21 साल की उम्र में फिल्म ‘आशिकी’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाली अभिनेत्री अनु अग्रवाल की पहचान एक बोल्ड एक्ट्रेस के रूप में बनी. सांवली सलोनी और लंबे कद की सीधी-साधी दिखने वाली अनु ने अपनी पहली ही फिल्म से दर्शकों के दिलों पर कब्जा कर लिया. इस फिल्म से देश को पहली सुपरमॉडल मिली थी. फिल्म ‘आशिकी’ में अनु का ग्लैमरस अंदाज काम कर गया और यह फिल्म उस समय की ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई. इस फिल्म से अनु बॉलीवुड की सनसनी बन गईं.
लेकिन युवा दिलों की धड़कन बन चुकी अनु अचानक ही बॉलीवुड से गायब हो गई. छह फिल्में देने के बाद अनु ग्लैमर जगत में दिखाई देना बंद सी हो गई थीं. इसके बाद गुमनामी के अंधेरे में गुम अनु को बॉलीवुड ने भी तलाशने की कोशिश नहीं की. तो पता चला कि अनु ने योग और अध्यात्म की तरफ रुख कर लिया है. उन्होंने सन्यासिनी की तरह जिंदगी जीना शुरू कर दिया था.
2013 में जब फिल्म ‘आशिकी 2’ को बनाया जा रहा था तब मायानगरी को एक बार फिर आशिकी फेम अनु की याद आई. सबने उन्हें तलाशने की काफी कोशिश की. काफी समय बाद जब अनु अग्रवाल कैमरे में कैद हुई तो उन्हें पहचान पाना नामुमकिन ही था. खूबसूरत चेहरे वाली अनु का चेहरा मुरझाया हुआ था. तब और अब की अनु में जमीन आसमान का अंतर आ चुका था. सबको अपने चेहरे की चमक से आकर्षित करने वाली अनु के चेहरे से अब रंगत गायब थी. इस बदलाव के पीछे की सच्चाई काफी भयानक है.
1999 में एक रात अनु आधी रात को पार्टी से लौट रही थी कि उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गई. इस हादसे में उनका चेहरा पूरी तरह लहूलुहान हो गया. मुंबई की सड़क पर तड़पती अनु को किसी ने नहीं पहचाना. अनु को मुंबई पुलिस ने घायल अवस्था में ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया था. वह कोमा में चली गई. और 29 दिन बाद जब अनु को होश आया तो वह सब भूल चुकी थी. अनु ने अपनी याददाश्त खो दी थी.
2013 में जब फिल्म ‘आशिकी 2’ को बनाया जा रहा था तब मायानगरी को एक बार फिर आशिकी फेम अनु की याद आई. सबने उन्हें तलाशने की काफी कोशिश की. काफी समय बाद जब अनु अग्रवाल कैमरे में कैद हुई तो उन्हें पहचान पाना नामुमकिन ही था. खूबसूरत चेहरे वाली अनु का चेहरा मुरझाया हुआ था. तब और अब की अनु में जमीन आसमान का अंतर आ चुका था. सबको अपने चेहरे की चमक से आकर्षित करने वाली अनु के चेहरे से अब रंगत गायब थी. इस बदलाव के पीछे की सच्चाई काफी भयानक है.
1999 में एक रात अनु आधी रात को पार्टी से लौट रही थी कि उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गई. इस हादसे में उनका चेहरा पूरी तरह लहूलुहान हो गया. मुंबई की सड़क पर तड़पती अनु को किसी ने नहीं पहचाना. अनु को मुंबई पुलिस ने घायल अवस्था में ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया था. वह कोमा में चली गई. और 29 दिन बाद जब अनु को होश आया तो वह सब भूल चुकी थी. अनु ने अपनी याददाश्त खो दी थी.
डॉक्टर कहते हैं, ये बच कैसे गयी क्योंकि वो लगभग मृत थी। जब सांसें आयी तो वो कोमा में जा चुकी थी। कहते हैं 29 दिनों के बाद उसने आँखें खोली तो उसे अपने बारे में कुछ याद नहीं था। स्क्रिप्ट देखकर डायलाग याद करने वाली अनु की याददाश्त जा चुकी थी। वो कोई अभिनेत्री है, उसका खुद का नाम क्या है, वो किस शहर में है, माँ बाप घर , अपना जीवन कुछ याद नहीं था। सबकुछ एक एक्सीडेंट में खत्म हो चूका था।
इसके बाद वह बिहार के मुंगेर स्थित प्रसिद्ध योग साधना केंद्र में चली गईं. जहां वह अपनी याददाश्त को वापस पाने के लिए योग साधना करने लगीं. कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद अनु की याददाश्त वापस आ गई. उन्हें अपना अतीत याद आ गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. अनु के हाथ से सब निकल गया था. एक तरह से अनु का यह एक पुनर्जन्म ही था.
बड़ी से बड़ी हस्ती कब किस्मत के हाथों मजबूर हो जाए , कोई नहीं जानता। एक अभिनेत्री मुंबई की सड़कों पर एक्सीडेंट के बाद तड़पती रही, सामने मौत को देखती रही, कोई मदद को नहीं आया। दिल्ली की इस लड़की को इसी शहर ने सबकुछ दिया था और इसी शहर ने सबकुछ लूट लिया था। क्या इसे ही 'किस्मत' नहीं कहा जाता ?
उन्होंने कहा कि यह उनका दूसरा जीवन है। पहले जीवन में उन्होंने भोग की दुनिया को जिया और अब योग को जी रही हैं।
बड़ी से बड़ी हस्ती कब किस्मत के हाथों मजबूर हो जाए , कोई नहीं जानता। एक अभिनेत्री मुंबई की सड़कों पर एक्सीडेंट के बाद तड़पती रही, सामने मौत को देखती रही, कोई मदद को नहीं आया। दिल्ली की इस लड़की को इसी शहर ने सबकुछ दिया था और इसी शहर ने सबकुछ लूट लिया था। क्या इसे ही 'किस्मत' नहीं कहा जाता ?
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