Monday 29 August 2016

क्या है भारत से इस्लाम के खात्मे का रास्ता ?

सभी लोग इस बारे में लिखते हैं, कि मुस्लिम या इस्लाम हमारे जीवन और देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है। बड़े बड़े लेखक भी इस तथ्य पर एकमत हैं। अपने अपने क्षमता के हिसाब से शब्दों के द्वारा हर कोई ये समझाने में व्यस्त है कि ये खतरा सर पर मंडरा रहा है और अब जाग जाओ।
लेकिन आश्चर्यजनक रूप से कोई भी इसका रास्ता नहीं सूझा रहा ... कि भारत से इस्लाम का सफाया कैसे हो... क्या है आइडिया ? लिखने को तो खूब लिख रहे हैं और इसको समझाने में लगभग लोग सफल भी हो गए हैं लेकिन बात वहीँ फंस जाती है कि सामने वाला आदमी ये तो समझता है कि इस्लाम एक खतरा है पर उस खतरे को हटाने का उपाय क्या है.... ये कोई नहीं बता पा रहा।

कुछ सेक्युलर या जो थोड़े बहुत जिनमे सेक्युलारिस्म बचा रह गया है वो तो सीधा गुस्से हो जाते है और कहते हैं ...

"हाँ तो क्या करें.. मार दें करोड़ो मुस्लिमों को ..?"

"मोदी जी क्या गोली चलवा दें सभी मुस्लिम पर, करोड़ों हैं "

इसके बाद इस्लाम को खतरा बताने वाले लोग चुप हो जाते हैं क्योंकि उनको भी लगता है कि ये तो होने वाला है ही नहीं ... तो फिर इस खतरे को आगाह करने भर से क्या होगा ? ?

दूसरा रास्ता कुछ बोलते हैं धर्म परिवर्तन... जैसे आर्यसमाजी लोगों को इस सिद्धांत पर ज्यादा विश्वास है पर इसमें जब आजतक वो सफल नहीं हुए तो अब क्या होंगे ? ? वैसे भी अपने धर्म के प्रति उनकी कट्टरता सब जानते हैं, 72 हूरों के प्रति असीम प्रेम है उन्हें।। वो आर्यसमाजी बनकर हूरों को छोड़ देंगे क्या ? ?

फिर रास्ता क्या है ? ? रास्ता तो विवादित ही है... पूरी दुनिया में बर्मा इस मामले में अमेरिका, फ़्रांस,, इसराइल आदि से बाजी मार ले गया है, जिस काम को पूरी दुनिया ने ही असम्भव करार दिया उसे बर्मा ने कर दिखाया और एक एक मुस्लिम को भगा डाला। इसके बारे में मैं भी लिख चुका कि कैसे संभव हुआ। ये धर्म परिवर्तन से नहीं बल्कि बौद्धों के कट्टरता से संभव हुआ, "बुध्दम शरणम् गच्छामि" से नहीं हुआ बल्कि बहुत बड़ा आंदोलन चला जिसका अनुभव भी हम भारत में बैठ कर नहीं सकते। बौद्ध सन्त विराथु जी ने इसकी कमान संभाली हुयी थी। इससे एक बात और तय होता है कि भारत में ये कार्य कोई साधु संत करेगा ना कि मोदी जी या पोलिटिकल नेता।। इसका रास्ता वही होगा... और कुछ नहीं, अगर मैंने ये यहाँ लिखा तो विवादित होगा इसलिए नहीं लिख सकता।

आखिरी बात ... आप चाहे ये कल्पना करने से भी डरें कि इतने करोड़ मुस्लिम को क्या मार दें या भगा दें ? लेकिन हरेक मुसलमान उनसे कई गुना ज्यादा जनसंख्या वाले हिंदुओं को मारने, भगाने, मिटाने का सिर्फ कल्पना ही नहीं करता बल्कि उस पर काम कर रहा है, और वो पूरी तरह विश्वास करता है कि एक दिन भारत से हिंदुओं का सफाया कर देंगे क्योंकि इसमें उनको छोटे स्तर पर हज़ारो जगहों पर इसी भारत में सफलता मिल चुकी है और बखूबी मिल रही है। दूसरी तरफ हम है जो ऐसा सोच कर भी डर जाते हैं लेकिन वो दिन आना तय है, चाहे आप जितना भाग लें।

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