखिर में तो पाखाना में लोट ही गया ना कुत्ते "_@%"

1 comment:

  1. तुझ जैसा चुतिया इंसान मेने नहीं देखा। अबे फिल्मो को असल ज़िन्दगी से जोड़ कर देखता है। और ऊपर से तू इस्लाम के खिलाफ जिस तरह बोल रहा है उस से ज़ाहिर होता है की कितना डरता है तू इस बात से आज तक कितने लाखो करोडो हिन्दू भाईयो ने इस्लाम धर्म अपना लिया है। आगे भी इस्लाम को अपना लेंगे। पर तेरा डर सही है। तू नहीं जानता। पर जिस गति से हर साल लोग इस्लाम धर्म अपनाते हैं उसके अनुसार २०५० तक दुनिया में ७३ प्रतिशत से ज़्यादा केवल मुस्लिम होंगे। पर तू कुछ नहीं कर सकता। अपन चीख पुकार को सो गुना भी बढ़ा ले तो कुछ नहीं कर सकता। अरे इस्लाम की फितरत ही ऐसी है जिस जगह इसे दबाने की कोशिश की गयी। ये वही पूरी तरह फ़ैल गया। दुनिया का इतिहास गवाह है। हर वो मुल्क में इस्लाम की खिलाफत हुयी वही देश इस्लामी हो गया। आज तक ऐसा नहीं हुआ की कोई मुल्क इस्लाम के ऊपर फतह कर पाया हो। तू अपना काम कर। इस्लाम अपना काम कर रहा है। और वो काम है सही रास्ता सीधा रास्ता दिखाने का। अपनी और लोगो को खींचने का। ऐसा कोई धर्म का इंसान नहीं जो आज तक इस्लाम में अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया हो। इस से साबित होता है ये हर धर्म और हर सोच के लोगो पर अपना असर छोड़ता है।

    ReplyDelete