Thursday 20 October 2016

काश ऐसी क्रूर संस्था भारत में होती

इसराइल की जिस खुफिया एजेंसी ने दुनिया के सबसे खतरनाक कारनामों को अंजाम दिया है, उसे दुनिया भर में मोसाद के नाम से जाना जाता है। मोसाद को इस कारण से भी सारी दुनिया में जाना जाता है कि यह अपने दुश्मनों का क्रूरता से सफाया करती है। कोई रहम नहीं।। ये तो दूसरे देशों के बड़े बड़े नेताओं को भी गुप्त तरीके से मार गिराते हैं जिसे एक दुर्घटना में लिया जाता है।

राजनेताओं की हत्या करना हो, दूसरे देश में अराजकता फैलानी हो या सत्ता परिवर्तन कराना हो, यह सभी मोसाद के ऑपरेशनों में शामिल होते हैं। इसके एजेंटों की घुसपैठ दुनिया के दूसरे देशों की एजेंसियों में भी है।

मोसाद से किसी भी देश के सीक्रेट रहस्य छुपे हुए नहीं है। ऐसी सीक्रेट रहस्यों को इधर उधर करके भी वो शिकंजे में कसते हैं। इसके एजेंटों ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मोनिका लेविंस्की के साथ बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया था और इनके सहारे बिल क्लिंटन तक को ब्लैकमेल किया था। जब इनदोनो के रिश्ते बाहर आये उसके बहुत पहले ही मोसाद ने इनके रिश्तों को जान लिया था और क्लिंटन को ब्लैकमेल भी किया था।

मोसाद एक ऐसी खुफिया एजेंसी है जिसमें मनोवैज्ञानिक युद्ध (साइकोलॉजिकल वारफेयर) का पूरा एक विभाग है जो यह तय करता है कि ऑपरेशन के कौन से खुफिया हिस्से को मीडिया में लीक करना है ताकि दुश्मनों के दिलो-दिमाग में भय और बदहवासी पैदा की जा सके।

मोसाद का पूरा एक विभाग जैविक और रासायनिक जहरों की खोज में लगा रहता है और इनके वैज्ञानिक हथियार भी बनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि फिलीस्तीन नेता यासर अराफात को मोसाद ने ऐसा जहर देकर मारा था कि उसकी पहचान तक नहीं की जा सकी। मोसाद के पास दुनिया के बड़े बड़े नेताओं की ऐसी जन्मकुंडली है जो उनके ही देश में कोई नहीं जानते।

अगर आज मैंने यहाँ मोसाद के बारे में कुछ लिखा है तो उनको पता चल जायेगा। जहां भी जो भी इंटरनेट पर mossad टाइप करते हैं उनको इन्फॉर्म होता है। बाकी इनके सबसे खतरनाक हथियार के बारे में अगली बार..

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