Saturday 29 October 2016

पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार भारतीय मुसलमान?

पाकिस्तान के पास जो सबसे बड़ा हथियार है वह उसका परमाणु बम नहीं, बल्कि वे 33 करोड़ मुसलमान हैं जो हमारे देश में रह रहे हैं. अब आप कहेंगे की ये तो 18 करोड़ है ...33नहीं तो आपका जो आंकड़ा है वो जनसंख्या के आधार पर है और मै उन्हें भी जोड़ रहा हूँ जो जनसँख्या में है ही नहीं क्यूँकी कौन जनसँख्या अधिकारी इनकी बस्तियों में घुस के सही से जनसँख्या का रिकॉर्ड बनाएगा ? आज तक नहीं बनाया है।

यह स्ट्रेटेजिक डॉक्ट्राइन 80 के दशक में जनरल जिया-उल-हक ने दी थी. उसने कहा था कि जब भारत में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमान हैं तो हमें अपने फौजी लड़ने के लिए भेजने की क्या जरूरत है?

तब से पाकिस्तान ने भारत के मुसलमानों को रेडिकलाइज (उग्र) करने में इन्वेस्ट (funding)करना शुरू किया. भारत की। कॉन्ग्रेस सरकार ने indirectly एक तरह से समर्थन दे दिया।

अगर बिलकुल कट्टर याने दंगाई मुसलामानों की भी जोड़ेंगे तो ये पूरे भारत की फौजों से तीस - पेंतीस गुना ज्यादा पड़ेंगे। अब अगर पाकिस्तान इन्हें भारत में दंगे-फसाद फैलाने का सिग्नल दे दे, तो आप कैसे संभालोगे?

बाकी के बचे मुसलमान भी या तो मूक दर्शक बनकर हवा का रुख भांपेंगे, या शोर मचाएँगे कि मुसलमानों के साथ कितना अत्याचार हो रहा है. वामपंथी पुरस्कार लौटाने लगेंगे और कांग्रेस जैसे दल सियार की तरह 'हुआँ हुआँ' करने लगेंगे। अगर दो-चार प्रतिशत मुसलमान सचमुच इसके विरोध में भी होंगे तो वे वैसे ही अप्रासंगिक होंगे जैसे 1947 के पहले थे.

भारत के अलग-अलग शहरों में किसी ना किसी बहाने से पचास हजार-एक लाख और ढाई लाख तक मुसलमान मारकाट करने को जुटे हैं, इसलिए कोई कल्पना मत समझिये। हाल ही में पश्चिम बंगाल मालदा की घटना आपके सामने है.
मुंबई के हिंसक प्रदर्शन आप देख चुके भुगत चुके हैं. कभी किसी हिन्दू त्योहार के मौके पर, या कहीं पैगम्बर से गुस्ताखी के विरोध के बहाने से. यह सब उसी मारक हथियार की मिकेनिज्म को दंगे के बहाने पाकिस्तान  टेस्ट करता है।

आतंकी हमलों के विरोध में पाकिस्तान पर आस्तीनें चढ़ाना अपनी जगह है. पर कोई लड़ाई छेड़ने से पहले यह सोच लीजिए कि उनके इस हथियार का आपके पास क्या जवाब है? इस लड़ाई को सरकार तो नहीं लड़ पायेगी, सब आपके हाथ होगा, क्योंकि सेना देश के हरेक मोहल्ले में तो नहीं जाएगी।

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