Friday 20 January 2017

पाकिस्तान नहीं बनता तो हिन्दू समाप्त हो गए होते

कुछ हिंदूवादी इस बात पर बहुत रोते हैं कि भारत का विभाजन हो गया.. पाकिस्तान बन गया.... लेकिन अगर पाकिस्तान नहीं बनता तो क्या आज यहां हिन्दू जीवित होते ? सिर्फ विभाजन को लेकर जब मुसलमानो ने भारत में चारों तरफ दंगे शुरू किये थे तब गली गली में हिंदुओं की लाशें बिछा दी थीं.. (इसमें दलित भी थे)...
कभी सोचा है आपने 1947 से अबतक उनकी जनसंख्या क्या हो गयी होती ? ?
1947 में भी ये बची खुची जनसंख्या ही थी... जो आज मुसीबत बन गयी है...
जब उसी वक़्त विभाजन के पहले इन्होंने अपनी असलियत दिखा दी थी ... लाखों हिंदुओं को मार डाला था.. तो उसी वक़्त हिंदुओं को इतनी दूरदृष्टि हो जानी चाहिए थी कि आगे जा के फिर क्या होने वाला है ? ये तो कहना ही पड़ेगा कि हिन्दू इस मामले में एक मुर्ख संप्रदाय है।

आज वो थोड़े से लोग जब ज्यादा हुए तो कश्मीर लिया, बंगाल लिया, केरल लिया, और यूपी, बिहार की बारी है... ये सच्चाई है, इसको नकारना सच से मुकरना है... ये थोड़े से लोग ? ? लेकिन अगर आज पुरे पाकिस्तान के लोग यहां होते तो ? सारे बड़े आतंकी नेटवर्क भारत में होते, बड़े बड़े डॉन यहीं होते...विश्वप्रसिद्ध आतंकवादी भारत में होते... ना जाने कितने लीडर और शायद pm भी वही होते तो क्या लगता है आपको आज हिन्दू यहां होते ? बचे होते क्या ? मुझे तो नहीं लगता... शायद अस्तित्व खत्म हो गया होता... उसी हाल में होते जैसे पाकिस्तान में हैं.. एक्का दुक्का... याने हिंदुओं का पन्ना खत्म हो गया होता.. अरे आज जब ये थोड़े से बचे हुए मुस्लिम नहीं सम्भलते तो पूरे पाकिस्तान के यहां घुसे होने की स्थिति में क्या होता ? ?

विभाजन गलत था.. लेकिन हिंदुओं के अस्तित्व के लिए एक मौका भी था.. जैसे उधर पाकिस्तान में हिंदुओं को खत्म कर दिया गया वैसे ही इधर हिंदुओं को भी वैसी प्रक्रिया अपनानी चाहिए थी... ये मौका था.. बहुत कम उनकी जनसंख्या थी... आजादी के बाद से ही निपटना शुरू करते तो अबतक शायद कहानी खत्म हो गयी होती...

मेरे हिसाब से तो विभाजन हिंदुओं को तात्कालिक रूप से नयी जिंदगी दे गया... और ये मुसलमानों के लिए बड़ी बेवकूफी थी.. क्योंकि अगर उन्होंने विभाजन नहीं किया होता तो आज पूरा भारत उनके हाथों में होता और एक इस्लामिक राष्ट्र होता।

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