Friday 13 November 2015

टीपू सुल्तान ने भारत के लिए नहीं खुद के लिए लड़ाई लड़ी

टीपू सुल्तान ने अगर अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लिया तो महान हो गया ? जो जानता था कि अँगरेज़ से ना लड़ने पर हिंदुओं की लाशों से गुजर कर जो सत्ता उसने हासिल की थी वो चला जाता...और इसलिए उसने भारत पर मुस्लिम शासन को बचाने के लिए अंग्रेज़ो से लोहा लिया...
ब्रिटिश गवर्मेंट के अधिकारी और लेखक विलियम लोगान ने अपनी किताब 'मालाबार मैनुअल' में लिखा है कि टीपू सुल्तान नेे 30,000 सैनिकों के दल के साथ कालीकट में हाथी पर सवार था और उसके पीछे उसकी विशाल सेना चल रही थी. पुरुषों और महिलाओं को सरेआम फांसी दी गई. उनके बच्चों को उन्हीं के गले में बांध पर लटकाया गया. ऐसा क्रूर शासक सुना था आपने ?

शहर के मंदिर और चर्चों को तोड़ने के आदेश दिए गए. यहीं नहीं, हिंदू और इसाई महिलाओं की शादी जबरन मुस्लिम युवकों से कराई गई. इस्लाम अपनाने का आदेश जारी हुआ जिसमे इनकार करने पर हत्या का आदेश शामिल था। उसने तब अफगान शासक जमान शाह को भारत पर चढ़ाई करने का निमंत्रण दिया, ताकि यहां इस्लाम को और बढ़ावा मिल सके.

उसने जो कुछ भी किया वो सब सिर्फ इस्लाम के लिए किया .. भारत के लिए और हिन्दुओ के लिए नहीं... गिरीश कर्नाड आदि वामपंथी मूर्खो को कम से कम इतिहास तो पहले पढ़ना चाहिए था।

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