Friday 13 November 2015

क्या है शालिग्राम

हिन्दू धर्म के तीन प्रमुख देवता हैं- ब्रह्मा, विष्णु और महेश। साधारण मानव ने तीनों को प्रकृति तत्वों में खोजने का प्रयास किया है। तीनों के ही मनुष्य ने साकार रूप गढ़ने के लिए सर्वप्रथम भगवान ब्रह्मा को शंख, शिव को शिवलिंग और भगवान विष्णु को शालिग्राम रूप में सर्वोत्तम माना है।

गौरतलब है कि हिन्दू धर्म में मूर्ति की पूजा बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा शुरुआत करने के बाद हुयी.. उसके पहले हवन यज्ञ और शिवलिंग शालिग्राम आदि की पूजा का विधान था। शिवलिंग और शालिग्राम को भगवान का विग्रह रूप माना जाता है और पुराणों के अनुसार भगवान के इस विग्रह रूप की ही पूजा की जानी चाहिए। शिवलिंग जहां भगवान शंकर का प्रतीक है तो शालिग्राम भगवान विष्णु का। शिवलिंग के तो भारत में लाखों मंदिर हैं, लेकिन शालग्रामजी का एक ही मंदिर है।

शालिग्राम का प्रसिद्ध मंदिर मुक्तिनाथ में स्थित है यह वैष्‍णव संप्रदाय के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह तीर्थस्‍थान शालिग्राम भगवान के लिए प्रसिद्ध है। मुक्तिनाथ की यात्रा काफी मुश्किल है। माना जाता है कि यहां से लोगों को हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। मुक्तिनाथ नेपाल में स्थित है। काठमांडु से मुक्तिनाथ की यात्रा के लिए पोखरा जाना होता है। वहां से यात्रा शुरू होती है। पोखरा के लिए सड़क या हवाई मार्ग से जा सकते हैं। वहां से पुन: जोमसोम जाना होता है। यहां से मुक्तिनाथ जाने के लिए आप हेलिकॉप्‍टर या फ्लाइट ले सकते हैं। यात्री बस के माध्‍यम से भी यात्रा कर सकते हैं। सड़क मार्ग से जाने पर पोखरा पहुंचने के लिए कुल 200 कि.मी. की दूरी तय करनी होती है।

शिवलिंग की तरह शालिग्राम भी बहुत दुर्लभ है। अधिकतर शालिग्राम नेपाल के मुक्तिनाथ, काली गण्डकी नदी के तट पर पाया जाता है। काले और भूरे शालिग्राम के अलावा सफेद, नीले और ज्योतियुक्त शालिग्राम का पाया जाना तो और भी दुर्लभ है। पूर्ण शालिग्राम में भगवाण विष्णु के चक्र की आकृति अंकित होती है।

शालिग्राम की पूजा : * घर में सिर्फ एक ही शालिग्राम की पूजा करना चाहिए। * विष्णु की मूर्ति से कहीं ज्यादा उत्तम है शालिग्राम की पूजा करना। * शालिग्राम पर चंदन लगाकर उसके ऊपर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है। * प्रतिदिन शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराया जाता है। * जिस घर में शालिग्राम का पूजन होता है उस घर में लक्ष्मी का सदैव वास रहता है। * शालिग्राम पूजन करने से अगले-पिछले सभी जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। * शालिग्राम सात्विकता के प्रतीक हैं। उनके पूजन में आचार-विचार की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

(शालिग्राम कई प्रकार के होते हैं .).

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