
पर निजाम नें समझौते का उलंघन करते हुए राज्य में एक रजाकारी आतंकवादी संगठन को जुल्म और दमन के आदेश दे दिए और .राज्य में हिंदु औरतों पर बलात्कार होने लगे उनकी आंखें नोच कर निकाली जाने लगी और नक्सली तैय्यार किए जाने लगे|

सरदार पटेल निजाम के साथ लंबी लंबी झुठी चर्चाओं से उकता चुके थे अतः उन्होने नेहरू के सामने सीधा विकल्प रखे कि युद्ध के अलावा दुरा कोई चारा नही है। पर नेहरु इस पे चुप रहे |
कुछ समय बीता और नेहरु देश से बाहर गए सरदार पटेल गृह मंत्री तथा उप प्रधान मंत्री भी थे इसलिए उस उस वक़्त सरदार पटेल सेना के जनरलों को तैयार रहने का आदेश देते हुए विलय के कागजों के साथ हैदराबाद के निजाम के पास पहुचे और विलय पे हस्ताक्षर करने को कहा |
निजाम ने मना किया और नेहरु से हुए समझौते का जिक्र किया उन्होंने कहा की नेहरु देश में नहीं है तो वो ही प्रधान हैं।
उसी वक्त नेहरु भी वापस आ रहे थे अगर वो वापस भारत की जमीन पे पहोच जाते तो विलय न हो पाता इस को ध्यान में रखते हुए पटेल ने नेहरु के विमान को उतरने न देने का हुक्म दिया ।
उसके बाद नेहरु के विमान को उतरने दिया गया लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल ने नेहरु को फ़ोन किया और बस इतना ही कहा ” हैदराबाद का भारत में विलय ” ये सूनते ही नेहरु ने वो फ़ोन वही AYERPORT पे पटक दिया ” (13 अगस्त 2013 की पोस्ट)
No comments:
Post a Comment