Friday 13 November 2015

भाजपा ने बिहार में हिंदुत्व का साथ दिया

कुछ दुखी और निराश हिन्दू भाई कह रहे हैं कि भाजपा ने हिंदुत्व के मुद्दों का साथ नहीं दिया इसलिए हार गयी ...जो कि बिलकुल गलत है ..

सच तो ये है कि मैंने इससे पहले भाजपा का इतना हिंदुत्व प्रेम किसी और चुनाव में नहीं देखा.. गौमांस .. गौमाता.. पाकिस्तान में पटाखे ... और मुस्लिम को आरक्षण नहीं मिले .. जैसे बातों को किसने उठाया ??

असली बात ये है कि जो हिन्दू वास्तव में हिन्दू हों ही नहीं तो उनके लिए ये मुद्दे उल्टा काम करते हैं...ऐसे मुद्दों को सामने लाने पर एक हिन्दू मुल्लों की तरह प्रतिक्रिया करता है।

आप भजन किसके सामने गाओगे.. ? उसी के सामने ना जो थोडा भी धार्मिक हो ?

क्या आप मिठाई (हिंदुत्व) उसको खिलाओगे जो मधुमेह (सेकुलरिज्म) का रोगी हो ?

पहले से कहता आ रहा हूँ 67 सालों से हिन्दुओ में ऐसा सेकुलरिज्म भरा गया है जो अब उसका डीएनए बन चूका है .. उसकी आँखें खोलना नामुमकिन सा हो गया है ...  हिंदुत्व की बात करो तो इन हिन्दुओ के दिमाग में आपकी एक ख़राब छवि बन जाती है .. वो आपको लड़ाई लगाने वाला और गुंडा मवाली समझ लेते हैं ...

खैर मौका अभी भी है पर 67 साल नहीं बल्कि सिर्फ तीन साल ... इस दरम्यान आप किस तरह से हिन्दुओ के भीतर  इस बात को पहुंचाते हो कि हिंदुत्व उसके अस्तित्व के लिए है.. भविष्य के विकास के लिए है... ये बीजेपी को सोचना चाहिए ...

वरना बात अगर सेकुलरिज्म से चुनाव लड़ने की आएगी तो भाजपा कभी भी कांग्रेस ... जदयू,,...राजद....सपा...बसपा...आदि की बराबरी नहीं कर सकती.....

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