Wednesday 21 September 2016

भारत का डीएनए ही कायरतापूर्ण है ?

भारत की मूल प्रवृ‍त्ति युद्ध से भागने की है। इस देश का इतिहास बताता है कि हमने किसी भी देश पर हमला नहीं किया, वरन आक्रमणकारी से बचने के लिए ही हथियार उठाए हैं।
भारत पराजित मानसिकता वाले लोगों का देश है, रवैया हमेशा बचाव करने का है और वह भी तब जब हमारी जान पर बन आए। यह सच्चाई है कि आक्रमणकारी को केवल एक बार घुसकर मरना होता है और वह हमेशा ही इस काम में सफल होता है जबकि बचाव करते हुए हमें हर बार लड़ाई को जीतना पड़ता है और अपने नुकसान को सीमित रखना पड़ता है।

पाकिस्तान के लोग, फौज, आईएसआई और आतंकवादी यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत ऐसे लोगों का देश है, जो कि तनिक से प्रतिरोध से झुक जाता है। यह हिन्दू मानसिकता का परिचायक है। देश का बंटवारा मानसिक हार की वजह से हुआ। बिना लड़े ही चल रहे दंगों ने हार मनवा दी, इसलिए दंगे एक कामयाब तरीके बन गए मुसलमानो के लिए।

मुस्लिम आतंकवादियों को कश्मीरी या पुरे भारत के मुस्लिमों के घरों में पनाह ही नहीं मिलती रही वरन कश्मीरियों की रोटी और बेटी भी इन बुरहानवानियों को मिलती रही। दिल्ली और केंद्र की सरकारें इन विद्रोहियों, देशद्रोही अलगाववादियों की इस तरह देखरेख करती रही हैं मानो ये अलगाववादी न होकर हजरत के बाल हों। हमारे लोकतंत्र का नमूना देखिए कि सुप्रीम कोर्ट की नजर में भी ये अलगाववादी बिलकुल निरापद हैं।

देश की राजनीति केवल सत्ता हासिल करने के लिए है इसलिए जब भी कभी आतंकवादी पकड़े जाते हैं तो उन्हें घाटी की जेलों में किसी देवी-देवता की तरह से रखा जाता है। जिहादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की बजाय नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड्‍स के जवान ऐसे नेताओं की सुरक्षा में लगे रहते हैं। हमारे नेता इतने गिरे गए हैं कि मुस्लिम वोटों के लालच में पाकिस्तानियों से गले मिलने के लिए कराची और लाहौर तक की सैर करते हैं।

दुनिया में कोई भी देश अपनी कार्रवाइयों को इस बात से प्रभावित नहीं होने देता कि दुनिया के दूसरे देश क्या कहेंगे? अमेरिका और चीन को जब भी सैनिक कार्रवाई करनी होती है, वे करते हैं। इसराइल ऐसा करता है लेकिन हम शांतिप्रिय भारतीय ऐसा करने के बारे में नहीं सोचते हैं।
हमारी असली समस्या है कि भारत के सांस्कृतिक डीएनए में संघर्षों से बचने, डरने की प्रवृत्ति छिपी हुई है और हम बार-बार गुस्से से आग-बबूला होते हैं लेकिन निर्णायक कार्रवाई करने में हाथ पैर फूल जाते हैं।

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