Saturday 9 July 2016

अल्लाह हू अकबर... अल्लाह हू अकबर

"अल्लाह हु अकबर.... अल्लाह हु अकबर...."

ऐसा बोलते हुए मुस्लिम आतंकवादी ढाका के बेकरी में घुसे और गोली चलाने लगे .... बेकरी के मालिक और स्टाफ सहित  भयभीत लोग चिल्लाने लगे ....

"अल्लाह हू अकबर..... अल्लाह हू अकबर... "

आतंकी : मार डालो सबको... बंधक बना लो... अल्लाह हू अकबर....

बेकरी के लोग : नहीं नहीं... छोड़ दो हमें.... अल्लाह हू अकबर....

आतंकी उनकी नहीं सुनते हैं, गोली चलाने लगते हैं .... और चिल्लाते जाते हैं...

"अल्लाह हु अकबर.... अल्लाह हू अकबर "

गोली एक दो लोगों को लग जाती है वो गिर जाते हैं मरने लगते हैं और दर्द से कराहते हुए कहते है....

"अल्लाह हु अकबर.... अल्लाह हू अकबर ..."

इधर से स्पेशल कमांडो के लोग आ जाते हैं, योजना बनाता हुआ कमांडर कहता है,

"चलो हमला कर दो इन पर अल्लाह हू अकबर"

आतंकी को गोली मार देते हैं वो मरते हुए कहता है ....

"या अल्लाह... अल्लाह हू अकबर.."

उसके बाद कमांडो कहता है...

"आपरेशन कामयाब रहा... अल्लाह हू अकबर..."

(और कितना सुनोगे भाइयों ? समझ आ गया ना कि कैसा उलझा हुआ, पागलपन वाला मजहब है ? इस्लाम में कौन सही है और कौन गलत ये किसी को पता नहीं होता। )

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