Sunday 14 August 2016

क्या आप हिंदुत्व की रक्षा के लिए 50 रुपये भी दान करेंगे

सभी कहते हैं धरातल पर कब हिंदुत्व के लिए कुछ करोगे ? सिर्फ फेसबुक पर लिखने से क्या होगा ? गौसेवा  में अगर किसी जगह आदमी की जरुरत है पैसे की जरुरत है तो कौन करेगा ? किसी जगह कोई हिन्दू भाई मुसीबत में फंसा है तो मदद कौन करेगा ? किसी को मुसलमानो ने या सेक्युलर सरकार ने गलत आरोप लगाकर फंसा दिया तो जमानत कौन लेगा ? ? ऐसी कई समस्याएं हैं जो सिर्फ फेसबुक से तो हल नहीं होती ...
लेकिन अब इसका जो सबसे बड़ा पक्ष है वो है पैसा... ।।



मुस्लिम समाज में ऐसे ही काम के लिए अफरात पैसे आते हैं, जिसे जकात कहते हैं, सऊदी से, पाकिस्तान से, ईराक से, और खुद भारत का हर मुसलमान का नियम बंधा है वो कुछ भी रकम देगा चाहे 50 रूपया हो या 20 रूपया। फिर उसी से वो अपने भाइयों को थाने से, अदालत से निकालते है, हथियार खरीदते हैं, मस्जिद बनाते हैं, मोहल्ले को सुरक्षित करते हैं, धर्मप्रचार करते हैं, धर्मप्रचार करने वाले मौलाना मौलवी को लिखने के लिए कंप्यूटर, इंटरनेट देते हैं तो पढ़ने के लिए किताबें देते है और उनकी यात्रा का खर्च उठाते हैं, सबकुछ करते हैं, कुछ तो जो अमीर मुस्लिम होते है वो दिल खोल कर पैसे देते हैं।

अब मेरे भाइयों आपलोग सोचना कि जब वो लोग इस तरह से धरातल पर कब्ज़े के लिए इतना करते है तो हमलोग उनके सामने कुछ भी नहीं हैं, हमलोग इसी वजह से पिछड़ जाते हैं, आज अगर मैं कहूँ कि एक अकाउंट में सिर्फ 20 रुपये दो तो आपलोग आधे तो अनफ्रेंड हो जाओगे, आधे जवाब नहीं देकर मरणासन्न हालात में कोपभवन में चले जाओगे, ज्यादातर तो पढ़ेंगे पर डर से like नहीं करेंगे। (ये मेरे फेसबुक पेज की पोस्ट है इसलिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल है)

क्योंकि हम हिन्दू जलनशील स्वाभाव के हैं, सभी सोचेंगे कि
1. लो शुरू कर दिया पैसा कमाने का धंधा..
2. मैं क्यों दूंगा पैसा, पता नहीं पैसा कहां जाएगा
3. पैसे से खुद  मौज उड़ाएगा, 
4. आईडिया अच्छा है, क्यों ना पैसे कमाने के लिए मैं भी ऐसा ही करूँ
5. हे भगवान्, ऐसे तो ये बहुत पैसा कमा लेगा यार.. इसको आगे नहीं निकलने देना चाहिए। 
6. ये सब बकवास है, सबकुछ सोशल मीडिया से ही हो जायेगा, इतने धनवान मंदिर है, कहाँ कुछ होता है ? इत्यादि।

ये आपकी सोच है और इसका मुझे पूरा पता है, आपका एक एक पैसा कैराना और कांधला में छूट जायेगा दूकान जमीन सहित, लेकिन आप 20 रूपये दोगे नहीं। आप 500 रुपये के बड़े बड़े भगवान के फोटो फ्रेम करके लगा लोगे लेकिन 50 रुपये कोई मांगे तो तुरंत उसी पल से आप उसे हिन्दुवादी से भिखारी की श्रेणी में रख के व्यवहार करोगे।

आज जो आपलोग इस्लाम के बारे में इतना डट के बोलते हो और कुरआन, हदीश की बातें जानने लगे हो वो आपकी मेहनत से नहीं है, आप तो कुरआन पढ़ ही नहीं सकते, मैं जानता हूँ इसका जनक कौन है, और ये भी जानता हूँ कि उर्दू अरबी फ़ारसी सहित कई भाषाओं के जानकार उस बुजुर्ग विद्वान का कंप्यूटर दो साल से खराब है। उसने तो बड़े बड़े हिन्दुवादियों से मदद मांगी पर एक रूपया नहीं मिला। हमारे कई हिन्दू भाइयो को अखिलेश और नितीश ममता के राज में यूँही पकड़ लेते हैं, उनको कौन छुड़ाएगा ? ? परिवार तो इसके दौड़ेंगे मगर आप और हम उसकी मदद नहीं कर सकते ? अगर सबने 50 - 50 रुपये भी महीने के दिए हैं तो हम उसे 2000 या 5000 रुपये भेज सकते हैं। कुछ भी मदद कीजिये। ऐसे बैठे बैठे सबकुछ हाथों से निकल जायेगा। साध्वी प्रज्ञा जी के लिए हमारे एक भाई दौड़ते हैं, कोर्ट में हम उनको हरेक अदालती तारीख पर 1 हज़ार तो दे सकते हैं ?

पूर्वाजो का धर्म था भिक्षा देना

भाइयों ये समय है जब कुछ करना होगा जिसके असर नजर आये। मोदीजी प्रधानमंत्री है, वो आपके धर्मरक्षा के साथ उसके धर्मरक्षा से भी बंधे हुए हैं, मज़बूरी है, आप आगे आओ, और महीने के 50 रुपये कम से कम दो। इसका सारा हिसाब किसने कितना दिया और कहाँ खर्च हुआ वो खुलेतौर पर मेरे ब्लॉग्स पर दर्ज रहेगा।
आजकल ऑनलाइन पैसे भी आराम से मोबाइल से ही ट्रांसफर होते हैं। या जैसे भी करो। फिलहाल मैं उस बुजुर्ग के लिए कम्यूटर लेना चाहता हूँ जिसने पूरी दुनिया में इस्लाम की सच्चाई पहली बार खोली। अकाउंट नंबर दे रहा हूँ।
samir kumar, SBI, ac no. 30029424684,
IFSC CODE- IFSC= SBIN0009007,
Branch- Purani Godown, Gaya (bihar)
Email- samirarty2k@gmail.com

(चूँकि कोई भी अकाउंट पुरे देश के ब्रांच में किसी भी कार्य के लिए समस्या नहीं देती तो मुम्बई में रहकर मैं इसी अकाउंट का प्रयोग करता हूँ।)

और हाँ ये मदद सिर्फ मेरे जानकारी पर नहीं होगी, आपके आसपास भी जरुरत होगी तो पैसे भेजे जाएंगे। खुद कभी आपको जरुरत लगी तो वहाँ भी पैसे जाएंगे। कोशिश करने में क्या हर्ज है। 50 ना सही 20 ही रुपये सही, अब आपके मन में वही सब आ रहा होगा जो ऊपर छह पॉइंट मैंने लिखे ?

आपकी बात जानता हूँ आप सब मदद करना चाहते हो पर सड़क पर जाकर लाठियां नहीं खाना चाहते, नौकरी छोड़ कर जाना नहीं चाहते और इसलिए मैं ये विकल्प दे रहा हूँ कि घर बैठे जो कर सकते हैं वो करते हैं, वो भी बिना खतरा उठाये।

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