जो नया इंसान मेरे घर में आया है उसे पुरानी फिल्मों के अभिनेता या अभिनेत्री के बारे में ज्यादा पता नहीं है। ऐसे में मैं टीवी चैनल बदल के पुराने या 90s के गाने देने वाले चैनल लगा दिया करता हूँ। एक बार राजेश खन्ना का गाना दे रहा था, मैंने बताया ये भी सुपरस्टार था, मर गया। .....किसी दिन राजकपूर का गाना दे रहा था, मैंने बताया कि ये भी मर चुका है अब तो। एक दिन सुनील दत्त फिल्म में था, मैंने बताया ये संजय दत्त का बाप है, अच्छा आदमी था , मर गया बेचारा। इस तरह से कभी कभी ऐसा मेरे मुंह से निकल गया।
अब हालत ये है कि एक दिन मैं कोई गाना देख रहा था और पुरानी फिल्मों की जानकारी उसे है नहीं तो मैं ही बता देता हूँ कि ये जो है ना दिलीप कुमार है, अपने समय का अच्छा हीरो था,
तभी उसने कहा.... "तो क्या मर गया ?"
अरे नहीं जिन्दा है तो...
ऐसे ही एक दिन...
मीनाक्षी शेषाद्रि की फिल्म आ रही थी दामिनी...
उसने पूछा इसका नाम क्या है.. अच्छी लग रही है..
मैंने कहा .."इसका नाम मीनाक्षी शेषाद्रि है कई फिल्मों में काम किया है "
अचानक उसने कहा ."मर गयी क्या ?"
इस तरह से कई बार हुआ.. एक दिन मैंने सिर्फ इतना कहा, ये पुराना हीरो है... उधर से जवाब आया ... "मर गया होगा ?"
बस उस दिन मुझे बोलना ही पड़ा... "अरे जिसके बारे में तुम्हे नहीं पता या पुराने का समय का है, वो सब क्या मर ही गए होंगे ?
"नहीं वो आप ही तो कहते हैं "...
लेकिन बाद ने इस बात पर बड़ी हंसी आयी। मैं जरूर झुंझला गया पर असल में ये पूरी स्टोरी कॉमेडी बन गयी थी।
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