कल एक कश्मीरी नौजवान से बात हो गयी ...
"क्या भाईजान, ये सारी समस्या 370 से है क्या"...
"हमारा मतलब 370 से नहीं 72 से है, 72 हूर से.."
"ये भाजपा गठबंधन परेशान करती होगी शायद.."
"लाखों हिंदुओं को हमने कांग्रेस के ही शासन में मारा था, हमें मतलब सिर्फ इससे है कि कश्मीर पाकिस्तान का हो जाए।"
"तो तुम चले जाओ पाकिस्तान..."
"फिर हमारा 'जिहाद' कहाँ हुआ ... ? जब हम काफिरों को खत्म करके इस्लाम स्थापित करेंगे तब हमें जिहादी कहा जाएगा और 72 हूर मिलेंगे...ये इस्लाम का धार्मिक कार्य है।"
"अच्छा ? पर प्रधानमंत्रीजी ने कहा कि पत्थर की जगह कॉपी किताब और लैपटॉप हाथ में दे देंगे तो सुधर जाओगे ..."
"मुझे तेरा प्रधानमंत्री बेवकूफ नहीं लगता, बल्कि तू लगता है, क्या बाकी इस्लामिक देशों में स्कूल कॉलेज नहीं हैं ? कॉपी किताब लैपटॉप नहीं है ? मोदी बस टाइमपास कर रहा है इस मुद्दे पर..."
"कहते तो सही हो यार, मुर्ख मैं भी नहीं हूँ, लेकिन भाईजान फिर रास्ता क्या है ? कैसे जाओगे तुम कश्मीर से ? ? "
"कश्मीर से ? अबे हम तो पूरे देश पर कब्ज़ा करेंगे बेवकूफ ? कांधला कैराना अलीगढ जैसे हज़ारो गाँव तो कब्ज़ा कर भी लिए, तुम्हे पता भी तब चला होगा जब खबर मीडिया में आयी होगी , है ना ? ? इन जगहों पर 370 था क्या ..पर क्या कर लिया किसी ने ?"
अह... हाँ....
"हा हा हा... बेवकूफ हिन्दू... कॉपी किताब और लैपटॉप... हाहा.. "
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