चूँकि मैं बॉलीवुड से जुड़े विडियो एडिट करता हूँ तो शुरू शुरू में फेसबुक पर आया तो कोशिश थी कि इस लाइन से जुड़े लोगों से जुड़ा जाए। इसके बाद जिस क्षेत्र में आप हो तो साथ काम करने वाले लोगों की आईडी आपको पता चलती है और उस तरीके से भी वही खास लोग आपसे जुड़ते हैं। इसमें काफी लडकियां भी थीं जो मॉडल थीं या एक्ट्रेस थीं, कई प्रोड्यूसर डायरेक्टर संगीतकार कैमरामैन अभिनेता सभी थे। मैं भी था पक्का सेक्युलर इसलिए खूब जम रही थी।
धीरे धीरे पता नहीं कहाँ से हिंदुत्व का इंजेक्शन लगना शुरू हुआ, मन विचलित हो उठा, इतने सारे राज इतनी उम्र तक मैं कैसे जान नहीं पाया , ऐसा सोचने लगा। शुरू में पढता था, कमेंट करता था पर पोस्ट नहीं करता था। फिर कब पोस्ट करने लगा पता भी नहीं चला। हिन्दू धर्म से जुड़े जानकारियों को खोजने का पागलपन सवार हो गया जो अब तक जारी है।
मेरे इस कायाकल्प में कब मेरे फ़िल्मी लोग मेरे आईडी से निकलने लग गए पता भी नहीं चला। बहुत बाद में समझ आया कि इक्के दुक्के को छोड़ सभी ने साथ छोड़ दिया है। असल समस्या थी इस बॉलीवुड के क्षेत्र में मुस्लिमो की बढ़त। कास्टिंग से लेकर निर्माण और निर्देशन सहित सभी जगह इनकी उपस्तिथि है। अगर आप पक्के हिंदूवादी है तो आपको इस लाइन में आगे बढ़ना मुश्किल होगा। खासकर अभिनय या मॉडलिंग करते हैं तब।
क्योंकि वो लोग कट्टर मुस्लमान है, बस आपको उदारवादी होना चाहिए याने सेक्युलर। उनका धर्म के प्रति वफादार होना तो जैसे अच्छे लोगों के गुणों में माना जाता है पर आपका नहीं। कुछ लोग तो बेशर्म की तरह उनके मुंह से अपने धर्म की बुराई सुनते हैं और हँसते हैं। इस क्षेत्र में पैसा सबकुछ है। यहां लोग खतना करवाने को , गौमांस खाने तक को तैयार बैठे हैं बस कोई इस लाइन में चांस दे दे।
अब मेरी तो सबसे दोस्ती गयी। लडकियां तो सबसे पहले भागी, उसके बाद लड़के। ज्यादातर ने चुपके से unfriend किया। अब मैं सोचता नहीं कि इससे मेरे जॉब पर क्या असर पड़ेगा। जब मुस्लिम सेक्युलर नहीं हैं तो मैं क्यों ? वैसे पहले जहां 500 से 700 दोस्त बने थे वो भी पापड़ बेलने के बाद , वहीँ अब हज़ारों दोस्त हैं, और लाखों लोगों तक अन्य माध्यमों से भी बात चली जाती है, और क्या चाहिए ? ? मेरा धर्म मेरा देश ही मेरा अस्तित्व है, अब तो एक उद्देश्य मिल गया है कि पैसे कमाने के अलावे भी कुछ जिम्मेदारी है।
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