Saturday 7 January 2017

मुस्लमान कैसे कब्ज़ा करते जा रहे भारत को

भारतीय आखिर मुसलमानों के द्वारा भारत पर कब्ज़ा करने के षड्यंत्र में हारते क्यों जा रहे हैं ? ? लोग तो इसके कई वजह बता देंगे... लेकिन सबसे बड़ी वजह है इनके खतरे को हल्के में लेना या समझ ही नहीं पाना।

हिंदुओं को तीन गुट में बांटना ठीक होगा...
1. जो हिंदूवादी है.. जो किसी भी हाल में भाजपा को वोट देंगे ।
2. दलित वोटर जिसमे ज्यादातर सोचते हैं कि मुस्लिम खतरा नहीं है.. बल्कि आरक्षण पर खतरा ना आये.. उसे वोट करो..
3. हिन्दू जो सेक्युलर हैं या वामपंथी है या नासमझ है या बुद्धिजीवी है या कान्वेंटीएन हैं.. या बेवकूफ अशिक्षित आदि हैं... इनकी बातें बड़ी बड़ी होंगी.. लेकिन इस्लाम का असल स्वरुप इनको पता नहीं होता.. ये किसी भी तरफ वोट करते हैं.. हवा के हिसाब से..

अव चुनाव का रिजल्ट क्या आता है वो सबको पता है.. मुस्लिम करते क्या हैं..वो नंबर 2 और नंबर 3 को इश्तेमाल करते हैं नंबर 1 को हराने के लिए...

ऐसा होने पर नंबर वन कुछ सालों में खत्म हो जाता है फिर नंबर दो को होश आता है यानी दलित को.. अब इनका हिंदुत्व जागता है ... लेकिन मामला हाथ से निकल चुका होता है अब मुस्लिम अपनी जनसंख्या को नंबर तीन याने बुद्धिजीवी और वामपंथियों से जोड़ कर दलितों को भी साफ़ कर देता हैं ... किसी हिन्दू वामपंथी या मुस्लिम परस्त को जिता कर.. जैसे ममता बनर्जी...

अब नंबर1 हिंदूवादी खत्म और नंबर 2 दलित भी खत्म.. खत्म का मतलब इतने कमजोर कि अब उनके वोट की कोई औकात ही नहीं रह जाती है.. अब बचे वामपंथी और मुस्लिम .. अब ये लास्ट स्टेज हैं जहां मुस्लिम सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम प्रत्याशी खड़ा करने की जिद करता है और खड़ा कर लेता है और अपने बढ़ चुके जनसंख्या के बदौलत आराम से जीतता है... अब वामपंथी भी खत्म । जैसे बंगाल से सफाया हुआ क्योंकि ममता मुस्लिम ही है.. सभी जानते हैं उसका नाम मसामा खातून है।

ये कुछ सालों के लिए बनायीं गयी बहुत ही सफल रणनीति है .. भारत को इस्लामिक देश बनाने की.. जो गाँव से शहर और अब राज्य तक में अपना जादू दिखा चुका है। अखिलेश लालू नितीश आदि सब इस रणनीति में फंसे हुए मुसलमानों के मोहरे हैं... जिनको ये सब पता ही नहीं है और ना पता चलेगा। धीरे धीरे भारत के गाँव शहर राज्य सब इस्लामिक होते जाएंगे.. और आप भाग भाग कर इधर उधर शरण लेते रह जाएंगे.. एक समय आयेगा जब आपके शरण लिए हुए स्थान पर हमला होगा...

कर क्या सकते हैं ? बहुत कुछ लेकिन हो नहीं पा रहा.. ना होने जैसा लगता है..

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