Wednesday 2 November 2016

आत्महत्या करने वाले रामकिशन को किस बात का दुःख था

रामकिशन जी ने आत्महत्या कर ली क्योंकि orop के पेंशन वाले डिमांड उनके अनुसार सरकार ने नहीं मानी। मैं कंफ्यूज हूँ... कुछ ही महीने पहले की बात है जब orop को सरकार ने मान लिया था, बजट में घोषणा हुई थी और मार्च से सभी के खाते में OROP का पेंशन जा भी रहा है।  खुद मोदीजी ने कई जगह ऐसा कहा था कि कांग्रेस के समय लटके इस बिल को मैंने पास किया है। शायद रामकिशन जी इस बिल में जो चाहते थे वो पूर्णतया नहीं हुआ होगा।
लेकिन मैं रामकिशन जी की मौत के बाद भी उनकी दुखी आत्मा से पूछना चाहता हूँ ..

क्या रामकिशन जी ने कभी देखा था कि कोई प्रधानमंत्री सीमा पर जाकर सैनिकों के साथ दीपावली मनाता है ? क्या कभी रामकिशन जी ने देखा था कि पत्थरबाजों से सिर्फ पत्थर खाने को नहीं बल्कि जवाब देने को भी किसी सरकार ने आदेश दिया हो ? क्या आज से पहले सैनिको के शहीद होने पर पूरा देश कभी ग़मगीन हुआ था? आज सोशल मीडिया से लेकर हरेक न्यूज़ चैनल पर शहीद की विधवा, बच्चे, माँ बाप को प्राथमिकता दी जाती है, ऐसा कभी हुआ था ? पहले कितने सैनिक मरे ये पता भी नहीं चलता था, आज एक एक की गिनती होती है और उसके बदले की बात कही जाती है। सर्जिकल स्ट्राइक किसके लिए किया गया था ?

उड़ी हमले में 14 सैनिकों की हत्या का बदला लिया गया .. क्योंकि सरकार सैनिकों की हत्या से बेहद व्यथित थी..ऐसा पहले कभी नही हुआ था। रामकिशन जी ने देखना चाहिए था कि सैनिकों को मजबूत करने के लिए रूस से, अमेरिका से , इजराइल से सामान खरीदने के लिए पूरा खजाना उलट दिया गया ताकि सैनिकों के पास बेहतर सुरक्षा और आक्रमण व्यवस्था हो।

रामकिशन जी आपकी OROP सही होगी.. होनी चाहिए थी.. लेकिन जो मोदीजी दिन रात आपके लिए इतना कुछ कर रहे थे वो भी देखना चाहिए था... आपलोग को पेंशन मिल रहा है लेकिन उसको बढ़ाने के लिए इतना कुछ करते हो ...... जबकि यहाँ करोड़ों प्राइवेट सेक्टर के लोग किसी भी उम्र में बिना पेंशन के लात मारकर यूँही निकाल दिए जाते हैं। कोई आत्महत्या नहीं करता सभी लड़ते हैं जिंदगी में।

कम से कम आत्महत्या करके आपने मोदीजी के साथ अहसानफरामोशी ही किया है।

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