इसका मतलब होगा कि किसी तरह से एक आत्मघाती हमलावर को हाफिज सईद या मसूद अजहर के सभाओं में भेज दो बस ... खेल खत्म । लोग कहते हैं मर कर मारने के लिए जिहाद का पागलपन होना चाहिए... उन्हें ये न्यूज़ ध्यान से पढ़ लेना चाहिए.... धर्म और राष्ट्र के लिए मर कर मारने का जुनून सिर्फ हिन्दू धर्म में ही हो सकता है।
अब ये डोभाल जी पर है कि वो कैसे और कब इश्तेमाल करना चाहेंगे।
कुछ लोगों को ये गलतफहमी भी दूर कर लेनी चाहिए कि साधु संतों की नजर देश में घट रहे घटनाक्रम पर नहीं होती है। #नागा_साधु
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