Tuesday 12 July 2016

जाकिर नाइक और श्री श्री की डिबेट

जाकिर नाईक ने श्री श्री रवि शंकर जी को एक बार खुलेआम अपने प्रयोजित शो में स्टेज पर बुलाया था। लाखों लोग जमा थे। वहाँ पर जाकिर नाईक ने बात की शुरुआत तो दोस्त के रूप में की पर जल्दी ही असली रूप में आते हुए हिन्दू धर्म की बुराई शुरू कर दी। रवि शंकर जी से सीधे इस्लाम और हिन्दू धर्म के बीच "कौन श्रेष्ठ और क्यों " की व्याख्या करने लगा। यह शो बहुत विवादित रहा, और जहां मुस्लमान इस वीडियो को अपनी जीत बताते हैं वहीँ खुद रवि शंकर जी ने कहा कि वहाँ माहौल गर्म था और इसलिए वो इस्लाम पर कुछ गलत बोलकर ख़राब स्तिथि का सामना नहीं करना चाहते थे।

लेकिन दोस्तों सच यही है कि श्री रवि शंकर जी बहस तो तब करते जब इस्लाम के बारे में कुछ जानते। वे काफी बड़े संत हैं, और सन्त होने का मतलब ये नहीं होता कि उनको दूसरे धर्म के बारे में बहुत जानकारी हो। उन्हें हिन्दू धर्म के बारे में जरूर अच्छा ज्ञान है। नतीजा ये हुआ कि जाकिर ने जब अलग अलग ग्रंथों और पुस्तकों का हवाला देना शुरू किया तो रवि शंकर जी के पास उस विषय पर जवाब नहीं थे जो कुरआन से या हदीस से जुड़ा था। इस बात का इल्म जाकिर नाईक को पहले से थे इसलिए तो उनको बुलाया था।

जाकिर नाईक को..... इस्लाम को.... बहस के दौरान पूरी तरह नंगा करने वाले लोग भी हैं यहां, लेकिन उनको वो प्रसिद्धि मिली हुयी नहीं है। महेंद्र पाल आर्य, Brij Nandan Sharma आदि ऐसे लोग हैं जिन्हें कुरआन हदीस जाकिर से ज्यादा पता है और हिन्दू धर्म के बारे में भी । इनके द्वारा भारत सहित दुनिया भर में इस्लाम की पूरी पोल खोल कर रख दी गयी है। इनकी बढ़ावा देने कोई हिन्दू संगठन भी नहीं आता। हिन्दू समाज में इस तरह के लोगों को अच्छा नहीं समझा जाता जो दूसरे धर्म की बुराई करता हो भले ही वही सच्चाई हो।

वैसे मैं तो इस पक्ष में हूँ कि सरकार जाकिर नाइक को गिरफ्तार करे उससे अच्छा है कि इसका पहले खुलेआम डिबेट करवाया जाए जिसका सीधा प्रसारण दुनिया भर में हो, पहले जाकिर और उस पर भरोसा करने वालों को मानसिक तौर पर नंगा किया जाए बाद में गिरफतारी हो इससे करोड़ों मुसलमान सीधे तौर पर हिंदुओं की श्रेष्ठता भी स्वीकारेंगे और धर्म वापसी की तरफ सोचेंगे।

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